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मृत घोषित बच्चा एक घंटे बाद जीवित

By रविंद्र सिंह
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सिरसा। जिस बच्चे को एक निजी अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया वह दफनाते समय अचानक जीवित हो उठा। बच्चे की मौत पर श्माशान घाट में विलाप कर रही मां ने उसे आंचल में समेट लिया। बच्चे को उपचार के लिए एक अन्य निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। उपचार करने वाले चिकित्सक का कहना है कि प्री मैच्योर बच्चों के साथ ऐसा होता रहता है। हालांकि अभी भी बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है। उसे वैंटीलेटर पर रखा हुआ है।

यह घटना है सिरसा की जहां रानियां रोड पर बाबा बिहारी की समाधि के पास रहने वाले मजूदर व बच्चे के पिता विनोद कुमार ने बताया कि बीस दिन पूर्व उसकी पत्नी सरोज रानी ने एक बच्चे चिंकी को जिला अस्पताल में जन्म दिया था। बच्चा कमजोर होने के कारण उसे डा. आरएम बाना के अस्पताल में दाखिल करवाया गया था, जिसके बाद वे बच्चे को घर पर ले आए।

रविवार की सुबह करीब आठ बजे चिंकी की तबियत अचानक खराब हो गई तो वह अपने भाई वेद प्रकाश को साथ लेकर बच्चे को दोबारा उसी निजी अस्पताल में ले आया। जहां पर डा. आरएम बाना की अनुपस्थिती में एक कर्मचारी ने बच्चे को देखकर बताया कि वह सांस नहीं ले रहा है और उसकी मौत हो चुकी है।

मिट्टी डालने से ठीक पहले हुई बच्‍चे के शरीर में हरकत

विनोद कुमार ने बताया कि वे बच्चे को घर लेकर पहुंचे और बाद में बच्चे को दफनाने के लिए परिजन शिवपुरी ले गए। बच्चे को दफनाने के लिए ले गए बच्चे के ताऊ वेदप्रकाश ने बताया कि जब बच्चे का दफनाया जा रहा था तो उसके होंठ और आंखों में कुछ हरकत देखी ऐसे में बच्चे को बाहर निकाल लिया गया। उसने बताया कि बच्चे के सीने पर हाथ रखने के बाद पता चला कि दिल भी धड़क रहा है।

बाद में बच्चे को उपचार के लिए डबवाली रोड स्थित एक नर्सिंग होम में ले जाया गया जहां पर बच्चे को दाखिल कर लिया गया। बच्चे का उपचार कर रहे डा. राजेंद्र सिंह सरां ने बताया कि बच्चे को कृत्रिम श्वास दी जा रही है, लेकिन हालत गंभीर बनी हुई है। डॉ. सरां बताया कि बच्चे का दिल सामान्य गति से धड़क रहा है। उन्होंने बताया कि प्री मैच्योर डिलीवरी में अकसर बच्चों के साथ ऐसा हो जाता है ऐसी स्थिति में चिकित्सक को काफी सावधानी बरतनी होती है।

हमने बच्चे को मृत घोषित नहीं किया था: डा.बाना

बच्चे का पहले उपचार करने वाले डॉक्टर आरएम बाना का कहना है कि बच्चे की हालत पहले काफी खराब थी और उन्होंने उसके परिजनों को बताया दिया था कि बच्चे को दाखिल करवाना पड़ेगा लेकिन वे बच्चे को घर ले गए। रविवार की प्रात: वे बच्चे को लेकर दोबारा अस्पताल में आए तो वे अस्पताल में मौजूद नहीं थे। किस कर्मचारी ने बच्चे को मृत घोषित किया उन्हें नहीं पता। उनका कहना है कि परिजन अस्पताल के उस कर्मचारी को पहचान लें तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

English summary
A hospital in Sirsa district of Haryana, declared a child as dead, even he was alive. The family members came to know the child is alive, just before they were going to buried him.
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