भाजपा के शकुनी रूप से शिवसेना का होगा सामना!
[अजय मोहन] कुरुक्षेत्र की भूमि हरियाणा में तस्वीर साफ हो चुकी है, लेकिन असली महाभारत तो महाराष्ट्र में जारी है। यहां पर बड़े-बड़े योद्धा इस वक्त पार्टी की साख बचाने के लिये कुछ भी करने को तैयार हैं। ऐसे में एक समीकरण ऐसा भी बनता दिख रहा है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी शकुनी का रूप धारण कर सकती है। और इस रूप का सामना किसी और को नहीं बल्कि शिवसेना करना पड़ेगा।
कौरवों-पांडवों के बीच महाभारत आपको अच्छी तरह याद होगी, उसमें दुर्योधन के मामा शकुनी कब कौन सी चाल चल दें किसी को पता नहीं होता था। अब भाजपा भी वह रूप धारण कर सकती है, क्योंकि कलयुग की यह महाभारत उसे हर हाल में जीतनी है। आप सोच रहे होंगे कि भाजपा ऐसा क्या करेगी जो पूरा महाराष्ट्र उसकी मुठ्ठी में आ जायेगा। और उसका टार्गेंट शिवसेना ही क्यों होगी?
सबसे पहले हम आपको बताना चाहेंगे कि यह तो तय है कि भाजपा-शिवसेना के गठबंधन की सरकार महाराष्ट्र में बनेगी। अब भाजपा का सबसे पहला मकसद होगा शिवसेना को दबाव में लेना। अगर शिवसेना अपने तीखे तेवर बनाये रखती है, तो मुख्यमंत्री पद और मंत्रालयों में शिवसेना तेजी न दिखाये, लिहाजा उसे दबाव में लेना जरूरी है। इसके लिये हो सकता है कि भाजपा शाम तक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रस्ताव की घोषणा करवा दे।
पहले से ही कांग्रेस से चिढ़े बैठे शरद पवार शाम तक भाजपा को बिना शर्त समर्थन का ऐलान कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ, तो भाजपा शिवसेना के नखने सहने के बजाये एनसीपी के साथ जाना पसंद करेगी। और तब शिवसेना तुरंत बैकफुट पर आ जायेगी। अंत में सरकार भाजपा-शिवसेना की ही बनेगी, लेकिन दबदबा भाजपा का रहेगा।
कहां से आये ये समीकरण
- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी ने सुबह कहा कि उनकी पार्टी शिवसेना या भाजपा का दामन थाम सकती है।
- शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि सरकार किसी की भी बने, मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। यानी शिवसेना अपने तीखे तेवर बरकरार रखे हुए है।
- शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में जिस तरह नरेंद्र मोदी पर निजी हमले किये हैं, उसे देखते हुए भाजपा का दिल पूरी तरह खट्टा हो चुका है।