केदारनाथ में ज्यादा कमाने के लिए खच्चरों पर जुल्म, नशा देकर हो रहा इस्तेमाल, 20 दिन में 60 की हुई मौत
रुद्रप्रयाग, जून 04। इस साल चार धाम यात्रा पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है, जिसकी वजह से प्रशासन के तमाम बंदोबस्त धरे के धरे रह गए हैं। केदारनाथ धाम पर श्रद्धालुओं की भीड़ की वजह से खच्चरों का इस्तेमाल बहुत अधिक हो गया और बताया जा रहा है कि अधिक काम की वजह से खच्चरों की मौत हो रही है। मिरर नाउ की खबर के मुताबिक, केदारनाथ के रास्ते पर इस्तेमाल किए जाने वाले करीब 60 पिछले 20 दिनों के अंदर मर गए हैं।
नशीला पदार्थ देकर खच्चरों का हो रहा है इस्तेमाल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोविड महामारी में चार धाम यात्रा बंद रहने की वजह से इस साल श्रद्धालुओं की भारी भीड़ वहां पहुंची है। इसी वजह से खच्चर के मालिक जानवरों से अधिक काम ले रहे हैं और यही वजह है कि उनकी मौत हो रही है। स्थानीय नागरिकों और तीर्थयात्रियों का कहना है कि खच्चरों को नशीला पदार्थ देकर उनकी क्षमता से कहीं अधिक काम करवाया जा रहा है। इस दौरान उन्हें बुरी तरह से पीटा भी जाता है।
यात्रा मार्ग में खच्चरों के लिए नहीं है आराम करने की कोई जगह
नियमों के मुताबिक, खच्चर के संचालकों को जानवर से सिर्फ एक यात्रा कराने की परमिशन है, लेकिन यात्रा में खुलेआम धड़ल्ले से इस नियम की धज्जियां उड़ रही हैं। बता दें कि साल 2013 की त्रासदी से पहले केदारनाथ मार्ग पर जानवरों के लिए चार स्टॉप और रेस्ट एरिया थे, लेकिन उस त्रासदी के बाद से कोई स्टॉप और रेस्ट एरिया नहीं है। यात्रा शुरू होने से पहले पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने भी खच्चर संचालकों को जानवरों पर बोझ न डालने की सलाह दी थी, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ।
रास्ते में गिरते-फिसलते दिख जाते हैं खच्चर
सोशल मीडिया पर खच्चर की एक फोटो भी सामने आई है, जिसमें खच्चर जमीन पर पड़ा हुआ है और श्रद्धालु अपनी धुन में चले जा रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि खच्चरों पर इस कदर जुल्म किया जा रहा है कि बारिश के कारण जगह-जगह खच्चरों को गिरते-फिसलते देखा जा सकता है। हालांकि इन सबके बीच रुद्रप्रयाग के मुख्य पशु चिकित्सा कार्यालय के पशु चिकित्सा कर्मचारियों को पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ किसी भी बीमार या थके हुए जानवरों की जांच के लिए तैनात किया गया है।