तेजी से खोते जा रहे शनि के छल्ले: NASA
वॉशिंगटन। नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में शनि के छल्ले को धूल के कण के साथ होने वाली बारिश से तेजी से नुकसान पहुंच रहा है। वैज्ञानिकों ने अगले 100 मिलियन वर्षों में शनि का प्रतिकात्मक छल्ला गायब भी हो सकता है। अमेरिका में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के जेम्स ओ डोनोगू ने अनुमान लगाते हुए कहा कि यह काफी खतरनाक है।
वैज्ञानिक ने कहा कि शनि की उम्र 4 अरब से अधिक वर्षों की तुलना में यह अपेक्षाकृत कम है। नए शोध इस बात का समर्थन करता है कि शनि के प्रतिकात्मक छल्ले की 100 मिलियन वर्ष से अधिक उम्र के होने की संभावना नहीं है। नए शोध बाद के परिदृश्य का समर्थन करता है, जो दर्शाता है कि वे 100 मिलियन वर्ष से अधिक उम्र के होने की संभावना नहीं है, लेकिन इसके लिए अलग-अलग रिंग की परिस्थितियों पर डिपेंड होना होगा।
वैज्ञानिक ने कहा कि हम शनि की रिंग प्रणाली को देखने के लिए भाग्यशाली हैं, जो कि अपने जीवनकाल के मध्य में दिखाई देता है। वैज्ञानिक डोनोगू ने कहा कि अगर शनि के छल्ले अस्थायी हैं तो शायद हम बृहस्पति, यूरेनस और नेप्च्यून की विशाल रिंग प्रणालियों को देखने से चूक गए हैं। जिनके पास आज की स्थिति में केवल पतली रिंग बची हुई है। उन्होंने कहा कि इस रिंग के पीछे बहुत सारे सिद्धांत सामने आए।
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