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'गरीबों के मसीहा' सर छोटूराम कौन थे? पीएम मोदी आज करेंगे उनकी प्रतिमा का अनावरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हरियाणा में सर छोटूराम की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। पीएम मोदी मंगलवार की दोपहर पहले सर छोटूराम की 64 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे और उसके बाद म्यूजियम जाएंगे।

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Sir Chhotu Ram

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हरियाणा में सर छोटूराम की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। पीएम मोदी मंगलवार की दोपहर पहले सर छोटूराम की 64 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे और उसके बाद म्यूजियम जाएंगे। इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और सर छोटूराम के पड़पोते और केंद्रीय स्टील मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह भी मौजूद रहेंगे। पीएम मोदी आज जिन सर छोटूराम की मूर्ति का अनावरण करने जा रहे हैं, उन्होंने किसानों के हक के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है।

इस तरह से नाम पड़ा 'छोटू'

इस तरह से नाम पड़ा 'छोटू'

24 नवंबर, 1881 को रोहतक के गढ़ी सांपला में जन्में सर छोटूराम ने किसानों के हक में खूब काम किया है। सर छोटूराम का जन्म रिछपाल के नाम से हुआ था, लेकिन परिवार में सबसे छोटे होने पर उन्हें सब छोटू बुलाने लगे। अपने गांव में पढ़ाई करने के बाद वो दिल्ली चले गए जहां क्रिश्चियन मिशन स्कूल से उन्होंने स्कूलिंग की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। ग्रेजुएशन के कुछ साल बाद उन्होंने आगरा से वकालत की पढ़ाई की और एक वकील के तौर पर अपनी प्रैक्टिस शुरू की।

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गरीब तबके के लिए किया खूब काम

गरीब तबके के लिए किया खूब काम

1916 में उन्होंने राष्ट्रीय कांग्रेस ज्वाइन की और 1920 तक रोहतक जिला कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के तौर पर काम किया। उन्होंने 1923 में यूनियनिस्ट पार्टी (जमीनदारा लीग) का गठन किया। 1935 में लाहौर में हुए प्रांतीय सरकार के चुनावों में उनकी पार्टी ने जीत दर्ज की और वो राजस्व मंत्री के पद पर आसीन हुए। उन्होंने समाज और गरीब तबके के लिए काफी काम किया। 1930 में उन्होंने पंजाब रिलीफ इंडेब्टनेस, 1934 और द पंजाब डेब्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट, 1936 पास कराया, जिससे किसानों को काफी राहत मिली।

गरीब बच्चों की सैलरी से करते थे आर्थिक मदद

गरीब बच्चों की सैलरी से करते थे आर्थिक मदद

जब सर छोटूराम मंत्री थे, तब वो अपनी सैलरी का एक हिस्सा गरीब तबके से आए होनहार छात्रों की मदद के लिए अलग रखते थे, ताकि बच्चों की आर्थिक मदद की जा सके। किसानों और गरीब लोगों की मदद के लिए सर छोटूराम को 'राव बहादुर' और 'दीनबंधू' जैसे नामों से सम्मानित किया गया था। 'दीनबंधू' यानि गरीबों का मसीहा और सर छोटूराम ने वाकई गरीबों के लिए खूब काम किया। आजादी से दो साल पहले, 9 जनवरी, 1945 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

आयुष्मान भारत के तहत दूसरी बार इलाज कराने के लिए आधार अनिवार्यआयुष्मान भारत के तहत दूसरी बार इलाज कराने के लिए आधार अनिवार्य

English summary
Who Was Sir Chhotu Ram, The 'Messiah Of The Poor'? PM Narendra Modi To Unveil Statue In Rohtak.
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