इस नेता ने खुदवा दी थी बेटी की कब्र, राजीव गांधी के लिए ले जाया करते थे नाश्ता, बाद में बने सीएम
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में सबसे बड़े प्लेयर के तौर पर उभरे अजीत जोगी की बहू ऋचा जोगी ने बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ले ली है। अजीत जोगी बरसों से छत्तीसगढ़ की सियासत का बड़ा चेहरा हैं। अलग छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद प्रदेश के पहले सीएम बने अजीत जोगी भले ही बीते 15 साल से विपक्ष में हैं, लेकिन उनके हर कदम पर हर सियासी चेहरे की नजर लगी रहती हैं। इसका एक कारण यह भी है कि अजीत जोगी के परिवार के सदस्य अलग-अलग पार्टियों में हैं। यह बात और है कि अजीत जोगी और उनके बेटे खुद जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ चला रहे हैं, लेकिन घर की दो महिलाएं, मतलब अजीत की जोगी पत्नी कांग्रेस का दामन थामे हुए हैं, जबकि उनकी बहू ऋचा जोगी हाथी की सवारी कर रही हैं। मतलब जोगी परिवार के चार लोग तीन दलों में शामिल हैं। बात करने वाली है, लेकिन अजीत जोगी की जिंदगी इससे कहीं ज्यादा रोचक कहानियों से भरी है।
कलेक्टर अजीत जोगी ले जाया करते थे राजीव गांधी के लिए नाश्ता
अजीत जोगी के एक जमाने में रायपुर के कलेक्टर हुआ करते थे। राजीव गांधी पायलट थे और जब वह उड़ाने के दौरान रायपुर उतरते थे तब अजीत जोगी उनके खाने पीने का इंतजाम करते थे। अजीत जोगी कलेक्टर थे और एयरपोर्ट अथॉरिटी से उन्हें खबर मिल जाया करती थी कि राजीव गांधी कब आने वाले हैं। बस यही से उनका करियर परवान चढ़ना शुरू हो गया।
उसी चर्चा में जाते थे, जहां आती रहती थीं सोनिया गांधी
अजीत जोगी के बारे में एक और कहानी राजनीतिक गलियारों में चर्चित है। जोगी जब राज्यसभा सदस्य थे, तब दिल्ली में उसी चर्च में जाया करते थे, जहां सोनिया गांधी अक्सर जाती थीं। इस वजह से अजीत जोगी को सोनिया गांधी से मिलने का समय मिल जाया करता था।
इंदौर में मौजूद बेटी की कब्र को खुदवा दिया था अजीत जोगी ने
हर परिवार की तरह अजीत जोगी की फैमिली की भी एक दर्दभरी कहानी है। उनकी बेटी अनुषा ने मई 2000 में आत्महत्या कर ली थी। ऐसा कहा जाता है कि बेटी लव मैरिज करना चाहती थी, जो अजीत जोगी को मंजूर नहीं थी। अजीत जोगी की बेटी ने आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद उन्हें इंदौर के कब्रिस्तान में दफना दिया गया था। सीएम बनने के बाद अजीत जोगी ने बेटी की कब्र को खुदवाकर उसे अपने पैतृक स्थान पर स्थापित कर दिया था।
अजीत जोगी ने अपने पूरे परिवार के लिए पहले से बुक करा रखी है कब्र
जबलपुर के कैंट एरिया में एक कब्रिस्तान है। इसी कब्रिस्तान में अजीत जोगी ने अपने पूरे परिवार के लिए कब्र पहले से बुक करा रखी है। अजीत जोगी क्रिश्चियन धर्म को मानते हैं और उनकी इच्छा है कि परिवार के सभी सदस्यों की कब्र एक साथ हो।
आईपीएस, आईएएस रह चुके हैं अजीत जोगी
अजीत जोगी का पूरा नाम अजीत प्रमोद कुमार जोगी है। भारतीय पुलिस सेवा और फिर भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहने वाले अजीत जोगी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन सिंह के बेहद करीब रहे। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संपर्क में आने के बाद अजीत जोगी का राजनीतिक करियर चमका। मध्य प्रदेश का बंटवारा हुआ, जिसके परिणामस्वरूप अलग छत्तीसगढ़ राज्य बना। छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने अजीत जोगी, लेकिन उनका राजनीतिक करियर इसके बाद पटरी से उतर आया। जोगी के बाद बीजेपी सत्ता में आई और रमन सिंह एक के बाद एक लगातार तीन चुनाव जीतकर छत्तीसगढ़ की सत्ता पर एकछत्र राज कर रहे हैं। अब चौथी बार रमन सिंह सत्ता बचाने की जुगत में हैं, लेकिन इस बार अजीत जोगी कांग्रेस में नहीं हैं, बल्कि अपनी अलग पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के साथ मैदान में हैं।