4 साल के बच्चे ने 1 मिनट में 14 बार महामृत्युंजय मंत्र जपकर बना दिया रिकॉर्ड, ये कौन है जानिए
कांगड़ा। बच्चे मंत्रोच्चारण करते हुए आपने खूब देखे होंगे। कुछ बच्चों में ऐसी प्रतिभा व कौशल होता है, जिनसे रूबरू होने पर अचरज होने लगता है। अब हिमाचल के अद्विक ठाकुर की ही बात करें, तो यह 4 साल का वो बच्चा है, जिसने एक मिनट में 14 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया। इसके लिए उसका नाम "एशिया बुक ऑफ द् रिकॉर्ड्स" में दर्ज कर लिया गया है।
4 साल के अद्विक की अद्वितीय-आस्था
अद्विक ठाकुर हिमाचल में धर्मशाला विद्युत बोर्ड के मंडल कार्यालय में एक्सईन के पद पर कार्यरत विकास ठाकुर के बेटे हैं। उनकी मां का नाम वसुधा ठाकुर है। वसुधा ठाकुर पेशे से डॉक्टर हैं। वसुधा ठाकुर ही अद्विक की पहली गुरु हैं, जिन्होंने उसे ऐसे संस्कार दिए कि वह बहुत छोटी-सी अवस्था में ही ईश्वर का नाम जपने लगा। वह अब हनुमान चालीसा और गायत्री मंत्र भी पढ़ता है।
1 मिनट में 14 बार जपा महामृत्युंजय मंत्र
4 साल के अद्विक का कहना है कि, महामृत्युंजय का मंत्र मां ने सिखाया। उनके पिता भी उनसे इसका पाठ कराते हैं। यह बात लोगों को पता चलते गई है, और उनका नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए भेजा गया। जहां सारी औपचारिकताएं ऑनलाइन पूरी करने पर अद्विक ने महामृत्युंजय मंत्र जपा। उन्होंने 1 मिनट में 14 बार महामृत्युंजय मंत्र का पाठ किया। ऐसा करके उन्होंने केरल की लड़की का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
अद्विक से पहले केरल की लड़की ने 1 मिनट में 13 बार मंत्र का जाप किया था। उस समय उसे सोशल मीडिया पर काफी सराहना मिली। अब 4 साल के अद्विक की चर्चा हो रही है।
हनुमान चालीसा और गायत्री मंत्र का भी पाठ
दिलचस्प बात यह है कि, अद्विक ने महज 4 साल की उम्र में लगातार 3 दिन अभ्यास के बाद ये उपलब्धि हासिल की है। अद्विक अब अद्विक हनुमान चालीसा और गायत्री मंत्र का जाप भी कर रहा है।अद्विक के माता-पिता उसकी उपलब्धि पर खुशी जता रहे हैं। उनका कहना है कि, अद्विक ने देवभूमि का नाम रोशन किया है।
भगवान शिव के लिए है यह मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए जपा जाता है। विद्वान कहते हैं कि, इसका जाप करने से मृत्यु, भय, रोग, शोक और अन्य दोष का प्रभाव कम होता है। शिव की उपासना में महामृत्युंजय सर्वशक्तिशाली माना जाता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को ग्रहों में पीड़ा का योग है या वह किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है तो यह मंत्र उसे इस व्यथा से बाहर लाने में प्रभावी माना गया है। महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर भी इसे जपा जाता है।
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ.
- लघु मृत्युंजय मंत्र
ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ.
मंत्र जाप की विधि
इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से कराना चाहिए। इस मंत्र का जाप प्रात:काल से लेकर दोपहर पूर्व तक करना चाहिए। इस मंत्र का गलत जाप निष्प्रभावी होता है। एक विशेष विधान यह है कि, महामृत्युंजय मंत्र का जाप सवा लाख बार और लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप 11 लाख बार किया जाता है।
महा मृत्युंजय-पूजा के लाभ
- अकाल मृत्यु से रक्षा होती है।
- निरोगी रहने का आशीर्वाद मिलता है।
- सर्जरी, दुर्घटना जैसे आकस्मिक दुखों से रक्षा।
- कष्ट और संकट से बचाव।
- इसलिए, खुशहाल एवं सफल जीवन के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है।