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Balod में गन्ने का घट रहा रकबा, लेकिन प्रबंधन बढ़ा रहा शक्कर उत्पादन का लक्ष्य, जानिए वजह

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छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में स्थित दंतेश्वरी मैय्या शक्कर कारखाने में अब दिसंबर माह से पेराई शुरू की जाएगी। लेकिन गन्ने की खेती से दुर हो रहे किसानों के चलते बालोद और दुर्ग, बेमेतरा जिले में गन्ने का रकबा घटता जा रहा है। इस बीच अब शक्कर उत्पादन के लक्ष्य को प्रबन्धन ने बढ़ा दिया है। जिसे पूरा करना एक बड़ी चुनौती होगी। वहीं बालोद के अलावा इस बार दुर्ग और बेमेतरा, के किसानों पर भी निर्भर रहना होगा।

68 हजार क्विंटल शक्कर उत्पादन का रखा लक्ष्य

68 हजार क्विंटल शक्कर उत्पादन का रखा लक्ष्य

दरअसल हर साल शूगर मिल प्रबन्धन द्वारा शक्कर उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया जाता है। जिसके तहत इस सीजन में कारखाना प्रबंधन ने 65 हजार टन गन्ने की पेराई करने का लक्ष्य रखा है। जिससे लगभग 68 हजार क्विंटल शक्कर उत्पादन होगा। दंतेश्वरी मैय्या शक्कर कारखाना करकाभाट में पेराई का 13 वां सीजन है। इससे पहले 12 वे सीजन में 50 हजार क्विंटल शक्कर उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था। जो पूरा नहीं हो सका था।

किसानों ने इसलिए गन्ने की खेती से बनाई दूरी

किसानों ने इसलिए गन्ने की खेती से बनाई दूरी

किसानों के अनुसार गन्ना उत्पादन के लिए कृषि विभाग प्रेरित करने और योजनाओं का लाभ दिलाने की बात करता है। लेकिन कुछ सालों से कृषि विभाग की गतिविधियों में कमी आई है। विभाग के अधिकारी किसानों की समस्याओं का समाधान करने में रुचि नहीं दिखाते हैं। जिसके चलते अब किसान भी गन्ने की खेती से पीछे हट रहे हैं। इसके अलावा गन्ने की कीमत व अंतर की राशि सही समय पर नहीं मिलने से किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है। किसान अब दूसरी फसल ले रहे हैं।

अन्य जिलों के भरोसे पूरा होगा लक्ष्य ?

अन्य जिलों के भरोसे पूरा होगा लक्ष्य ?

दरअसल बालोद जिले में लगातार गन्ना उत्पादक किसानों की संख्या घटती जा रही है। ऐसे में इस बार दुर्ग, बेमेतरा जिले के के भरोसे गन्ने के भरोसे पेराई की जाएगी। बालोद जिले में वर्तमान में 1235 हेक्टेयर रकबे में गन्ने की फसल ली गई है। जिसमें से लगभग 1100 हेक्टेयर रकबे में लगे गन्ना कारखाना पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस स्थिति में दूसरे जिले से गन्ना मंगाकर लक्ष्य पूरा करने के लिए कारखाने के विभागीय अफसर किसानों से सम्पर्क कर रहें हैं।

दो सीजन में नहीं पूरा हुआ प्रबन्धन का लक्ष्य

दो सीजन में नहीं पूरा हुआ प्रबन्धन का लक्ष्य

दरअसल गन्ना पेराई के 12 वे सीजन में 50 हजार क्विंटल शक्कर का उत्पादन लक्ष्य रखा गया। लेकिन गन्ने की आवक कम होने से लक्ष्य की पूरा नहीं हो सका। क्योंकि गन्ने का रकबा अनुमान से भी कहीं कम था। वही बेरला बेमेतरा से 15,000 टन गन्ना आने का अनुमान लगाया गया। लेकिन सिर्फ 6000 टन ही गन्ना मिल पहुंचा। गन्ने की कमी के चलते पिछले सीजन 69 दिन ही गन्ने की पेराई की गई थी। कारखाना प्रबंधन के अनुसार 12वे सीजन में 35 हजार 60 टन गन्ने की पेराई से 36 हजार 378 क्विंटल शक्कर उत्पादन हुआ था।

दिसम्बर के पहले स्पताह से शुरू होगी पेराई

दिसम्बर के पहले स्पताह से शुरू होगी पेराई

करकाभाट शुगर मिल के एमडी राजेंद्र राठिया ने बताया कि इस बार दिसंबर से पहले सप्ताह में 13 वे पेराई सत्र की शुरूआत करेंगे। इसके लिए कारखाने में मशीनों का मेंटेनेंस कार्य जारी है। पिछले 2 सांल तक गन्ने की कमी की वजह से शक्कर उत्पादन कम हुआ लेकिन रिकवरी रेट अच्छी रही। इस बार भी लक्ष्य तय किया गया है। दरअसल 12 वें सीजन के दौरान रिकवरी रेट 10.53% रहा और 11 वे सीजन में रिकवरी रेट 10.40 था। जबकि साल 2016-17 में 50981 टन गन्ने की पेराई की गई थी। इस दौरान 96 दिन तक गन्ने की पिराई की गई थी। जिससे लगभग 44400 क्विंटल शक्कर का उत्पादन हुआ था। इस समय 8.73% उत्पादन प्रतिशत रहा।

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English summary
Decreasing area of sugarcane in Balod, management is increasing the target of sugar production, know why farmers changed crop
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