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जापान जैसी तकनीक से सेफ होगी हमारी बुलेट ट्रेन, लगेगा ऑटोमेटिक रेल ट्रैक फ्रैक्चर डिटेक्शन सिस्टम

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अहमदाबाद। मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन को जापान जैसी सुरक्षित रखने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिसमें यहां बुलेट ट्रेन के सुरक्षित परिचालन और किसी भी तरह की रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ऑटोमेटिक रेल ट्रैक फ्रैक्चर डिटेक्शन सिस्टम लगेगा। फिर उसके ट्रैक में गड़बड़ी होने पर पायलट को तत्काल इन्फोर्मेशन मिल सकेगी। कहा जा रहा है कि, यह जापानी प्रणाली रेल पटरियों के माध्यम से विद्युत नियंत्रण सर्किट का उपयोग करेगी। जिससे ट्रेन की पटरियों पर रेल फ्रैक्चर की पहचान हो जाया करेगी। साथ ही सैकड़ों की मैन पावर और समय की भी बचत होगी। बताते चलें कि, बुलेट ट्रेन के लिए अहमदाबाद-मुंबई रूट 508 किमी लंबा है। जिस पर 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली बुलेट ट्रेन शुरू की जानी है।

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Bullet Train: Japan की तरह सेफ होगी India First Bullet Train, लगेगा ये सिस्टम | वनइंडिया हिंदी
देश का सबसे बड़ा इंफ्रा प्रोजेक्ट बनी बुलेट ट्रेन

देश का सबसे बड़ा इंफ्रा प्रोजेक्ट बनी बुलेट ट्रेन

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना सी-4 और सी-6 पैकेज को मिलाकर अब देश का सबसे बड़ा इंफ्रा प्रोजेक्ट बन गई है। देश की इस पहली बुलेट ट्रेन का वडोदरा-सूरत-वापी रूट का ठेका लार्सन एंड टुब्रो (L&T) को सौंप गया था। जिसे देश का अब तक का सबसे बड़ा सिंगल आर्डर (अनुबंध) माना जा रहा है। लार्सन एंड टुब्रो ने 24000 करोड़ का यह आर्डर मिलने के बाद कहा कि हमने बुलेट ट्रेन के 46% हिस्से का काम 4 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसी साल के अंत तक काम शुरू किया जा सकता है। जिसमें उसके द्वारा वडोदरा से वापी रूट पर एलिवेटेड पुल, स्टेशन, रिवर ब्रिज और डिपो तैयार किए जाने हैं।

सबसे बड़ी बाधा जमीन अधिग्रहण का काम काफी हुआ

सबसे बड़ी बाधा जमीन अधिग्रहण का काम काफी हुआ

इधर, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (एनएचएसआरसीएल) के अधिकारियों का कहना है कि, बुलेट ट्रेन के रूट में सबसे बड़ी बाधा जमीन अधिग्रहण का काम अब 82 प्रतिशत पूरा हो चुका है। बाकी बची जमीन के अधिग्रहण का काम भी तेजी से किया जा रहा है। सूरत के 28 गांव में से 25 गांव के लोगों ने अपनी जमीन दे दी है। अब कामरेज तहसील के 3 गांव बचे हैं। इन गांवों के 18 में से 15 ब्लाॅक के मालिक मुआवजे को लेकर सहमत नहीं हो रहे हैं। कम मुआवजे की बात कहते हुए कुछ और इलाकों के भी किसान अभी अपनी जमीन छोड़ने को तैयार नहीं हैं। हालांकि, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन के अधिकारियों का मानना है कि, भूमि अधिग्रहण समय से पूरा हो जाएगा।

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508 किमी का है हाई स्पीड रेल का पूरा प्रोजेक्ट

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देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली सेमी-हाई स्पीड बुलेट ट्रेन का कुल रूट 508 किमी लंबा है। इस 508 किमी के हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का 155 किमी रूट महाराष्ट्र में, 4.3 किमी रूट यूनियन टेरेटरी दादरा नगर हवेली में और 348 किमी हिस्सा गुजरात में है। अधिकारियों के मुताबिक, पैकेज सी 4 यानी वडोदरा-सूरत-वापी तक परियोजना का 46.66% हिस्सा है। इसी हिस्से का काम अब लार्सन एंड टुब्रो (L&T) पूरा करेगी। उसके द्वारा यहां एलिवेटेड मार्ग, नदियों पर ब्रिज, सूरत डिपो एवं अन्य इंजीनियरिंग कार्य भी होंगे।

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कितने स्टेशन बनेंगे पहली बुलेट ट्रेन के?

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एनएचएसआरसी के इस प्रोजेक्ट में कुल 12 स्टेशन बनेंगे। एनएचआरसीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर अचल खरे के मुताबिक, रूट पर देश की पहली हाईस्पीड ट्रेन 2023 के अंत तक दौड़ सकती है। इस हाई स्पीड रेल की रफ्तार 320 किमी प्रति घंटा होगी। यानी यह ट्रेन अहमदाबाद से मुंबई की दूरी 2 घंटे में तय कर सकती है। तेज स्पीड के चलते एक ट्रेन सीमित स्टेशनों पर ही रुकेगी। वहीं, स्लो बुलेट ट्रेन यह दूरी 3 घंटे में तय करेगी और सभी 12 स्टेशनों पर ठहरेगी।

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कितना किराया हो सकता है ट्रेन का?

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मुंबई-अहमदाबाद के 508 किमी लंबे मार्ग पर दौड़ने वाली बुलेट ट्रेन के किराए की बात अभी स्पष्ट नहीं हुई। हालांकि, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के एक अधिकारी ने कहा था कि, इसमें सफर करने के लिए करीब 3000 रुपये चुकाने होंगे। महज 2:07 घंटे में इसके जरिए 508 किमी की दूरी तय की जा सकेगी। यानी ट्रेन की रफ्तार लगभग 320 किमी प्रति घंटे होगी।

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प्रोजेक्ट से 25,000 लोगों को रोजगार का दावा

प्रोजेक्ट से 25,000 लोगों को रोजगार का दावा

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के मैनेजिंग डायरेक्टर अचल खरे ने पिछले साल बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में आ रही अड़चनों का जिक्र किया था। जिसमें लोगों को रोजगार मुहैया कराने का वादा करते हुए खरे ने यह भी कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत 25,000 लोगों को रोजगार दिया जाएगा। यह बिलियन डॉलर्स का प्रोजेक्ट है तो इसमें कर्मचारियों की संख्या भी काफी ज्यादा होगी। 24 हजार करोड़ रुपए बड़ी राशि का अनुबंध तो अकेले एलएंडटी के साथ हुआ है।

English summary
India's first Bullet Train Will Be Like Japan Safe, it's with Automatic rail track fracture detection system
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