मधु कोड़ा बन पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा से हड़पे थे 40 लाख रुपए, यूपी STF के शिकंजे में 'नटवरलाल' रंजन मिश्रा
लखनऊ। यूपी एसटीएफ ने बड़े-बड़े अधिकारियों को ठगने वाले एक 'नटवरलाल' को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने रंजन मिश्रा नाम के इस मायावी खिलाड़ी को झारखंड के जमशेदपुर से गिरफ्तार किया है। इस शख्स के खिलाफ लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में केस दर्ज है। रंजन मिश्रा मूल रूप से बिहार के गया जिले का रहना वाला है। रंजन मिश्रा पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा समेत कई बड़े अफसरों को ठग चुका है। 2008 में रंजन ने पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के नाम से अर्जुन मुंडा से 40 लाख रुपए हड़पे थे। 20 मार्च को एसटीएफ ने इसी गिरोह के दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। उसी वक्त से रंजन मिश्रा फरार चल रहा था। आखिरकार तीन महीने बाद पुलिस ने रंजन मिश्रा को झारखंड से गिरफ्तार कर लिया है।
क्या है पूरा मामला
20 फरवरी 2020 को अभियुक्त ने उत्तर प्रदेश शासन का एक उच्च अधिकारी बनकर प्रोजेक्ट मैनेजर को कॉल किया था। कहा था, मेरे किसी संबंधी की तबीयत खराब है और पैसे की तुरंत आवश्यकता है, 8 लाख रुपए दिए गए खाते में जमा करवाइए। दो-तीन घंटे में पैसे वापस करने की भी बात कही गई थी। फरवरी 2020 में ही आसाम के विनोद अग्रवाल से 6 लाख रुपए उसी खाते में जमा करा लिए गए थे, जिसमें से 2 दिन के अंदर 90 हजार निकाल लिए गए और बचे हुए रुपए की निकासी पर रोक लगा दी गई। फरवरी 2020 में ही मध्य प्रदेश के राज्यपाल के नाम से 4 अलग-अलग विधायकों से लाखों रुपए की मांग की गई। इस संबंध में प्रोजेक्ट मैनेजर उप्र राजकीय निर्माण निगम राजमणि ने थाना सुशान्त गोल्फ सिटी पर मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में एसटीएफ ने 20 मार्च 2020 को अभियुक्त सुनीत गौतम और गणेश तिवारी को बक्सर, बिहार से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
फरार चल रहा था रंजन कुमार
मुख्य अभियुक्त रंजन कुमार मिश्रा फरार चल रहा था, जिसकी गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ जुटी हुई थी। जांच में पता चला कि उच्च अधिकारी बनकर कॉल करने वाले व्यक्ति ने जो खाता संख्या पैसा भेजने के लिए दिया गया था वह खाता एक्सिस बैंक बक्सर बिहार में अभियुक्त गणेश तिवारी के नाम पर है। कॉलर के मोबाइल नंबर की जांच की गई तो पता चला कि उसके द्वारा उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश और आसाम में भी कई लोगों को अलग-अलग विभाग का अधिकारी बनकर कॉल किया गया है। 24 फरवरी को भी विनोद अग्रवाल से 6 लाख रुपए उसी खाते में जमा करा लिया गया था। जिसमें से 2 दिन के अंदर 90 हजार निकाल लिए गए तथा शेष रूपये की निकासी पर रोक लगा दी गयी थी।
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