जम्मू-कश्मीर में निवेश करेगी महाराष्ट्र सरकार, जमीन खरीदकर बनाएगी दो रिजॉर्ट्स
मुंबई। आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक अच्छी खबर आई है। महाराष्ट्र सरकार ने इस केंद्र शासित प्रदेश में निवेश करने का वादा किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा है कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद कर दो रिजॉर्ट्स का निर्माण करेगी। कैबिनट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। महाराष्ट्र टूरिज्म कारपोरेशन अगले 15 दिनों में जमीन का सर्वे करेगा। फौरी तौर पर आ रही खबरें बता रही हैं कि एक जमीन लेह में खरीदी जाएगी और एक पहलगाम के क्षेत्र में।
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद पहली बार किसी राज्य ने इस प्रदेश के लिए ऐसा फैसला लिया है। दोनों जमीन की कीमतें 1-1 करोड़ तक आंकी जा रही हैं। लेकिन जमीन को चिन्हित करने के बाद ही समझ में आएगा कि जमीन के लिए महाराष्ट्र सरकार कितने पैसों का भुगतान करेगी। आर्टिकल 370 के प्रभाव में रहने से जम्मू-कश्मीर के बाहर का कोई व्यक्ति राज्य में जमीन नहीं खरीद सकता था।
राष्ट्रपति ने कुछ दिंनों पहले आदेश जारी करके जम्मू-कश्मीर में लागू आर्टिकल 370 में बदलाव करके उसे लगभग निष्प्रभावी कर दिया था। इसके बाद से महाराष्ट्र सरकार द्वारा जमीन खरीदने का ऐलान करना एक बड़ा फैसला माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर आज जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए निरस्त किए जाने के बाद पहली बार पंचायत संघ के सदस्यों को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए बुलाया गया।
क्या है Article 370
- इसी विशेष दर्जे के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती।
- इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है।
- जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता (भारत और कश्मीर) होती है।
- भारत की संसद जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यन्त सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है।
- जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग है. वहां के नागरिकों द्वारा भारत के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना अनिवार्य नहीं है।
- इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि खरीदने का अधिकार है। यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते।
- भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती।
- जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
- भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं।
- जम्मू-कश्मीर की कोई महिला अगर भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जाएगी. इसके विपरीत अगर वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाएगी।
- धारा 370 की वजह से कश्मीर में आरटीआई और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू नहीं होते हैं।
- कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू है।
- कश्मीर में पंचायत को अधिकार प्राप्त नहीं है।
- धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है।