बिहार की जेलों में Whatsapp और FB पर वीडियो चैटिंग करते हैं क्रिमनल्स
पटना
(मुकुन्द
सिंह)।
बिहार
की
जेलांां
में
बंद
कैदी
अब
व्हाट्सएप,
फेसबुक
और
वीडियो
कॉलिंग
के
जरिए
मस्ती
भरा
खेल
खेल
रहे
हैं।
कई
बार
हुई
छापेमारी
में
सूबे
के
कई
जेलों
से
एंड्रायड
फोन
बरामद
किया
गया
है।
जिससे
साफ
पता
चलता
है
कि
जेल
में
बंद
कुख्यात
भी
अब
व्हाट्सएप
और
फेसबुक
चलाने
के
साथ-साथ
वीडियो
कॉलिंग
के
जरिए
अपना
दिन
गुजार
रहे
हैं।
बिहार
का
बदनाम
शहर
जहां
ग्राहकों
के
इंतजार
में
खड़ी
रहती
हैं
सेक्स
वकर्स
वहीं
दूसरी
तरफ
बाहर
गांजा
पर
प्रतिबंध
होने
के
बाबजूद
जेल
में
कैसे
गांजा
उपलब्ध
हो
जाता
है।
इस
तरह
की
कई
और
बातें
हैं
जो
जेल
में
हुई
छापेमारी
के
बाद
सामने
आई
है।
आपको
बताते
चलें
कि
राज्य
के
8
जिलों
की
जेलों
में
की
गई
छापेमारी
में
कई
ऐसे
आपत्तिजनक
सामान
बरामद
हुई
है
जिसने
जेल
प्रशासन
की
मुंह
पर
कालिख
पोतने
का
काम
किया
है।
छापेमारी
में
मोबाइल
और
सिम
कार्ड
के
साथ
प्रतिबंधित
सामानों
की
बरामदगी
ने
जेल
में
चल
रहे
खुलेआम
व्हाट्सएप
फेसबुक
और
वीडियो
कॉलिंग
का
मस्ती
भरे
खेल
की
बातों
पर
मुहर
लगा
दी
है।
खूंखार
डॉन
मोहम्मद
शहाबुद्दीन
की
जन्म
से
जेल
तक
की
पूरी
दास्तान
किन-किन जेलों में की गई छापेमारी और वहां से क्या मिला
बक्सर के केंद्रीय कारागृह में जब प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की टीमों ने छापेमारी की तो वहां से 3 मोबाइल फोन, हेडफोन, मेमोरी कार्ड व सिम कार्ड बरामद किए गए। तो कैमूर के जेल में छापेमारी के बाद दौरान अधिकारियों ने बुलेट, चाकू और गांजा की कई पुड़िया बरामद किया है। वहीं जब औरंगाबाद मंडल कारागृह में प्रशासन और पुलिस ने छापेमारी की तो यहां से एक मोबाइल फोन और तीन चार्जर मिला। जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि यहां और भी मोबाइल सेट हैं।
लेकिन अपराधियों ने उसे कहीं गुप्त स्थान पर छुपा दिया है। अगर बात करें बिहारशरीफ के मंडल कारागृह की तो वहां से एक पुराना मोबाइल चार्जर और 34 लीटर किरोसिन के साथ गांजा, खैनी, सिगरेट आदि बरामद किया गया है। जहानाबाद के मंडल कारागार से 2 मोबाइल सेट, चार्जर, 6 चाकू के साथ दो पैकेट सिगरेट और गांजा जप्त किया गया है। तो हाजीपुर से एक मोबाइल तथा 3 सिम कार्ड बरामद किया गया है। वहीं भोजपुरी के मंडल कारागार में जब प्रशासन ने छापेमारी की तो एक बैरेक से दो स्मार्ट फोन बरामद हुए हैं।
सवालों के घेरे में जेल की कानून व्यवस्था
जेल में छापेमारी के बाद यह सभी आपत्तिजनक सामान बरामद होना सूबे की जेल में चल रहे कानून व्यवस्था के ऊपर कई तरह के सवाल खड़े करते हैं। आखिरकार जेल में प्रतिबंधित सामानों की एंट्री कैसे हुई? क्या इसमें जेल प्रशासन की मिली भगत है? आपको बताते चलें की जेल से आपत्तिजनक सामान बरामद होने तथा ऐसे में अपराधियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने में लगी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। लेकिन जब कभी भी इन सभी विषयों के बारे में जेल प्रशासन से पूछा जाता है तो इनके द्वारा हर बार एक ही जवाब दिया जाता है कि जेल प्रशासन इसको लेकर काफी गंभीर है और छापेमारी कर रही है।