8वीं क्लास के बच्चे को मिला मोबाइल, बदल गई जिंदगी, अब 7-8 लाख रुपये की कमाई
उत्तराखंड का युवा प्रियांश बागवानी और खेती में सक्रिय है। 20 साल के होनहार की सफलता प्रेरक है। roorkee Youtuber priyansh goyal gardening agriculture success story
रुड़की / देहरादून, 05 अक्टूबर : खेती और बागवानी को अपना करियर बनाने वाले कई ऐसे युवा हैं जो बड़े-बड़ों को भी इंस्पायर करते रहते हैं। ऐसे ही एक होनहार किशोर का नाम प्रियांश गोयल है। देवभूमि उत्तराखंड में रहने वाले 20 साल के प्रियांश की काबिलियत का अंदाज़ा इसी बात से होता है कि खेलने-कूदने की उम्र में उन्होंने यूट्यूब को अपना सशक्त हथियार बनाया और आज अच्छे-खासे पैसे भी कमा रहे हैं। सोशल मीडिया को खेती और बागवानी से जुड़े कैरियर में मजबूत हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे प्रयास गोयल अपने भविष्य के बारे में कहते हैं कि ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद वे पूरी तरह से खेती से जुड़ना चाहते हैं। बागवानी से खास लगाव है इसलिए अपना भविष्य भी खेती में ही देखते हैं। (सभी तस्वीरें साभार- फेसबुक @Amazing Priyansh)
प्रकृति के बीच में रहना अच्छा लगता है
प्रियांश गोयल की पहचान युवा बागवान के अलावा खेती में सफल व्यवसाय करने वाले किशोर के रूप में भी होती है। प्रियांश रुड़की में रहते हैं और इन्हें गार्डनिंग से मोहब्बत है। गार्डनिंग से खास लगाव रखने वाले प्रियांश गोयल इस बात की मिसाल है कि युवाओं को भी प्रकृति के बीच में रहना अच्छा लगता है।
काबिल बनो, कामयाबी पीछे...
युवा खासतौर से प्रकृति के बीच रहना और बागवानी जैसे मोमेंट को तब और अच्छे से एंजॉय करने लगते हैं, जब प्रकृति के बीच में रहने के साथ-साथ खेती और बागवानी आय का भी अच्छा जरिया बन जाती है। दरअसल, तकनीक के दौर में युवाओं की छवि मेहनत से बचने वाले यह ग्रुप की हो गई है, लेकिन खेती-बाड़ी और गार्डनिंग को अपना करियर बना चुके 20 साल के प्रियांश लीक से हटकर काम करने और काबिलियत से कामयाबी को अपने पीछे आने पर मजबूर करने वाले किशोर हैं।
प्रियांश लाखों लोगों तक पहुंच सकते हैं
प्रियांश यूट्यूब का इस्तेमाल इतनी शानदार तरीके से करते हैं कि ग्लोबल विलेज कही जाने वाली इस दुनिया में उन्हें दूसरों से संपर्क करने में मशक्कत नहीं करनी पड़ती। सोशल मीडिया की मदद से चुटकियों में प्रियांश लाखों लोगों तक पहुंच सकते हैं।
चमकता सितारा बनकर उभरे युवा प्रियांश
ऐसे समय में जब किसान परिवार के बच्चे खेती-किसानी की चुनौतियों के सामने नतमस्तक होते जा रहे हैं। बदहाली ऐसी कि खुद किसान भी अपने बच्चों को खेती किसानी से जुड़ने की सलाह नहीं दे रहे। प्रियांश एक ऐसा चमकता सितारा बनकर उभरे हैं जो पेड़ पौधों से लगाव तो रखता ही है साथ ही बागवानी से जुड़ी चीजें बेच कर पैसे भी कमाता है। उन्होंने बताया कि यूट्यूब पर पेड़ पौधों की बात लोगों ने पसंद किया। ऐसे में उन्हें पूरा यकीन है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो पेड़ पौधों के बारे में बहुत कुछ जानना चाहते हैं। उनके जैसे कई युवा भी इस मुहिम से जुड़ना चाहते हैं, जहां लोगों को खेती और बागवानी से जुड़ी हुई जानकारियां मिलें। यही कारण है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद भविष्य में भी प्रियांश खेती से जुड़कर ही काम करते रहना चाहते हैं।
