इमरान खान के शपथ ग्रहण में हिस्सा लेने पाकिस्तान पहुंचे सिद्धू, याद दिलाया वाजपेयी का कथन
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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू शुक्रवार को लाहौर पहुंच गए। सिद्धू वाघा बॉर्डर से लाहौर पहुंचे और वहां से इस्लामाबाद जाएंगे, जहां उन्हें शनिवार 18 अगस्त को इमरान खान के शपथ ग्रहण में हिस्सा लेना है। लाहौर पहुंचकर सिद्धू अपने चिरपरिचित शायराना अंदाज में नजर आए। उन्होंने पंजाबी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'प्यार अमन ते खुशहाली दा, रूप बणके मेरा यार दिलदार इमरान खान जीवे! मैं कोई पॉलिटिकल बंदा बणके एत्थे नहीं आया। मैं एक दोस्त के नाते...प्यार मोहब्बत अमन दा गुडविल मैसेंजर बनकर पाकिस्तान आया हूं।'
सिद्धू से जब पाकिस्तानी मीडिया ने पूछा कि वह इमरान खान के लिए क्या तोहफा लेकर आए हैं? इस पर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, 'मैं उनके लिए कश्मीरी एक शॉल लेकर आया हूं। कश्मीरी बुनकरों की शॉल मुझे बहुत पसंद है। मैं खुद वो लेता हूं, इसलिए वो मैं बड़ा ढूंढकर लाया हूं।'
सिद्धू
लाहौर
में
एकदम
अपने
रंग
में
नजर
आए
और
पत्रकारों
से
बोले
कि
मैं
जो
शॉल
लाया
हूं
वो
एक
मोहब्बत
का
प्रतीक
है।
इसके
बाद
उन्होंने
कहा,
'जो
आप
कहो
तो
मैं
आपको
वो
बढि़या
वाली
लाइनें
भी
सुना
दूं
जो
मैं
लिखी
हैं।
दुआ
है
आपकी
हस्ती
का
कुछ
ऐसा
नजारा
हो
जाए...
अरे
कश्ती
भी
उतारे
मौजों
पे
और
तूफां
ही
किनारा
हो
जाए।'
सिद्धू
की
ये
लाइनें
सुनने
के
बाद
वहां
मौजूद
मीडियाकर्मी
वाह-वाह
करने
लगे।
सिद्धू ने दोनों देशों की सलामती की दुआ करते हुए कहा कि हिंदुस्तान जीवे, पाकिस्तान जीवे। सिद्धू ने पाकिस्तान में दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए कहा कि वह भी दोनों देशों के बीच शांति चाहते थे। उन्होंने वाजपेयी के कथन को याद दिलाते हुए कहा, 'अगर पड़ोसी के घर में आग लगेगी तो लपटें हमारे पास तक भी आएंगीं।'
सिद्धू ने इमरान खान की शख्सियत के बारे में कहा, 'मैंने इमरान खान को उनकी कमजोरी को ताकत बनते देखा है। मैं उम्मीद करता हूं कि इमरान खान इस देश की समृद्धि का प्रतीक बनें।'