
'ये क्या नई आफत है'? हमारे सौरमंडल के धूमकेतु में फटा ज्वालामुखी, गर्म की जगह उगल रहा ठंडी चीजें

हमारे सौरमंडल में बहुत सारे धूमकेतु हैं, लेकिन कुछ वक्त से एक अजीबोगरीब धूमकेतु वैज्ञानिकों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा। कुछ वक्त पहले वो फटा था। जिसने हमारे सौरमंडल में 1 मिलियन टन से ज्यादा गैस, बर्फ और अन्य चीजों को उगला है। वैज्ञानिकों ने टेलीस्कोप से इसकी कई तस्वीरें ली, जिनका अध्ययन जारी है। (तस्वीरें-सांकेतिक)

सबसे ज्यादा सक्रिय धूमकेतु
Spaceweather की रिपोर्ट के मुताबिक इस धूमकेतु का नाम 29P/Shwassmann-Wachmann (29P) है, जो करीब 37 मील (60 किलोमीटर) चौड़ा है। ये हमारे सूर्य की परिक्रमा करने में करीब 14.9 साल लगा रहा। ये भी माना जा रहा कि 29P सौरमंडल में सबसे ज्यादा सक्रिय धूमकेतु है, जिसे 'सेंटॉर्स' (Centaurs) के रूप में जाना जाता है।

12 सालों में दूसरा विस्फोट
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि 22 नवंबर को पैट्रिक विगिंस नाम के एक खगोलशास्त्री ने देखा कि 29P की चमक में भारी वृद्धि हुई है। इसके बाद अन्य खगोलविद भी इसकी स्टडी में जुट गए। बाद में पता चला कि ये चमक एक ज्वालामुखीय विस्फोट का परिणाम थी। ये पिछले 12 सालों में 29P पर देखा गया दूसरा सबसे बड़ा विस्फोट है। वहां पर सबसे बड़ा विस्फोट सितंबर 2021 में हुआ था। वैसे ज्वालामुखी शब्द सुनकर आपको लग रहा होगा कि ये आग या फिर गर्म चीजें उगल रहा होगा, लेकिन इस पर हालात विपरित हैं। ये पूरी तरह से ठंडी चीजें अंतरिक्ष में धकेल रहा।

दो छोटे विस्फोट भी
ब्रिटिश एस्ट्रोनॉमिकल एसोसिएशन (बीएए) के मुताबिक इस धूमकेतु में विस्फोट के बाद 27 नवंबर और 29 नवंबर को दो छोटे विस्फोट हुए। तब से 29P अपने मूल से बेहद ठंडी गैसों और बर्फ को बाहर निकाल रहा। इस असामान्य प्रकार की ज्वालामुखीय गतिविधि को क्रायोवोल्केनिज्म या ठंडे ज्वालामुखी के रूप में जाना जाता है।

805 मील कचरे की रफ्तार
वहीं नासा के वैज्ञानिकों ने बताया कि 29P जैसे धूमकेतुओं से क्रायोमाग्मा मुख्य रूप से कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन गैस के साथ-साथ कुछ बर्फीले ठोस और तरल हाइड्रोकार्बन से बना है। 29P के सबसे हालिया विस्फोट से निकलने वाला कचरा अंतरिक्ष में 34,800 मील (56,000 किमी) दूर तक फैला, जो 805 मील प्रति घंटे (1,295 किमी/ घंटा) की रफ्तार से आगे बढ़ रहा।

2023 में होगा बड़ा विस्फोट
वहीं धूमकेतु के अध्ययन से पता चला कि उसमें 2008 से 2010 के बीच कई बड़े विस्फोट हुए थे। अब पिछले दो सालों में उसके अंदर 2 बड़े विस्फोट हुए, ऐसे में आशंका है कि 2023 के अंत तक 29P पर कम से कम एक बड़ा विस्फोट होगा। वैसे तो लोग इसके बारे में सुनकर इसे नई आफत बता रहे, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है।