सोशल मीडिया की मदद से कामयाबी
एग्रीकल्चर को करियर बनाने का फैसला कर चुका यह होनहार सोशल मीडिया का बखूबी इस्तेमाल करता है। 20 साल के प्रियांश गोयल यूट्यूब पर गार्डनिंग यूट्यूबर के रूप में पॉपुलर हैं। दूसरी तरफ बागवानी से जुड़ी चीजें बेचने के लिए प्रियांश इंस्टाग्राम का सहारा भी लेते हैं।
यूट्यूब से आमदनी की शुरुआत कैसे
यूट्यूब पर प्रियांश गोयल लोगों को बागवानी से जुड़ी सलाह देते हैं। इलायची जैसी चीजों को उगाने से लेकर बागवानी की कई रोचक जानकारियां शेयर करते हैं। बागवानी और खेती से आमदनी के बारे में प्रियांश बताते हैं कि उन्होंने फोन से वीडियो बनाने की शुरुआत शौकिया तौर पर की थी, लेकिन बाद में उन्हें यूट्यूब और इंस्टाग्राम के कंटेंट के जरिए कमाई का आभास हुआ। इसके बारे में जानकारी जुटाई और जुट गए वीडियो कंटेट बनाने में।
2 गुना या 3 गुना अधिक पैसे कमाते हैं
वीडियो कंटेट बनाने की ओर रुझान होने पर प्रियांश खेती और बागवानी के क्षेत्र में कैरियर बनाने की दिशा में आगे बढ़े। आज आलम यह है की महज 20 साल की उम्र में प्रियांश अपने हम उम्र लड़कों की तुलना में एक महीने में 2 गुना या 3 गुना अधिक पैसे कमाते हैं।
8वीं क्लास में मोबाइल, बदल गई लाइफ
किशोर यूट्यूबर और बागवान प्रियांश एक प्रकार से आत्मनिर्भर होने के अलावा घर की आर्थिक स्थिति सुधारने में भी मदद करते हैं। प्रियांश बताते हैं कि उनके पिता इलेक्ट्रॉनिक और स्टेशनरी की दुकान चलाते हैं। बचपन में उन्होंने कई बार पिता की मदद के लिए दुकान पर बैठने का भी फैसला किया, लेकिन आठवीं क्लास में मिले मोबाइल फोन से उनकी जिंदगी बदल गई।
इंटरनेट पर पैसे कमाने के तरीकों की तलाश
प्रियांश के पिता ने जब उन्हें फोन दिलाया उस समय घर की माली हालत उतनी अच्छी नहीं थी। ऐसे में प्रियांश के बाल मन में यह सवाल आता था कि वह किस तरह से अपने घर की आर्थिक मदद कर सकते हैं ? जवाब की तलाश में प्रियांश ने इंटरनेट पर सर्च करना शुरू किया। वे बताते हैं कि अगस्त 2021 के बाद उन्होंने पाया कि गार्डनिंग से जुड़ी चीजों की खरीदारी भी होती है ऐसे में उन्होंने गार्डनिंग से जुड़ी चीजों को बेचने के लिए एक अन्य बेहद पॉपुलर सोशल नेटवर्किंग टूल इंस्टाग्राम का भी सहारा लिया और इंस्टाग्राम की मदद से वे गार्डनिंग से जुड़ी चीजों को मुहैया कराते हैं।
मोबाइल से ही वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू की
ऑनलाइन पैसे कमाने के क्या-क्या विकल्प हो सकते हैं ? इस सवाल के जवाब की तलाश में आठवीं क्लास के प्रियांश को जब फोन मिला तो उस समय यूट्यूब वीडियो बनाने का या आधुनिक शब्दावली के मुताबिक यूट्यूबर बनने का प्रचलन नहीं था। हालांकि, कैमरा वाले मल्टीमीडिया मोबाइल हैंडसेट के कारण प्रियांश ने वीडियो बनाना शुरू किया।
