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कभी सुना है "दबंग बैंक" का नाम? नहीं तो जानिए इसके बारे में

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पटना (मुकुन्द सिंह)। बिहार में चल रहे "दबंग बैंक" का नाम सुनते ही आपके मन में कई तरह के सवाल आ रहे होंगे कि यह कौन सा बैंक है। जिसका नाम आज तक किसी ने न तो सुना है और ना ही इसका कोई ब्रांच दिखा है। एक तरफ आस्था का दरबार तो दूसरी तरफ जिस्म का गंदा खेल

A bank run by Dabangg in Bihar

कंफ्यूज मत होइए हम आपको बताते हैं बिहार में चल रहे इस "दबंग बैंक" (सूद -ब्याज का धंधा करनेवाले दबंगों) के बारे में। बिहार की राजधानी पटना में एक "दबंग बैंक" से जुड़ा मामला सामने आया है। जिसमें दबंगों द्वारा दी हुई रकम का तीन गुना वसूल करने के बाद भी मूल पैसे के लिए जोर जबरदस्ती के साथ-साथ मारपीट किया जाता है।

पटना के "दबंग बैंक" की दबंगई पैसा नही देने पर ग्राहकों का चबाया अंगूठा

राजधानी पटना के अगमकुआ थाना क्षेत्र के दबंग छवि वाले संजय सिंह और उसकी बहन शोभा देवी के द्वारा चलाया जाता है "दबंग बैंक"। उसी बैंक से कांटी फैक्ट्री में काम करने वाले संतोष कुमार और उनकी पत्नी उषा देवी 2 वर्ष पहले 35 हजार रुपए लिए थे। पैसे लेने के बाद वह बीच-बीच में मूलधन के साथ सूद भी दिया करती थी। लेकिन 2 वर्ष पहले लिए 35 हजार का 3 गुना राशि देने के बाद भी संचालकों द्वारा मूल राशि का छह गुना रकम देने का दबाव बनाया जा रहा है।

वहीं जब संतोष और उसकी पत्नी के द्वारा अवैध पैसा वसूली तथा नाइंसाफी की बात कही गई तो सूदखोरों के संचालक संजय कुमार द्वारा उसके घर में घुसकर गाली-गलौज करते हुए मारपीट किया गया। तथा संतोष के बाए हाथ का अंगूठा चबा लिया गया। दबंगों द्वारा अपने पति का अंगूठा चवाते हुए मारपीट करने की घटना को लेकर उषा देवी ने मामले की लिखित शिकायत अगम कुआं थाने में की है। वहीं पुलिस द्वारा मामले में प्राथमिकी दर्ज करते हुए जांच पड़ताल की जा रही है।

पीड़िता ने दर्ज प्राथमिकी मे यह आरोप लगाया है कि वर्ष 2014 में उसने चित्रगुप्त नगर बैंकर्स कॉलोनी निवासी संजय सिंह व उसकी बहन शोभा देवी से 35 हजार रूपय सूध पर लिया था। जो बीच-बीच में मूलधन के साथ वापस लौटा दिया गया। फिर भी संचालकों द्वारा मूल पैसा लौटाने तथा नहीं देने पर अभद्र व्यवहार करने के साथ साथ गाली-गलौज मारपीट की बात की जाती थी। जिसे देखते हुए वर्ष 2016 में एक लाख रुपया देते हुए हिसाब किताब खत्म कर दिया था।

जानिए "दबंग बैंक "के बारे में

दबंग बैंक के द्वारा सताए जा रहे पीड़ित उषा देवी ने बताया कि यह लोग जरूरतमंद और मजबूर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। जब भी कोई व्यक्ति जिसे 10 हजार रुपए की जरूरत होती है और उनके यहां पैसा लेने जाता है तो 10 हजार में से दो सौ रूपए काट कर उन्हें मात्र 98 सौ रूपये दिया जाता है। और कहा जाता है कि अगले दिन से 60 दिनों तक दो सौ रूपये प्रतिदिन के हिसाब से कर देना पड़ेगा। मजबूरी और लाचारी की वजह से लोग उनकी शर्त मान लेते हैं। वहीं अगर किसी दिन पैसा नहीं दिया गया तो उसका दंड सौ रुपए देना होगा।

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English summary
A bank run by Dabangg in Bihar.
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