वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने सीजेआई के खिलाफ चल रहे मामले में की बड़ी मांग
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई पर जिस तरह से यौन शोषण का आरोप लगा है उसके बाद सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील और एक्टिविस्ट इंदिरा जय सिंह ने मांग की है कि जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ स्वतंत्र और सही जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला वकील सुप्रीम कोर्ट के भीतर सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं। बता दें कि जस्टिस गोगोई पर यौन शोषण का आरोप लगा है जिसकी जांच चल रही है।
कोर्ट ने कहा दोनों अलग-अलग मामले
सुप्रीम कोर्ट की विशेष बेंच के मुखिया जस्टिस अरुण मिश्रा से इंदिरा जयसिंह ने कहा कि जिस तरह से वकील उत्सव सिंह बेंस ने कहा है कि मुख्य न्यायाधीश को फंसाने के लिए बड़ी साजिश है उसके आधार पर तीन जजों की बेंच को सीजेआई के खिलाफ जांच के दौरान पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं होना चाहिए और इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। इस बेंच में जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस दीपक गुप्ता भी शामिल हैं। बेंच ने कहा कि दोनों ही अलग-अलग मामले है और जांच में किसी भी तरह का कोई पूर्वाग्रह नहीं होगा।
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निष्पक्ष जांच की मांग
इंदिरा जयसिंह ने कहा कि मैं बार की वरिष्ठ वकील के तौर पर कोर्ट में पेश हो रही हूं, इसकी वजह यह है कि महिला वकील होने की वजह से हम न्यायपालिका और इसकी सत्यनिष्ठा को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि मैं आपको अवगत कराना चाहती हूं कि मैं सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षित महसूस नहीं करती हूं, मैं मांग करती हूं कि पूरे मामले की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।
जांच कमेटी का गठन
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए जस्टिस एस ए बोबडे के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इन जजों में जस्टिस एस ए बोबड़े, जस्टिस एन वी रमन और जस्टिस इंदिरा बनर्जी शामिल हैं। जस्टिस बोबड़े रंजन गोगोई के बाद सबसे वरिष्ठ जज हैं। सीजेआई ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज करते हुए इसे न्यायपालिका के लिए खतरा बताया था।