केजरीवाल सरकार के सरकारी स्कूलों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना, शिक्षा मंत्री ने बताई हैप्पीनेस करिकुलम की खूबियां
दिल्ली के हैप्पीनेस करिकुलम की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तारीफ
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में सरकारी स्कूलों की स्थिति पिछले कुछ सालों में जिस तरह से बदली है, अब उसकी सराहना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी होने लगी है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने दिल्ली के हैप्पीनेस कुरिकुलम पर एक ऑनलाइन चर्चा आयोजित की। इस चर्चा में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया शामिल हुए। इस कार्यक्रम में मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमने एक ऐसा सिलेबस बच्चों के लिए बनाया है, जो उनके जीवन भर विद्यार्थी बने रहने और उनकी अच्छी सोच को तैयार करेगा।
छात्रों की मानसिकता को विकसित कर रहा है हैप्पीनेस सिलेबस- सिसोदिया
इस ऑनलाइन चर्चा में मनीष सिसोदिया ने कहा कि हैप्पीनेस पाठ्यक्रम स्टूडेंट्स की मानसिकता को विकसित करने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि ये सिलेबस कोई नैतिक शिक्षा कार्यक्रम नहीं है जो छात्रों को नैतिक मूल्यों के बारे में उपदेश देता है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारा लक्ष्य छात्रों को अपने जीवन में सही दृष्टिकोण और सही व्यवहार बनाने के लिए तैयार करना है।
कौन-कौन शामिल हुए चर्चा के पैनल में
हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन के अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सप्ताह की इस चर्चा में एचजीएसई स्थित प्रैक्टिस इन इंटरनेशनल एजुकेशन के फोर्ड फाउंडेशन प्रोफेसर फर्नांडो रिम्सर्स तथा हैप्पीनेस कुरिकुलम कमेटी के अध्यक्ष डॉ अनिल तेवतिया शामिल हुए। इसके अलावा इस कार्यक्रम में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी शामिल हुए। इस चर्चा का संचालन लभ्य फाउंडेशन की सह-संस्थापक ऋचा गुप्ता ने किया।
बेहतर समाज का शिक्षा ही है एकमात्र जरिया- सिसोदिया
इस चर्चा के दौरान मनीष सिसोदिया से हैप्पीनेस पाठ्यक्रम के विकास के संबंध में सवाल पूछे गए तो उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ एक राजनेता हूं और यही सोचता हूं कि अगर समाज में सुधार लाना है तो उसका एकमात्र तरीका शिक्षा ही है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि मेरा मानना है कि राजनेताओं को बेहतर शिक्षा के माध्यम से शिक्षा के सहायक के रूप में काम करना चाहिए। मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा के जरिए ही हमें एक ऐसा समाज मिल सकता है, जिसका हम सपना देखते हैं।
अभी भी शिक्षा का समुचित उपयोग बाकी है- सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि वैश्विक स्तर पर शिक्षा का उपयोग बेरोजगारी और गरीबी को कम करने के लिए किया जा रहा है, लेकिन अब भी समाज के सामने मौजूद कई मानवीय समस्याओं का समाधान करने की दिशा में शिक्षा का समुचित उपयोग नहीं हो पाया है।
हैप्पीनेस पाठ्यक्रम पर क्या बोले सिसोदिया?
हैप्पीनेस पाठ्यक्रम पर बोलते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि ये पाठ्यक्रम बच्चों को अपनी भावनाओं को वैज्ञानिक रूप से समझने और उसके अनुसर व्यवहार करने का जरिया बन रहा है। इसके जरिए ही बच्चे अपनी भावनाओं को अच्छी तरह से पहचानने में सक्षम हो पाएंगे और एक बेहतर इंसान बन सकेंगे।
प्रो रीमर ने की दिल्ली सरकार की तारीफ
इस चर्चा में प्रो रीमर ने भी हैप्पीनेस पाठ्यक्रम के लिए दिल्ली सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि शिक्षकों में क्षमता-निर्माण की बड़ी चुनौती से निपटने में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम काफी मददगार साबित हुआ तथा दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों में ऐसी कक्षाएं काफी प्रभावशाली हैं।
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