आर्टिफिशियल सूरज के बाद अब चीन ने बना दिया 'नकली चंद्रमा', वहां मेंढकों के साथ कर रहा ये काम
नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना महामारी फैलाकर चीन खुद को आगे बढ़ाने में जुटा है। अभी हाल ही में चीन ने आर्टिफिशियल सूरज बनाया था, जो असली वाले सूर्य से 5 गुना ज्यादा गर्मी दे रहा है। कई विशेषज्ञों ने इसको लेकर चीन को चेतावनी दी थी, लेकिन वो नहीं रुका। अब उसने एक आर्टिफिशियल चंद्रमा बनाने में कामयाबी हासिल की है। (तस्वीरें-सांकेतिक)
छोटी वस्तुएं ऊपर उठ रहीं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीनी वैज्ञानिकों ने एक बॉक्स बनाया है, जहां पर चंद्रमा के बराबर गुरुत्वाकर्षण है। इसे आर्टिफिशियल चंद्रमा कहा जा रहा है। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि नकली चंद्रमा चट्टानों और धूल से ढका एक 60 सेमी का निर्वात कक्ष है। इसमें एक चुंबकीय क्षेत्र होता है, जिससे छोटी वस्तुओं को ऊपर उठाना संभव है।
क्या है मकसद?
इस आर्टिफिशियल चंद्रमा पर शोधकर्ताओं ने चेसनेट और मेंढक को उड़ाने की कोशिश की। उनका मानना है कि किसी जीव को चंद्रमा पर भेजने में बहुत ज्यादा पैसा खर्च होगा, ऐसे में उसकी टेस्टिंग यहीं कर ली जाए। अगर यहां जीव सही से रह लेता है तो उसे मिशन पर भेजा जाए। आने वाले दिनों में उपकरणों का भी परीक्षण यहां पर किया जाएगा।
रूस से चोरी किया आइडिया
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक रूसी वैज्ञानिकों ने चुंबक का प्रयोग करके मेंढक को उड़ाने की कोशिश की थी, वहीं से चीनियों ने ये आइडिया चुरा लिया। मामले में भौतिक विज्ञानी एंड्रयू गीम ने कहा कि चुंबकीय उत्तोलन (चुंबक से किसी चीज को उड़ाना) निश्चित रूप से एंटीग्रेविटी के समान नहीं है, लेकिन चुंबकीय क्षेत्रों द्वारा माइक्रोग्रैविटी की नकल करने से अंतरिक्ष अनुसंधान में अप्रत्याशित नतीजे सामने आ सकते हैं।
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आर्टिफिशियल सूरज पर खर्च किए अरबों
आपको बता दें कि इसी महीने चीन ने अपने सुपर-हॉट ईस्ट पावर जनरेटर का परीक्षण भी शुरू किया। ये परमाणु 'आर्टिफिशियल सूरज' 70 मिलियन डिग्री पर चलता है और एक दिन असीमित स्वच्छ ऊर्जा प्रदान कर सकता है। इस पर चीन को लगभग £701 मिलियन (70 अरब) का खर्च आया है। साथ ही इस प्रोजेक्ट में 10 हजार से ज्यादा वैज्ञानिक काम कर रहे हैं।
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