बुलंदशहर हिंसा: सीएम योगी ने लगाई अधिकारियों की क्लास, सुमित के परिजनों को 10 लाख की सहायता
लखनऊ। बुलंदशहर में बिगड़ते हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक आपातकालीन मीटिंग बुलाई, लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला। मुख्यमंत्री ने न तो कोई सख्त कार्रवाई की और न ही किसी तरह का एक्शन लिया। मीटिंग में बुलंदहशहर मामले को लेकर अधिकारियों को समझाया गया और इसके साथ हिंसा में मारे गए सुमित और भाजपा नेता प्रत्यूष के परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की गई। भले ही मंगलवार को हुई इस मीटिंग का सार कुछ नहीं निकला लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि जल्द की प्रदेश के कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
सभी आरोपियों को खिलाफ हो सख्त कार्रवाई
मंगलवार की देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बुलंदशहर की घटना पर मुख्य सचिव DGP, प्रमुख सचिव गृह, अपर पुलिस महानिदेशक इंटेलिजेंस के साथ बैठक की। उनके द्वारा इस गंभीर घटना की समीक्षा कर निर्देश दिया गया कि इस घटना की गंभीरता से जांच कर गोकशी में संलिप्त सभी व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक सुमित के परिवारजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बुलंदशहर से लेकर शाहजहांपुर और लखनऊ बीजेपी नेता की हत्या समेत सभी बड़ी घटनाओं पर अधिकारियों से जानकारी ली।
बंद हो चुके हैं स्लॉटर हाउस
गौरतलब है कि 19 मार्च 2017 से अवैध स्लॉटर हाउस को बंद कर दिया गया है। इस घटना के क्रम में सभी जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को यह निर्देश दिया गया है कि जिले स्तर पर ऐसे अवैध कार्य न हों, यह उनकी सामूहिक जिम्मेदारी होगी। मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक यह सुनिश्चित करें कि इस आदेश का जिला स्तर पर अनुपालन किया जाए। यह भी निर्देश दिया गया कि एक अभियान चलाकर जो तत्व माहौल खराब कर रहे हैं, उनको बेनकाब कर इस प्रकार साजिश रचने वालों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जाए।
क्या था मामला
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सोमवार को गोकशी को लेकर भड़की हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना में स्यान कोतवाली इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली लगने की वजह से मौत हो गई थी। मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि, इस घटना में आरोपी बनाए गए मृतक सुमित की मौत हो गई है। अगर उसके खिलाफ आरोप सिद्ध भी हो जाते हैं तो भी उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती है।