अरविंद केजरीवाल के बारे में बातें, जो शायद आप नहीं जानते होंगे
केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को, हरियाणा के हिसार जिले में हुआ।
पिता का नाम गोबिंद राम केजरीवाल है और माता का नाम गीता देवी।
केजरीवाल की पत्नी का नाम सुनीता, आईआरएस ऑफीसर हैं, जो मसूरी में सिविल सर्विसेस की ट्रेनिंग के दिनों में उनकी बैचमेट भी थीं। दोनों ने साथ ही आईआरएस ज्वाइन किया था।
केजरीवाल शुद्ध शाकाहारी हैं और कई वर्षोा से विपासना को मानते हैं।
1985 में आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री कोर्स में प्रवेश लिया।
1989 में टाटा स्टील, जमशेदपुर में ज्वाइन किया। वहां से छुट्टी लेकर सिविल सर्विस के इंटरेंस की तैयारी की।
1992 में नौकरी छोड़ दी। कुछ समय कोलकाता में रामकृष्ण मिशन की नॉर्थ-ईस्ट इकाई के साथ बिताया।
पहली बार में ही सिविल सर्विसेज का इंटरेंस निकाल कर 1995 में इंडियन रेवेन्यू सर्विस ज्वाइन की। इसी दौरान केजरीवाल मदर टेरेसा से मिले और उनके साथ काम किया।
1999-2000 के बीच उन्होंने परिवर्तन मूवमेंट की शुरुआत की। यह अीभियान इनकम टैक्स, बिजली और राशन से संबंधित बातों के प्रति जनता को जागरूक करने के लिये चलाया।
2003 में उन्होंने फिर से आईआरएस ज्वाइन किया और 18 महीने के लिये वहां काम किया। साथ में उनका समाज कार्य भी चलता रहा।
2006 में आरटीआई ऐक्ट के लिये रमन मैगसेसेय अवार्ड से उन्हें नवाजा गया। उन्होंने आईआरएस की नौकरी छोड़ दी और मैगसेसेय अवार्ड से प्राप्त धन को एनजीओ पब्लिक कॉस रिसर्च फाउंडेशन को दान कर दिया।
2001 में अन्ना हजारे के संपर्क में आये और उनके साथ मिलकर जन लोकपाल बिल के लिये जंग शुरू की।
2012 में आम आदमी पार्टी की स्थापना की।
दिसंबर 2013 में शीला दीक्षित को विधानसभा चुनाव में 25,864 वोटों से हराया। दिसंबर 2013 में दिल्ली के मुख्यमंत्री चुने गये, जिसके लिये 26 दिसंबर को वो शपथ ग्रहण करेंगे।
अब कुछ खास बातें-
केजरीवाल के पास कार है, लेकिन पार्टी के कार्यों के लिये जब भी उन्हें दिल्ली के किसी कोने में जाना होता है तो वो मेट्रो ट्रेन से सफर करके जाते हैं।
केजरीवाल को हर काम में परफेक्शन पसंद है। वो एक काम में जुट हाते हैं, तो उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। उसके लिये चाहे उन्हें रात दिन एक क्यों न करनी पड़े।
केजरीवाल पार्टी में मिस्टर कूल के नाम से जाने जाते हैं। उन्हें गुस्सा बहुत कम ही आता है। वो कहते हैं कि उनके साथ काम करने वाले लोगों को हर आदमी की इज्जत करनी होगी।
बेटे पुलकित को भी पापा पर बहुत विश्वास। कहता है पापा में बहुत दम है। बेटी हर्षिता को भी अपने पिता पर गर्व है। दोनों के टीचर और सीनियर्स आम आदमी पार्टी के फॉलोवर्स हैं।
पत्नी सुनीता अपने बीते दिन याद करके बताती हैं, जब केजरीवाल की मां ने उनसे पूछा था कि उन्हें अरविंद क्यों पसंद है। तो सुनीता ने जवाब दिया था, मुझे उनका व्यक्तित्व बहुत पसंद है। मुझे उनका काम बाकियों की तुलना में सबसे अच्छा लगता है। सुनीता कहती हैं कि वैसे ही गुर वो अपने बच्चों में देखना चाहती हैं।
केजरीवाल के मित्रों का प्रेम जितना ज्यादा है, उससे कहीं ज्यादा उनका नेटवर्क। केजरीवाल बताते हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में उनके कई दोस्तों ने आर्थिक सहायता प्रदान की। एक दोस्त ने तो हर महीने 25 हजार रुपए भेजे, ताकि मैं अपनी जंग जारी रख सकूं। घर का खर्च सुनीता चलाती हैं, जो आयकर विभाग में एडिशनल कमिशनर हैं।
अरविंद केजरीवाल बताते हैं कि वो आईपीएस अधिकारी बनना चाहते थे, इसीजिये उन्होंने जमशेदपुर में टाटा स्टील की जॉब छोड़ी और सिविल सर्विसेस की तैयारी करने के लिये दिल्ली आये।
केजरीवाल मधुमेह के रोगी हैं, फिर भी उन्होंने लोकपाल बिल के लिये अनशन किया। अनशन उनके जीवन के लिये खतरनाक हो सकता था।