Black Fungus से लखनऊ के लोहिया संस्थान में हुई पहली मौत, मेरठ में पांच और नए मरीज मिले
लखनऊ, मई 14: कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बीच देश में एक नई जानलेवा बीमारी ने संकट को और बढ़ा दिया है। कोरोना संक्रमित मरीजों को ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) नाम की बीमारी हो रही है, जिसमें कई लोग अपनी आंखों की रोशनी गवा बैठे हैं। तो वहीं, अब उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक महिला ने ब्लैक फंगस की वजह से दम तोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि इस महिला ने कोरोना से तो जंग जीत ली थी, लेकिन बाद में उनमें ब्लैक फंगस के लक्षण दिखे और उनकी मौत हो गई।
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जानकारी के मुताबिक, लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में एक महिला को 10 मई को लाया गया था। दरअसल, कोरोना से उबरने के बाद महिला को आंख व नाक में सूजन की शिकायत थी। डॉक्टरों ने लक्षणों के आधार पर ब्लैक फंगस की आशंका जाहिर की थी। इसके बाद सीटी स्कैन करने पर फंगस नजर आया। तब महिला का इलाज शुरू किया, मगर उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई। इस दौरान फंगस की कल्चर जांच कराने की तैयारी भी शुरू हुई। इसी बीच उसकी मौत हो गई। महिला को शुगर की भी समस्या थी।
केजीएमयू
में
ब्लैक
फंगस
के
मिले
आठ
मरीज
बता
दें
कि
लखनऊ
के
केजीएमयू
में
ब्लैक
फंगस
बीमारी
वाले
8
मरीजों
देखे
गए
हैं।
इनमें
से
कुछ
मरीजों
का
लिंब
सेंटर
व
कुछ
का
गांधी
वार्ड
में
इलाज
चल
रहा
है।
इनमें
से
कई
मरीज
दूसरे
अस्पतालों
से
भी
रेफर
हो
कर
आए
हैं।
वरिष्ठ
डाक्टरों
की
निगरानी
में
इन
मरीजों
का
इलाज
चल
रहा
है।
मगर
इनमें
से
3
मरीजों
की
आंखों
पर
गंभीर
असर
बताया
जा
रहा
है।
केजीएमयू,
लोहिया
व
लोकबंधु
अस्पताल
समेत
लखनऊ
में
अब
तक
करीब
एक
दर्जन
ब्लैक
फंगस
यानी
म्यूकोरमाइकोसिस
के
मरीज
सामने
आ
चुके
हैं।
ब्लैक
फंगस
के
मरीजों
की
मेरठ
में
भी
बढ़ी
संख्या
मेरठ
जिले
में
ब्लैक
फंगस
के
मरीजों
की
संख्या
लगातार
बढ़ती
जा
रही
है।
गुरुवार
को
पांच
और
मरीजों
को
ब्लैक
फंगस
की
पुष्टि
हुई
है।
इनमें
चार
मरीज
न्यूटिमा
अस्पताल
में
भर्ती
हैं
और
तीन
का
मेडिकल
कॉलेज
में
इलाज
चल
रहा
है।
बिजनौर
निवासी
एक
मरीज
को
पुष्टि
होते
ही
परिजन
किसी
दूसरे
अस्पताल
में
ले
गए
थे।
इस
तरह
से
मेरठ
में
आठ
मामले
सामने
आ
चुके
हैं।
ब्लैक
फंगस
के
बारे
में
क्या
कहा
केजीएमयू
के
डॉक्टर
ने..
ब्लैक
फंगस
बीमारी
के
बारे
में
केजीएमयू
के
डॉक्टर
सूर्यकांत
ने
बताया
है
कि
कोरोना
वायरस
से
ग्रस्त
होने
के
बाद
नौ
दिन
बहुत
महत्वपूर्ण
हैं।
इस
दौरान
कोरोना
संक्रमण
के
साथ
ब्लैक
फंगस
मरीज
को
होता
है
तो
त्वचा
के
साथ-साथ
आंख,
नाक,
फेफड़ा
और
ब्रेन
को
भी
क्षति
पहुंच
सकता
है।
डॉक्टर
सूर्यकांत
ने
कहा
कि
ब्लैक
फंगस
पहले
से
वातावरण
में
मौजूद
है
और
इम्यूनिटी
कमजोर
होने
पर
इसकी
चपेट
में
लोग
आ
सकते
हैं।