कबतक आएगी कोरोना की तीसरी लहर? गुजरात सरकार इस अनुमान पर शुरू कर चुकी है तैयारी
गांधीनगर, 18 मई: कोरोना महामारी की तीसरी लहर की समय-सीमा तय करना बहुत ही मुश्किल है। लेकिन, कुछ वैज्ञानिकों ने पहले से आशंका जाहिर कर रखी है कि सरकार को इस साल अक्टूबर से दिसंबर तक के लिए इसकी तैयारी करके रख लेनी चाहिए। कोविड-19 की तीसरी लहर में भारत में बच्चों को लेकर सबसे ज्यादा चिंता वैज्ञानिकों ने जताई है। क्योंकि, व्यस्कों की काफी आबादी इसके दो लहरों में पीड़ित हो चुकी है और बड़ी आबादी के लिए वैक्सीनेशन ड्राइव चल रहा है। लेकिन, 12 साल कम उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीन आने की अभी लंबे वक्त तक कोई संभावना भी नहीं है। अलबत्ता 12 से 18 साल के बीच के किशोरों के लिए कोवैक्सिन बनाने वाली देसी कंपनी भारत बायोटेक को इसके लिए ट्रायल की मंजूरी जरूर मिल चुकी है। लेकिन, गुजरात सरकार का कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अपना एक अनुमान है और वह उसी के आधार पर तैयारियां शुरू कर चुकी है।
मानसून के बाद दस्तक देने की आशंका
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर मंडराते खतरे की आशंका के मद्देनजर महाराष्ट्र, गुजरात समेत कई राज्य पहले से ही सतर्क हैं और उनकी ओर से पीडियाट्रिक कोविड वार्ड बनाने का काम भी शुरू हो चुका है। लेकिन, तीसरी लहर को लेकर गुजरात सरकार का अपना अनुमान है और इसके पीछे उसका अपना एक ठोस आंकलन भी है। राज्य सरकार को लगता है कि तीसरी लहर मानसून खत्म होने के बाद किसी भी वक्त दस्तक दे सकती है। इस अनुमान के पीछे उसका कुछ ठोस आधार भी है। उधर उत्तराखंड में बीते 10-12 दिनों में जिस तरह से 9 साल से कम उम्र के 1,000 से ज्यादा बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए हैं और उनमें से कुछ को अस्पतालों में भी दाखिल कराना पड़ा है, उसके बाद तीसरी लहर को लेकर जोखिम और बढ़ गया है।
गुजरात सरकार के अनुमान की वजह ?
गुजरात सरकार का मानना है कि मानसून खत्म होने के बाद त्योहारी मौसम शुरू हो जाएगा। अगस्त में रक्षाबंधन के बाद, जन्माष्टमी, नवरात्रि और दिवाली का सिलसिला चल पड़ेगा। इस दौरान लोग बड़ी तादाद में बाहर निकलना शुरू कर देंगे और उसे आशंका है कि इसी दौरान एकबार फिर से संक्रमण की रफ्तार तेज हो सकती है। गुजरात सरकार की तैयारियों में जुटे एक महत्वपूर्ण सूत्र के मुताबिक, 'सरकार की टास्क फोर्स और एक्सपर्ट महामारी की तीसरी लहर का अनुमान लगाने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि बहुत ही मुश्किल है। लेकिन, बड़े अधिकारियों का मानना है कि सामान्य तौर पर गुजरात में त्योहारों के समय में भीड़ बढ़ जाती है, इसलिए आने वाला त्योहारी मौसम तीसरी लहर की वजह बन सकता है।'
तीसरी लहर की रफ्तार रोकने की क्या है तैयारी ?
यही नहीं, गुजरात सरकार के अधिकारियों का कहना है कि सावन के महीने (जुलाई-अगस्त में) से ही पूरे गुजरात में धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम होने शुरू हो जाते हैं। सूत्र की मानें तो 'राज्य सरकार ऐसे सभी कार्यक्रमों पर रोक लगा सकती है। इसके बाद नवरात्रि शुरू हो जाएगी और बहुत ज्यादा संभावना है कि अक्टूबर में होने वाले इस त्योहार पर भी कुछ पाबंदियां लगा दी जाएंगी।.....इसके बाद नवंबर में सरकार के सामने दिवाली और नए साल (गुजराती) के उत्सव की चुनौती होगी, लेकिन इसकी कोशिश है कि अगर पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध हो जाए तो नवंबर तक ज्यादातर लोगों को इसकी डोज लगा दी जाए।'
वैक्सीनेशन ही है तीसरी लहर को थामने का हथियार
गुजरात में पहली लहर के दौरान पिछले साल नवंबर में रोजाना के केस 1,607 की अधिकतम संख्या तक गई थी। जबकि, दूसरी लहर में बीते 30 अप्रैल को वह करीब 9 गुना ज्यादा 14,605 तक पहुंच गई। फिलहाल गुजरात सरकार का कोई भी अधिकारी तीसरी लहर की पीक को लेकर कोई अंदाजा लगाने की स्थिति में नहीं है, लेकिन मोटे तौर पर अनुमान लगाया जा रहा है कि यह संख्या दूसरी लहर के उच्चतम स्तर से तीन से चार गुना तक ज्यादा तक हो सकती है। ऐसे में कुछ एक्सपर्ट की राय है कि अगर तीसरी लहर शुरू होने से पहले ही व्यापक स्तर पर वैक्सीनेशन हो जाए तो यह पीक दूसरे लहर से भी कम रह सकती है।