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World Population: दुनिया की आबादी ने छुआ 800 करोड़ का आंकड़ा, अब आगे क्या होगा?

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World Population: दुनिया की आबादी ने 800 करोड़ का आंकड़ा छू लिया है। है। गौरतलब है कि विश्व में 100 करोड़ आबादी को जोड़ने में केवल 11 साल लगे, यानि अक्टूबर 2011 में दुनिया की आबादी 700 करोड़ थी।

World Population reached 8 Billion People

पिछले 48 वर्षों में वैश्विक जनसंख्या 400 करोड़ से दोगुनी हो गई है। अब दुनिया का हर पाँचवाँ आदमी भारतीय या चीनी है। संतोष की बात यह है कि वर्तमान में वैश्विक जनसंख्या 1950 के बाद से अपनी सबसे धीमी दर से बढ़ रही है, जो 2020 में 1 प्रतिशत से कम हो गई थी।

संयुक्त राष्ट्र (UN) के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी चीन की है लेकिन वर्ष 2023 तक भारत इस सूची में अव्वल आ जाएगा। यही नहीं, वर्ष 2050 तक दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी सिर्फ 8 देशों में होगी।

800 करोड़ की आबादी से आगे क्या होगा?

'वर्ल्डोमीटर' नामक एक वेबसाइट है, जो वास्तविक समय पर जनसंख्या की जानकारी देती है, उसके मुताबिक दुनिया की जनख्या को 800 करोड़ तक ले जाने वाला बच्चा मंगलवार दोपहर 1:30 बजे पैदा हुआ। वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने अपनी 'पॉपुलेशन रिपोर्ट' में बताया कि दुनिया की आबादी 15 नवंबर 2022 तक 800 करोड़ के पार चली जाएगी।

दुनिया में 2022 में महिलाओं (49.7%) की तुलना में पुरुषों (50.3%) की संख्या थोड़ी अधिक है, और 2050 तक महिलाओं और पुरुषों की संख्या बराबर होने का अनुमान है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इसे बड़ी कामयाबी और जश्न मनाने का अवसर भी बताया है।

वैसे अपने 'वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रोस्पेक्टस 2022' में संयुक्त राष्ट्र पहले ही बता चुका है कि वैश्विक आबादी वर्ष 2030 तक लगभग 850 करोड़ हो सकती है और अगले दो दशकों यानी 2050 तक 118 करोड़ जुड़कर 970 करोड़ तक पहुंच जाएगी। 19वीं सदी में सिर्फ 160 करोड लोग थे लेकिन वर्ष 1900 से जनसंख्या में उछाल आना शुरू हुआ और अब जनसंख्या 160 करोड़ की 5 गुना हो गई है।

जनसंख्या का दवाब कहाँ और कितना है?

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार 2022 में दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी एशिया थे जिनकी आबादी 230 करोड़ (29%) है। मध्य और दक्षिणी एशिया की आबादी 210 करोड़ (26%) है। इन क्षेत्रों में चीन और भारत की आबादी सबसे अधिक है। वहीं, उत्तर अफ्रीका और पश्चिम एशिया में वर्ष 2022 में जनसंख्या 54.2 करोड़ पहुंच गई है। लेटिन अमेरिका और कैरिबियन में जनसंख्या ने 65.8 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। यूरोप और उत्तर अमेरिका की कुल जनसंख्या 110 करोड़ है और उप-सहारा अफ्रीका की जनसंख्या 120 करोड़ पहुंच चुकी है।

80 के दशक से उप-सहारा अफ्रीका सबसे तेजी से बढ़ती आबादी वाला क्षेत्र रहा है। 2022 में ओशिनिया (ओशिनिया में कुल 14 देश शामिल है) के दो क्षेत्रों में लगभग 4.4 करोड़ लोग रहते है। 1950 में 25 लाख निवासियों के साथ ओशिनिया की जनसंख्या (ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को छोड़कर) 2022 में 1.3 करोड़ के करीब पहुंच गई, जबकि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की जनसंख्या संयुक्त रूप से 1950 में 99 लाख से 2022 तक 3.1 करोड़ तक बढ़ी।

