बीत गई कालरात्रि फिर हुई सुबह-ए-बनारस
कोई भी नापाक कदम पाक कदमों को रोक नहीं सकता
मंगलवार की कालरात्रि के बाद बुधवार की सुबह वैसे ही सुंदर, शांत और दिल को छू लेने वाली हुई जैसा कि वो रोज होती है। फर्क सिर्फ इतना था कि आज की सुबह में लोगों की हिम्मत और हौसला भी शामिल था । हर रोज की तरह श्रद्धालु घाटों पर उमड़े और उन्होंने पूजा-अर्चना की, तो आस्था और विश्वास की ताकत एक बार फिर आतंकियों के नापाक इरादों पर भारी पड़ती नजर आई। और तो और श्रद्धालुओं में विदेशी भी शामिल थे। घाटों पर 'हर हर गंगे' और 'जय गंगा मैया' के स्वर सुनाई दे रहे थे।
बनारसवासियों की हिम्मत को कोटि-कोटि प्रणाम
अस्सी घाट के पुजारी, मोहन देवी प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि काशी के लोगों का यह जज्बा राष्ट्र विरोधी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब है, जो हमें ऐसे हमले करके भयभीत करना चाहते हैं। घाटों पर तड़के चार बजे से ही स्नान, पूजा-पाठ और आरती शुरू हो गई थी। गंगा घाट स्थित प्रयाग मंदिर के पुजारी मोहन प्रकाश ने संवादादताओं से कहा कि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सुबह आरती में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि वाराणसी के लोग आतंक फैलाने वालों को संदेश देना चाहते हैं कि वे अपने नापाक मंसूबों में कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे। आपको बता दें कि शीतला घाट पर मंगलवार शाम गंगा आरती के दौरान हुए बम धमाके में दो साल की बच्ची की मौत हो गई थी, जबकि 25 घायल हो गए थे।