कोरोना जैसी बीमारियों की पहचान में जुटा है WHO, 'बीमारी एक्स'बन सकती है अगली महामारी !
WHO कोरोना महामारी को इस सदी की सबसे बड़ी महामारी घोषित किया जा चुका है। इस वायरस की तबाही के बाद दुनियाभर में वैज्ञानिक भविष्य में आने वाली ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए तैयारियों में जुटे हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि वह रोगजनकों की एक सूची बना रहा है जो भविष्य में प्रकोप या महामारी का कारण बन सकते हैं। इन रोगजनकों को एक प्रतिउपाय के रूप में कड़ी निगरानी में रखा गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को बताया कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से ऐसे रोगाणुओं को चिन्हित किया जाएगा, जिन पर प्राथमिकता के तौर पर पहले ध्यान देने की आवश्यकता है। डब्ल्यूएचओ द्वारा रोगजनकों की पहली सूची 2017 में प्रकाशित की गई थी और अंतिम को 2018 में जारी किया गया था। संगठन अगली लिस्ट 2023 के शुरुआत में जारी कर सकता है।
वर्तमान सूची में कोविड -19, क्रीमियन-कोंग रक्तस्रावी बुखार, इबोला वायरस रोग और मारबर्ग वायरस रोग, लस्सा बुखार,मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम (MERS) और गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (SARS), निपाह और हेनिपाविरल रोग, रिफ्ट वैली बुखार, जीका और रोग X शामिल हैं। सभी वैज्ञानिक तथाकथित 'बीमारी एक्स' पर भी विचार करेंगे - एक अज्ञात रोगजनक जो एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय महामारी का कारण बन सकता है।
डब्लूएचओ द्वारा यह प्रक्रिया शुक्रवार 18 नवंबर 2022 को शुरू कर दी गई है। आशा है कि इसके जरिए वैक्सीन, परीक्षण और उपचार के लिए वैश्विक निवेश, शोध एवं विकास को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन निदेशक माइकल रेयान ने कहा कि तेजी से फैलने वाली महामारी और उसकी प्रतिक्रिया को जानने के लिए प्राथमिक रोगजनकों और उसके वायरस परिवारों को लक्षित करना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि कोविड -19 महामारी से पहले महत्वपूर्ण अनुसंधान एवं विकास निवेश के बिना, रिकॉर्ड समय में सुरक्षित और प्रभावी टीके विकसित करना संभव नहीं होता। डब्लूएचओ ने 25 से अधिक वायरस परिवारों और जीवाणुओं के सबूतों पर विचार करने के लिए 300 से अधिक वैज्ञानिकों को मोर्चा पर लगा दिया है। इस मिशन का उद्देश्य वैश्विक अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) और निवेश पर फोकस करने साथ टीकों, परीक्षणों और उपचारों को निर्देशित करने वाली सूची को अद्यतन करना है।
WHO की चेतावनी-इंसानों में तेजी से घट रहा है रोगाणुरोधी प्रतिरोध, 24 मिलियन लोगों को गंभीर खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने इस सूची को अनुसंधान समुदाय के लिए एक संदर्भ बिंदु कहा है ताकि वे अगले खतरे का प्रबंधन करने के लिए अपनी ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर सकें। यह लिस्ट क्षेत्र में विशेषज्ञों के साथ मिलकर तैयार की गई है। एक वैश्विक अनुसंधान समुदाय के रूप में सब सब एकमत हैं कि उन्हें परीक्षण, उपचार और टीके विकसित करने के लिए कहां ऊर्जा और धन का निवेश करने की आवश्यकता है।