Lockdown: फैसले पर फिर WHO ने की पीएम मोदी की तारीफ, कहा-महामारी को कमजोर करने के लिए जरूरी
नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने एक बार फिर कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन बढ़ाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले की तारीफ की है। आपको बता दें कि मंगलवार को पीएम मोदी ने घोषणा की है कि देश में लॉकडाउन को बढ़ाकर तीन मई तक किया जा रहा है। यह लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म हो रहा था। अब इसे 19 दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। डब्लूएचओ ने कहा है कि यह फैसला देश में कोरोना महामारी को कमजोर करने में काफी मददगार साबित होगा।

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लॉकडाउन से संक्रमण पर लगेगी लगाम
संगठन की रीजनल डायरेक्टर डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा है कि कोरोना को रोकने के लिए, समय से किए गए भारत के कठोर फैसले की डब्ल्यूएचओ सराहना करता है। संक्रमण को रोकने के लिए मरीजों की संख्या में कितनी कमी आएगी, अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने सहित बाकी प्रभावी उपायों को आगे बढ़ाने में छह हफ्तों का देशव्यापी लॉकडाउन, वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने में मददगार साबित होगा। उन्होंने यह भी कहा है कि कई चुनौतियों के बावजूद, इस महामारी को शिकस्त देने में भारत पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहा है। इससे पहले भी संगठन की तरफ से लॉकडाउन पर भारत की तारीफ की थी। डब्लूएचओ के डॉक्टर डेविड नाबारो ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी। डॉक्टर डेविड को इस महामारी के लिए खास दूत नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा था कि भारत की तरफ से जल्दी लॉकडाउन पर फैसला लिया गया है। उन्होंने भारत के इस फैसले को एक साहसिक फैसला करार दिया है।
क्यों जरूरी है लॉकडाउन
डॉक्टर नाबारो ने कहा था कि जब भारत में कुछ ही केस रिपोर्ट हुए तो उसी समय देश में एक दूरदर्शी फैसला लिया गया। इस फैसले ने देश को मौका दिया कि वह इस बीमारी का सामना कर सके। उन्होंने कहा कि इस फैसले पर काफी बहस हो रही है और काफी आलोचना भी की जा रही है। कुछ लोगों में काफी गुस्सा भी है। मगर यह सरकार का एक साहसिक फैसला है। जो लोग रोजाना मजदूरी करके कमाते है उनके लिए यह एक तरह का बलिदान है।डॉक्टर नाबारो के मुताबिक हर चीज की शुरुआत कम्युनिटी स्तर पर होती है। उस दौरान उनका पता लगाना, आइसोलेट करना, उनके कॉन्टेक्ट्स का पता लगाकर उन्हें क्वारंटाइन करना और इसे जितना संभव हो सके उतना बरकरार रखना, किसी भी महामारी के दौरान तेज प्रतिक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण फैसला होता है।