मास शिवरात्रि के दिन बना गुरु पुष्य संयोग, अघोरा चतुर्दशी भी इसी दिन
मास शिवरात्रि के दिन बना गुरु पुष्य संयोग, अघोरा चतुर्दशी भी इसी दिन
भाद्रपद की मास शिवरात्रि 25 अगस्त 2022 गुरुवार को आ रही है। इस दिन पुष्य नक्षत्र होने से गुरु पुष्य का शुभ संयोग बना है। इसी दिन भगवान शिव के एक स्वरूप को समर्पित अघोरा चतुर्दशी भी है। इस दिन भगवान शिव का पूजन, अभिषेक करने से जीवन की परेशानियों का अंत होता है और कष्टों से मुक्ति मिलती है। आयु और आरोग्य में वृद्धि होती है।
चतुर्दशी का पंचांग
25 अगस्त को प्रात: 10 बजकर 40 मिनट से चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी जो 26 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। 25 अगस्त को पुष्य नक्षत्र सूर्योदय से सायं 4 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। इस प्रकार गुरु पुष्य का संयोग प्रात: 6.11 से सायं 4.16 बजे तक मिलेगा। कुल 10 घंटे 5 मिनट का गुरु पुष्य का संयोग मिलेगा।
क्या करें गुरु पुष्य संयोग में
- मास शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का पूजन अभिषेक ठीक उसी तरह किया जाता है जैसा महाशिवरात्रि के दिन किया जाता है। भगवान शिव का अभिषेक करें, पूजन करें, बेल पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल अर्पित करें। शिव महिम्नस्तोत्र का पाठ करें।
- शिवरात्रि भगवान शिव-पार्वती के पूजन का दिवस होता है। इस दिन गुरु पुष्य का संयोग आना उन युवक-युवतियों के लिए अत्यंत लाभदायी है जिनके विवाह में बाधा आ रही है। जिनका विवाह नहीं हो पा रहा है। वे इस दिन शिव-पार्वती के साथ केले के पेड़ का पूजन भी करें।
- गुरु पुष्य का संयोग खरीदारी के लिए भी शुभ होता है। यदि आप भूमि, भवन, संपत्ति, आभूषण आदि खरीदना चाहते हैं तो गुरु पुष्य के पुण्यकाल में खरीद लें।
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