अब शशि थरूर ने खोली जुबान, कहा कांग्रेस में किसी को बोलने नहीं दिया जाता
थरूर
को
भी
नहीं
मिलता
बोलने
का
मौका
पूर्व
केंद्रीय
मंत्री
मिलिंद
देवड़ा
के
बाद
पूर्व
मंत्री
शशि
थरूर
और
राज्यसभा
सांसद
रेणुका
चौधरी
ने
भी
सवाल
उठाए
हैं।
शशि
थरूर
ने
शनिवार
को
कहा
है
कि
पार्टी
में
संवाद
सबसे
सबसे
ज्यादा
जरूरी
है।
पार्टी
में
बोलने
की
इजाजत
होनी
चाहिए।
कांग्रेस
में
इसे
लेकर
कुछ
संकोच
है।
यहां
तक
कि
मुझे
भी
बोलने
नहीं
दिया
गया।
वहीं, रेणुका चौधरी ने एक समाचार चैनल के साथ बातचीत में कहा कि जब पार्टी की हार होती है तो कई बातें उठती हैं। उन्होंने कहा कि टीम राहुल को लेकर जो बात की जा रही है वह भी एक विचार है जो सही हो सकता है।
उन्होंने कहा कि स्थिति को ठीक करने की जरुरत है। चौधरी ने कहा कि पार्टी में ऊपर से लेकर नीचे तक कई कमियां हैं। हम सब कई गलतियां कर चुके हैं। अगर हम नहीं मानेंगे तो पता नहीं क्या होगा।
प्रियंका
को
देना
चाहते
हैं
ऑस्कर
शशि
थरूर
ने
अपनी
आवाज
बुलंद
करते
हुए
कहा
कि
प्रियंका
अच्छी
हैं
पर
लेकिन
हम
ऐसे
बात
कर
रहे
हैं
जैसे
कि
हम
उन्हें
ऑस्कर
देना
चाहते
हैं
जबकि
उन्होंने
कोई
रोल
अदा
ही
नहीं
किया।
राज्य के नेताओं को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। हमें पुराने दिनों में जाना होगा जब राज्य के विधायक अपना नेता चुनते थे। इंदिरा गांधी के समय ऐसा होता था।
ज्योतिरादित्य
सिंधिया
ने
भी
दिया
पार्टी
को
दोष
मध्य
प्रदेश
की
गुना
सीट
से
चुनाव
जीते
कांग्रेसी
नेता
ज्योतिरादित्य
सिंधिया
ने
भी
कांग्रेस
की
हार
पर
सवाल
उठाए
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
पार्टी
की
मार्केटिंग
अच्छी
नहीं
रही
और
कई
फैसले
गलत
साबित
हुए।
सिंधिया ने कहा कि पार्टी ने खुद देश में मोदी लहर को बढ़ने का मौका दिया। जनता के साथ ठीक से संपर्क नहीं किया गया।
सरकार ने लोगों के लिए कल्याणकारी नीतियां तो शुरू की लेकिन उन्हें लागू करने में पूरी तरह से असफल साबित हुई। इसका फायदा सीधे तौर पर बीजेपी को मिला।
वहीं यूपीए के खास दल एनसीपी ने भी अब चुनावों में हार की वजहों पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेन ने तो यहां तक कह दिया है कि कमजोर प्रधानमंत्री और पार्टी की गलत नीतियों की वजह से चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा है।
पटेल के मुताबिक अब पार्टी को अपनी हार पर आत्मचिंतन करने की खासी जरूरत है।