पहली वीडियो कैसे और कब बनी
बकौल प्रियांश, उन्हें वीडियो रिकॉर्डिंग करनी पसंद थी, ऐसे में उन्होंने वीडियो बनाने शुरू किए और बाद में यूट्यूब प्रियांश की कमाई का जरिया बन गया। प्रियांश बताते हैं कि शुरुआती दिनों में वीडियो उस समय बनाने की शुरुआत की जब उनके घर की छत पर लगभग 10 पौधे लगे हुए थे। उन्होंने इन पौधों की वीडियो बनाकर एक नई दिशा में कदम बढ़ाए।
पहली कोशिश में उत्साह बढ़ाने वाले नतीजे
भले ही शुरुआत में उनके पास बागवानी यानी गार्डनिंग से जुड़ी जानकारियां नहीं थी लेकिन एक छोटे बच्चे को गार्डनिंग करते देखना लोगों को खूब पसंद आया था। यही कारण था कि यूट्यूब के अकाउंट पर वीडियो अपलोड करने के बाद प्रियांश बहुत जल्द 30,000 से अधिक सब्सक्राइबर वाले यूट्यूब अकाउंट के ओनर बन गए।
10वीं का एग्जाम और सेकेंड इनिंग की शुरुआत
यूट्यूब पर बढ़ती लोकप्रियता के बीच प्रियांश को झटका भी लगा। उनका यूट्यूब अकाउंट किसी कारण से बंद हो गया और इस तगड़े झटके के कारण प्रियांश ने वीडियो बनाने बंद कर दी। दोबारा पढ़ाई पर ध्यान देने लगे प्रियांश ने 10वीं कक्षा की परीक्षा दी। एग्जाम के बाद एक बार फिर उन्हें कुछ खाली समय मिला तो खाली समय में प्रियांश ने एक नया यूट्यूब चैनल शुरू करने का फैसला लिया।
यूट्यूब पर चार लाख से अधिक सब्सक्राइबर
प्रियांश बताते हैं कि दूसरी पारी में इनकी शुरुआत और इंस्पायरिंग रही। लोग उनकी वीडियो पसंद कर रहे थे। जब हम अक्टूबर 2022 में प्रियांश की सक्सेस स्टोरी की बात कर रहे हैं तो उनके यूट्यूब चैनल चार लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं। 8वीं क्लास के बच्चे के रूप में प्रशांत ने बागवानी की जो वीडियो बनाने की शुरुआत की, उस समय शायद उन्हें यह आभास भी नहीं रहा होगा कि उन्हें गार्डनिंग इतनी रास आएगी कि वह इसे अपना करियर बना लेंगे।
पॉलिटेक्निक छोड़ एग्रीकल्चर का रास्ता चुना
प्रियांश की सक्सेस का आलम यह है कि गार्डनिंग को कैरियर बना चुके प्रियांश गोयल की छत पर आज 300 से अधिक पौधे हैं। 10वीं कक्षा की परीक्षा के बाद प्रियांश ने आगे की पढ़ाई के लिए विज्ञान का विषय चुना। विज्ञान में 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद परिवार वाले प्रियांश को पॉलिटेक्निक की तरफ भेजना चाहते थे, लेकिन प्रियांश का दिल तो प्रकृति के साथ था। ऐसे में उन्होंने एग्रीकल्चर का रास्ता चुना। ग्रेजुएशन में उन्होंने एग्रीकल्चर (बीएससी) सब्जेक्ट सिलेक्ट किया। देहरादून की नर्सरी और फैक्ट्री में जाने पर लोग प्रोडक्ट के बारे में पूछताछ करते थे। ऐसे में उन्हें बिजनेस आइडिया सूझा और उन्होंने इंस्टाग्राम के जरिए गार्डनिंग प्रोडक्ट की बिक्री की शुरुआत कर दी। बकौल प्रियांश, गार्डनिंग के प्रोडक्ट बेचने के अलावा वे देहरादून के लोकल हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट भेजते हैं जिसमें मुख्य रुप से नारियल के फाइबर से बने गमले और घोसले शामिल हैं।
दादाजी और पिता को भी गार्डनिंग का शौक
