पंजाब: किसानों के सहारे चुनावी जंग फ़तेह करेगी कांग्रेस, निर्मल सिंह सिद्धू ने बनाई ये रणनीति
जाब में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पार्टियां पूरी तरह से तैयारियों में जुटी हुईं हैं। वहीं किसान आंदोलन स्थगित और कृषि क़ानूनों की वापसी के बाद सभी राजनीतिक पार्टियां किसानों की साधने की क़वायद तेज़ कर चुकी हैं।
चंडीगढ़,
14
जनवरी
2022।
पंजाब
में
विधानसभा
चुनाव
को
लेकर
सियासी
पार्टियां
पूरी
तरह
से
तैयारियों
में
जुटी
हुईं
हैं।
वहीं
किसान
आंदोलन
स्थगित
और
कृषि
क़ानूनों
की
वापसी
के
बाद
सभी
राजनीतिक
पार्टियां
किसानों
की
साधने
की
क़वायद
तेज़
कर
चुकी
हैं।
इस
सिलसिले
में
पंजाब
कांग्रेस
ने
भी
अपने
संगठन
को
मज़बूत
करने
के
लिए
किसानों
को
अपने
साथ
जोड़
रही
है।
इन
सब
मुद्दों
पर
वन
इंडिया
हिंदी
ने
किसान,
खेत
और
मज़दूर
विभाग
पंजाब
कांग्रेस
के
अध्यक्ष
निर्मल
सिंह
सिद्धू
से
बात
की।
उन्होंने
बताया
कि
किस
तरह
से
किसान
विभाग
को
मज़बूत
किया
जा
रहा
है।
किसानों
को
साथ
लेते
हुए
चुनावी
तैयारियां
की
जा
रही
हैं।
सियासी
जानकारों
की
मानें
तो
किसानों
की
तरफ़
हर
राजनीतिक
दल
इस
वजह
से
ध्यान
दे
रही
है
क्योंकि
किसानी
से
सभी
जात
और
धर्म
के
लोग
जुड़े
हैं।
2 लाख किसानों को साथ जोड़ने का टारगेट
पंजाब कांग्रेस के किसान, खेत और मज़दूर विभाग के अध्यक्ष निर्मल सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष का आभार जाताया। निर्मल सिंह सिद्धू ने कहा कि मुझे जो नवजोत सिंह सिद्धू ने ज़िम्मेदारी सौंपी है यह बहुत ही बड़ी ज़िम्मेदारी है। मैं अपनी ज़िम्मेदारी को बखूबी निभाऊंगा और अपने विभाग को बहुत ही ऊंचाई तक ले जाऊंगा। उन्होंने बताया कि क़रीब 2 लाख किसानों को किसान, खेत और मज़दूर विभाग के साथ जोड़ने की मुहिम चलाई जा रही है। इसके लिए जिला से लेकर हलका तक प्रधानों औऱ उप प्रधानों की नियुक्ति की जा रही है। यह सभी लोग किसानों और मज़दूरों से मुलाक़ात कर उन्हें अपने संगठन में शामिल कर रह हैं। किसानों को कोई भी परेशानी होगी उसे प्राथमिकता के साथ हल किया जाएंगा।
चढ़ूनी और राजेवाल पर बोला तीखा हमला
निर्मल सिंह सिद्धू ने चढ़ूनी और राजेवाल पर भी जमकर हमला बोला उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा बहुत ही अच्छे से चल रहा था उनमें शामिल किसान नेताओं को चुनाव में नहीं उतरना चाहिए था। इन किसान नेताओं ने चुनावी रण में उतरकर संयुक्त किसान मोर्चा के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की वजह से उन्होंने खुद को चमकाया और अब चुनावी रण में उतरकर सियासी फ़ायदा लेने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन से जुड़े किसान राजनीति में आएं तो यह अच्छी बात है लेकिन किसान संगठन चला रहे किसान नेताओं को राजनीति से दूरी बना कर रखनी चाहिए। क्योंकि हमारे जैसे कई लोगों ने किसान आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिससा लिया तो हम लोगों को भी चुनावी रण में उतरना चाहिए। किसान संगठनों को सियासी मोर्चा नहीं बनाना चाहिए था।
भाजपा नेताओं ने गंदी सियासत की है- निर्मल सिंह
भाजपा वालों की तरफ़ से यह आरोप लगाया जा रहा है कि किसानों ने पीएम मोदी का काफिला रोका, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह सब सोची समझी साजिश थी। वीडियो जो वायरल हुआ उसमे साफ़ तौर पर दिख रहा है कि पीएम मोदी ज़िंदबाद के नारे लग रहे हैं और भाजपा समर्थक झंडे लिए काफिला से कुछ मीटर की दूरी पर ही खड़े हैं। यह सिर्फ़ किसान और पंजाब को बदनाम करने की साज़िश रची गई है। चंडीगढ़ में हारने के बाद भी भाजपा ने अपना मेयर बना लिया इस बात से अंदाज़ा लगा लें कि भारतीय जनता पार्टी साजिश रचने और गंदी राजनीति करने में कितना माहिर है। दरअसल पीएम मोदी की रैली स्थल पर भीड़ नहीं जुटी थी अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए भाजपा नेताओं ने गंदी सियासत की है।
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