उत्तराखंड: पर्वतारोहियों के शवों को लाने के लिए मौसम सामान्य होने का इंतजार, 3 अभी भी लापता
देहरादून: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के नंदादेवी ईस्ट पर गए 8 विदेशी पर्वतारोहियों में से पांच शवों के मारे जाने के सबूत मिलने के बाद उनके शवों को लाने का इंतजाम किया जा रहा है। हालांकि 3 पर्वतारोहियों का अभी भी कोई सूराग नहीं मिला है। ज़िला प्रशासन आर्मी के साथ मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने की तैयारी कर रहा है। गौरतलब है कि 8 विदेशी ईस्ट नंदा देवी पीक पर पर्वतारोहण के दौरान लापता हो गए थे। दो दिन चले ऑपरेशन के बाद सोमवार को 5 पर्वतारोहियों के शवों के फोटोग्राफ़िक एविडेंस मिले थे।
पिथौरागढ़ के डीएम वीके जोगदंडे ने कहा कि हमने लापता पर्वतारोहियों के बारे में कुछ मुद्दों पर विचार-विमर्श किया है। हमने सुरक्षा व्यवस्था और बचाव दल के लिए व्यवस्था के बारे में विमर्श किया है। क्योंकि वहां से बरामद शव विदेशी नागरिकों के होंगे, इसलिए उन शवों को दूतावासों को सौंपना महत्वपूर्ण है। रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में उन्होंने कहा कि हमने दूतावासों को पत्र लिखे हैं, उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार है। हेलीकॉप्टर से शवों को वापस लाने और वहां पहुंचने के लिए 2 टीमों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। जब भी मौसम अनुकूल होगा, हम ऑपरेशन करेंगे।
13 मई को दुनिया के जाने-माने पर्वतारोही मार्टिन मोरन की अगुवाई में ब्रिटेन, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के 8 लोगों का एक दल चोटी को फतह करने निकला था। बताया जा पर्वतारोही किसी बड़े एवलॉंच की चपेट में आ गए थे और 24 मई को लापता हो गए थे। गौरतलब है कि इससे पहले रविवार को उत्तराखंड में नंदादेवी बेस कैंप में फंसे चार पर्वतारोहियों को भारतीय वायु सेना की मदद से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ने बचा लिया। इन पर्वतारोहियों को रविवार को पिथौरागढ़ लाया गया। सभी 4 पर्वतारोही- इयान वेड, मार्क थॉमस, कैथरीन आर्मस्ट्रांग, और ज़ाचारी क्वैन ब्रिटेन से थे।
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