देश में कोरोना के मामले 3 लाख के करीब पहुंचे,एक्सपर्ट बोले-सरकार स्वीकार करे हो रहा है कम्युनिटी ट्रांसमिशन
नई दिल्ली। देश में अब हर रोज कोरोना संक्रमण के लगभग 10 हजार मामले सामने आ रहे हैं। देश में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा तीन लाख के करीब पहुंच गया है। लेकिन केंद्र सरकार देश में कोरोना के कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात से इनकार करती रही है। देश में लॉकडाउन 24 मार्च को लागू किया गया था, लेकिन इसके बावजूद अब संक्रमितों का आंकड़ा तीन लाख के करीब पहुंच गया है। बुधवार को देश में कोरोना के कुल 2,76,583 मामले दर्ज किए, जिनमें से 1,33,632 सक्रिय थे। संक्रमण से 1,35,206 ठीक चुके हैं, जबकि 7,745 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।
'अप्रैल से ही कम्युनिटी ट्रांसमिशन जैसे हालात दिखने लगे थे'
महामारी विज्ञानियों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना था कि देश में अप्रैल से ही कम्युनिटी ट्रांसमिशन जैसे हालात दिखने लगे थे। लोगों को इसकी जानकारी न दिए जाने की वजह से महामारी के बारे में भ्रम बना रहा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि, टेस्टिंग की रफ्तार भी नहीं उतनी नहीं बढ़ पाई, जितनी जरूरत थी। टेस्टिंग की रफ्तार कम होने की वजह से सरकार को भी लॉकडाउन लंबा खींचने का कारण मिल गया। कम्युनिटी ट्रांसमिशन किसी महामारी की ऐसी अवस्था मानी जाती है, जब ये मालूम नहीं चल पाता है कि, आखिर किसी व्यक्ति को संक्रमण कैसे हुआ?
'कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं'
वेल्लोर के क्रिस्चियन मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल जयप्रकाश मुलियिल ने कहा कि, हम ये जानते हैं कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन पिछले कुछ समय से शुरू हो चुका है। तो इसलिए अप्रोच ये होना चाहिए कि इसे किसी तरह कम किया जाए। अब कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की प्रक्रिया ज्यादा काम नहीं आने वाली क्योंकि इस स्टेज में हर व्यक्ति को ट्रेस करना बेहद मुश्किल काम है। मैं पहले भी इस बात को कह चुका हूं कि सरकार को दृढ़तापूर्वक ये स्वीकार करना चाहिए कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्थित आ चुकी है। इसे स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है।
कोरोना वायरस के मामले पहुंचे 3 लाख के करीब
मुलियिल ने कहा कि सरकारों को सलाह देने वाले राज्य स्तरीय विशेषज्ञों को स्थान-विशिष्ट रणनीतियों को बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए। मैंने पहले भी कहा है, सरकार को साहसपूर्वक यह स्वीकार करना चाहिए कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र के पूर्व निदेशक डॉ टी सुंदररमन ने कहा कि, कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात से इंकार कर सरकार हठधर्मिता दिखा रही है। अगर आप किसी इलाके को पूरी तरह सील कर रहे हैं इसका मतलब है कि आप बीमारी का वास्तविक सोर्स नहीं खोज पा रहे हैं। कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात से इंकार किए जाने की वजह से वो लोग अपना टेस्ट नहीं करवा पा रहे हैं जो हॉटस्पॉट जोन के बाहर हैं। इससे महामारी और ज्यादा फैलेगी ही।
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