दुनिया के 10 सबसे अधिक आबादी वाले देशों में 2050 तक की क्या स्थिति रहेगी

वर्ष 1990 में चीन की कुल आबादी थी 114.4 करोड़, जो कि फिलहाल है 142.6 करोड़ और वर्ष 2050 तक 11 करोड़ कम होकर 131.7 करोड़ रह जाने की संभावना है।

1990 में भारत की कुल जनसंख्या थी 86.1 करोड, जो कि फिलहाल हो चुकी है 141.2 करोड़ और वर्ष 2050 तक 166.6 करोड़ तक जाने की संभावना है।

अमेरिका की जनसंख्या 1990 में 24.6 करोड थी, जोकि अब 33.7 करोड़ हो चुकी है और वर्ष 2050 तक 37.5 करोड़ तक पहुंच सकती है।

वर्ष 1990 में इंडोनेशिया की कुल आबादी थी 18.1 करोड़, जो कि अब 27.5 करोड हो चुकी है और वर्ष 2050 तक 31.7 करोड़ हो सकती है।

ब्राजील की कुल आबादी 1990 में 14.9 करोड थी, जोकि अब 21.5 करोड है और वर्ष 2050 तक कम होकर 23.1 करोड़ पर रुक सकती है।

वर्ष 1990 में रूस की कुल जनसंख्या थी 14.8 करोड़, जो कि अब कम होकर 14.5 करोड़ रह गई है और वर्ष 2050 तक 1.2 करोड़ कम होकर 13.3 करोड़ होने का अनुमान है।

वर्ष 1990 में जापान की कुल आबादी 12.3 करोड़ थी, जो कि अभी तक 12.4 करोड़ ही है और वर्ष 2050 तक भी जापान की जनसंख्या ज्यादा कुछ बढ़ने की संभावना नहीं दिख रही है।

पाकिस्तान की कुल जनसंख्या वर्ष 1990 में 11.4 करोड़, जो कि अब 23.4 करोड़ हो चुकी है और वर्ष 2050 तक 36.6 करोड़ तक जाने की संभावना है।

बांग्लादेश की कुल संख्या वर्ष 1990 में थी 10.6 करोड़, जो कि अब बढ़कर 17.0 करोड़ हो चुकी है और वर्ष 2050 तक 20.4 करोड़ तक जाने का अनुमान है।

1990 में नाइजीरिया की कुल जनसंख्या थी 94 लाख जोकि तेजी से बढ़कर अब 21.6 करोड हो गई है और वर्ष 1950 तक 37.5 करोड़ तक जाने की संभावना है।

विशेषज्ञों के अनुसार बढ़ती जनसंख्या के पांच मुख्य कारण

1. जनसंख्या में सामान्य जन्म और मृत्यु दर के बीच असमानता ही अधिक जनसंख्या का कारण बनती है। जनसंख्या स्थिर होगी यदि प्रत्येक वर्ष पैदा होने वाले बच्चों की संख्या उस वर्ष में मरने वालों की संख्या के लगभग बराबर हो।

2. जनसंख्या बढ़ने का दूसरा मुख्य कारण है, कीटनाशकों और उर्वरकों के उपयोग के माध्यम से 20वीं शताब्दी में किए गए कृषि सुधारों ने मानवता को कम भूमि पर अधिक उत्पादन करने की सुविधा दी है। इंसान के पास अब भोजन तक आसान पहुंच है, जिसके कारण जनसंख्या वृद्धि हुई है, हालांकि आज भी लाखों लोग भुखमरी के कारण मरते हैं।

3. तीसरा कारण है टीकों के विकास ने उन बीमारियों का इलाज किया जो पहले हजारों लोगों की जान ले लेती थीं। मतलब बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं।

4. चौथा मुख्य कारण है लोगों में शिक्षा और जानकारी की कमी जो कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए बहुत जरूरी है।

5. अगला कारण है तकनीकी उन्नति, और मेडिकल क्षेत्र में उन्नति जिसके कारण प्रभावी दवाएं उपलब्ध है जो गर्भधारण की संभावना को बढ़ा सकती हैं और जन्म दर में वृद्धि कर सकती हैं। इसके अलावा, आधुनिक तकनीकों के कारण आज गर्भधारण और प्रसव कहीं अधिक सुरक्षित है।

यह भी पढ़ें: ये है वो बेबी गर्ल जिसके पैदा होते ही दुनिया की जनसंख्या 8 अरब हुई

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English summary
World Population reached 8 Billion People
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