कृषि कानूनों पर मोदी सरकार को मिला शरद पवार का 'साथ', कृषि मंत्री ने बयान का किया स्वागत
नई दिल्ली, 2 जुलाई। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों पर एनसीपी नेता शरद पवार के बयान का स्वागत किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि कृषि कानूनों को पूरी तरह से खारिज करना ठीक नहीं है। शरद पवार ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता है कि पूरे बिल को खारिज किए जाने की जरूरत है। उस हिस्से में बदलाव किया जाना चाहिए जिससे किसानों को आपत्ति है।
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एनसीपी प्रमुख ने कहा था किसान पिछले 6 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना हुआ है। इसलिए वे अभी भी वहां बैठे हुए हैं। केंद्र को उनसे बातचीत करनी चाहिए।
शरद पवार बोले- कृषि कानूनों को पूरी तरह खारिज करना ठीक नहीं, विवादित भाग में हो संशोधन
शरद पवार को इस बयान का केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने स्वागत किया है। तोमर ने कृषि कानूनों को किसानों के जीवन स्तर में बदलाव लाने वाला बताते हुए कहा "कृषि कानूनों के बारे में देश के बड़े नेता और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि सभी कानून बदले जाने की जरूरत नहीं है जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उन पर विचार करके उनको बदला जाना चाहिए। मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि केंद्र सरकार आपके विचार से सहमत है। हमने 11 बार किसान संगठनों से बातचीत की है और केंद्र सरकार की मंशा है कि बातचीत के माध्यम से इसका निराकरण हो और सभी किसान अपने घर जाएं और खेती को आगे बढ़ाएं।"
कृषि
कानूनों
पर
बोले
तोमर
कृषि
कानूनों
के
बारे
में
बोलते
हुए
केंद्रीय
मंत्री
ने
कहा
भारत
सरकार
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
के
नेतृत्व
में
किसानों
के
हितों
केलिए
पूरी
तरह
प्रतिबद्ध
है।
मोदी
सरकार
ने
विगत
सात
वर्षों
में,
खेती
किसानी
आगे
बढ़े
और
किसान
मुनाफे
में
आए
इसलिए
विभिन्न
योजनाएं
संचालित
की
है
जिसका
लाभ
किसानों
को
मिल
रहा
है।
एक
लंबे
समय
से
देश
इस
बात
की
प्रतीक्षा
में
था
कि
खेती
के
क्षेत्र
में
भी
कानूनी
बदलाव
आना
चाहिए।
1999
में
वाजपेयी
के
कार्यकाल
में
इसकी
कवायद
शुरू
हुई।
2006
में
स्वामीनाथन
आयोग
ने
अपनी
सिफारिशें
यूपीए
सरकार
को
सौंपी
लेकिन
यूपीए
सरकार
उस
पर
आगे
नहीं
बढ़
पाई।
तोमर ने कहा ये बदलाव क्रांतिकारी है। किसान के जीवन स्तर में बदलाव लाने वाले हैं और खेती को आगे बढ़ाने वाले हैं।