शिवसेना का बड़ा हमला, कहा- परमबीर सिंह के साथ मिलकर महाराष्ट्र की सरकार गिराना चाहती है भाजपा
मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के द्वारा महाराष्ट्र गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए आरोपों को लेकर शिवसेना ने अपने मुख पत्र सामना में केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। शिवसेना ने कहा गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं, गृहमंत्री केवल अपना काम कर रहे थे। परमबीर ने गृहमंत्री पर आरोप लगाए लेकिन उनके खिलाफ सेवा शर्तों का उल्लंघन करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई। शिवसेना ने कहा ये चौंकाने वाली बात है।
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भाजपा परमबीर सिंह और रश्मि शुक्ला के साथ मिलकर रच रही ये साजिश
सामना में लिखा गया कि भाजपा ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह और आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के साथ मिलकर प्रदेश सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए साजिश रची है। "लोग जानते हैं कि भाजपा ऐसा क्यों कर रही है। उनका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रपति शासन लगाकर महाराष्ट्र में अस्थिरता पैदा करना है।
परमबीर सिंह के पत्र से महाराष्ट्र गठबंधन सरकार में संंकट उत्पन्न हो रहा
शिवसेना ने कहा कि 'परम बीर सिंह ने खुद को बचाने के लिए महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाए है। शरद पवार ने परम बीर सिंह के पत्र की निरर्थकता को उजागर किया है, लेकिन राज्य में विपक्ष इन दो पत्रों पर नृत्य कर रहा है। परम बीर सिंह के पत्र से महा विकास सरकार में संकट पैदा हो गया है और फिलहाल भाजपा को बेनकाब करने के लिए गठबंधन को रोक दिया गया है।
शिवसेना ने इस बार पर जताई हैरानी
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने '' दुर्भावना '' में लिप्त होकर निलंबित एपीआई सचिन वेज और अन्य पुलिस अधिकारियों को हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने को कहा। शिवसेना ने इस पर हैरानी जताई कि गृह मंत्री पर ये आरोप लगाने वाले परमबीर सिंह अभी तक प्रशासनिक सेवा में है।
संजय
राउत
ने
कहा
आप
स्वयं
उस
आग
से
जल
जाएंगे
सोमवार
को
शिवसेना
नेता
संजय
राउत
ने
परम
बीर
सिंह
को
विपक्ष
के
लिए
सबसे
महत्वपूर्ण
हथियार
बताया।
संवाददाता
सम्मेलन
को
संबोधित
करते
हुए,
राउत
ने
विपक्ष
को
चेतावनी
जारी
करते
हुए
कहा
कि
"आप
स्वयं
उस
आग
में
जल
जाएंगे"
महाराष्ट्र
में
राष्ट्रपति
शासन
लगाने
के
प्रयास
किए
जा
रहे
हैं।
सामना
में
एक
अन्य
अधिकारी
संजय
पांडे
के
पत्र
पर
भी
सवाल
खड़े
किए
गए
हैं.
संजय
पांडे
ने
प्रमोशन
में
भेदभाव
का
आरोप
लगाते
हुए
सीएम
उद्धव
को
ख़त
लिखा
था।
शिवसेना ने पूछा दोनों पत्र मीडिया तक कैसे पहुंचे ?
सामना में परमबीर सिंह द्वारा उद्धव सरकार को लिखे गए पत्र को बताया कि उन्होंने ये राजनीतिक दबाव में लिखा है। सामना में ये सवाल उठाया गया कि दोनों आईपीएएस अधिकारियों द्वारा लिखे गए पत्र मीडिया तक कैसे पहुंचे। शिसेना ने कहा सारा शक यहीं से पैदा होता है इससे साफ जाहिर होता है कि ये पत्र महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ राजनीतिक साजिश के अलावा कुछ और नहीं हैं। राकांपा ने कहा है कि देशमुख को पद से हटाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है वो बेगुनाह हैं।
महाराष्ट्र सियासत में आज के यह हैं लेटेस्ट बड़े अपडेट