बीजेपी का मिशन लोकसभा 2014 है मोदी का उपवास
इस कड़ी में 17 सितंबर से शुरू होने वाले मोदी के उपवास के एकजुटता दिखाने के लिए लालकृष्ण आडवाणी, अरुण जेटली, राजनाथ सिंह, रविशंकर प्रसाद, शाहनवाज हुसैन, मुख्तार अब्बास नकवी जैसे नेताओं के साथ-साथ अकाली दल नेता व पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और जयललिता के भी आने का कार्यक्रम है। हालांकि जयललिता की तरफ से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। मतलब साफ है कि एकता और शांति के लिए होने वाला मोदी के इस उपवास में 2014 के चुनावी नजारे दिख सकते हैं। वैसे अगले साल गुजरात विधानसभा और पंजाब विस का चुनाव है इसलिए इस परिपेक्ष्य में मोदी का उपवास उपवास कम चुनावी समीकरण बैठाने के लिए ज्यादा मालूम पड़ता है।
हालांकि इस उपवास का कांग्रेस ने तीखी आलोचना की है। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी वातानुकूलित हाल में बैठकर खुद को अल्पसंख्यकों का मसीहा साबित करना चाहते हैं। जबकि सच्चाई इससे उलट है। वैसे इन नेताओं का कार्यक्रम सुषमा स्वराज के सिंगापुर से लौटने के बाद ही तय होगा।