बकौल प्रियांश, घर वालों ने पॉलिटेक्निक कॉलेज में रजिस्ट्रेशन भी करा दिया था, लेकिन उन्होंने घर वालों को समझाया और अपनी रुचि के हिसाब से एग्रीकल्चर में आगे की पढ़ाई का फैसला लिया। बाद में घर वालों ने भी उनका साथ दिया। अब प्रियांश सफल गार्डनिंग यूट्यूबर बन चुके हैं। वे बताते हैं कि घर की पुरानी बाल्टी और तमाम डिब्बों का इस्तेमाल करके उन्होंने पौधे लगाने की शुरुआत कर दी। दादाजी और पिता को भी गार्डनिंग पसंद थी इसलिए घर से पूरा सपोर्ट मिला। जब वे वीडियो फॉर्मेट में कंटेट प्रस्तुत करते थे तो घर के साथ-साथ सोशल मीडिया यूजर्स को भी उनका यह तरीका काफी पसंद आता है।
लाखों रुपये महीने की कमाई
कोरोना महामारी के दौरान लगी पाबंदियों के बीच प्रियांश का काम और निखर कर सामने आया। इस समय उन्होंने लॉकडाउन के दौरान यूट्यूब के माध्यम से फ़र्टिलाइज़र कंपनी और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की कंपनियों की तरफ से पेड प्रमोशन करने के मौके मिले। प्रियांश की कहानी देखने के बाद शाहरुख खान की फिल्म का डायलॉग याद आता है। 'किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उसे मिलाने की साजिश करती है।' शायद ये डायलॉग 20 साल के प्रियांश गोयल पर भी सटीक बैठती है क्योंकि एग्रीकल्चर को एक विषय के रूप में चुनने वाले प्रियांश रुड़की के बाद फिलहाल देहरादून में बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन कामयाबी की कहानी बन चुके प्रियांश हर महीने 60-70 हजार रुपये काम लेते हैं। यानी सालाना 7-8 लाख रुपये की कमाई। प्राइवेट नौकरी में लाखों की सीटीसी पैकेज वाली नौकरी भाग रहे युवाओं के सामने प्रियांश निश्चित ही प्रेरक उदाहरण है। उन्होंने दिखाया है कि कैसे अपने शौक को पेशा बनाकर हुनर से हजारों ही नहीं लाखों रुपए कमाए जा सकते हैं।
फेसबुक से जुड़ने पर एक और ताकत मिली
देहरादून में बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई के दौरान बागवानी के शौक के बारे में प्रियांश बताते हैं कि घर में जगह की कमी के कारण उनके पास खुद के पौधे तो नहीं हैं, लेकिन वे देहरादून में अलग-अलग नर्सरी, फार्म और फर्टिलाइजर फैक्ट्री में जाकर वीडियो बनाते रहते हैं। अमेजिंग गार्डनिंग नाम के यूट्यूब चैनल पर प्रियांश घर पर पौधे लगाने के तरीके, खाद तैयार करने के तरीके और पौधों की देखभाल करने से जुड़े टिप्स शेयर करते हैं। प्रियांश बताते हैं कि साल 2020 की दिवाली उनके लिए काफी प्रोत्साहन वाली रही, क्योंकि इस साल उन्हें बेहद पॉपुलर सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक की तरफ से कॉल आया। फेसबुक ने 6 महीने के कैंपेन के दौरान उन्हें कंटेंट बनाने का ऑफर दिया। बदले में फेसबुक भुगतान भी करता है। फेसबुक से ठीक-ठाक आमदनी होने के बाद प्रियांश ने गार्डनिंग यूट्यूब नाम से फेसबुक पेज भी बनाया। फेसबुक पर वीडियो अपलोड कर दी। 4 लाख यूट्यूब सब्सक्राइबर्स के अलावा फेसबुक पेज पर प्रियांश के एक लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं।