पन्ना की धरती ने फिर उगले हीरे : रातों-रात लखपति बने छात्र और मजदूर, खुदाई में मिले बेशकीमती डायमंड
सागर, 16 सितंबर। मप्र में हीरों की नगरी से नाम से पहचाने जाने वाले पन्ना में एक बार फिर दो युवकों की जिंदगी बदलने जा रही है। यहां की धरती इन पर मेहरबान हुई और चमचमाते हीरे उगले हैं। कृष्णा कल्याणपुर इलाके में उथली खदानों में एक छात्र को करीब 3.33 कैरेट व इसी इलाके में मजदूर जीवन लाल कुशवाहा व उसके दो साथियों को करीब पौने दो कैरेट का हीरा मिला है। हीरों की अनुमानित कीमत करीब 14 लाख रुपए बताई जा रही है। हीरों को सरकारी कार्यालय में जमा करा दिया गया है।
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मजदूर जीवन लाल और उसके साथियों ने एक साल पहले ली थी खदान
पन्ना जिले में मजदूरी करने वाले जीवन लाल कुशवाहा, उनके साथी रम्मू कुशवाहा, विद्या जाटव के साथ मिलकर प्रशासन के माध्यम से कृष्णा कल्याणपुर पट्टी इलाके में उथली खदान स्वीकृत कराई थी। साल भर से तीनों अपने साथियों के साथ ही खुद खदान में मिट्टी की खुदाई करते रहे, मिट्टी का साफ करने, धोने का काम कर हीरों की तलाश करते रहे। साल भर में उन्हें निराशा ही हाथ लगी थी। बीते रोेज गुरुवार को अचानक उनकी किस्मत पलटी और उनके हाथ में करीब 1.76 कैरेट का चमचमाता हीरा हाथ आ गया।
तारिक माइनिंग का छात्र है, पिता के साथ खदान ली है
पन्ना के रहने वाले माइनिंग की पढ़ाई कर रहे मोहम्मद तारिक खान ने अपने पिता के साथ मिलकर प्रशासन से कृष्णाकल्याणपुर पट्टी गांव में हीरा खुदाई के लिए उथली खदान ली थी। वे बीते 3 महीने से यहां हीरा तलाशने का काम कर थे। इस दौरान हीरा न मिलने से कुछ निराशा भी हुई, लेकिन वह हिम्मत नहीं हारे और लगातार खदान में हीरा तलाशने का काम करते रहे। बीते रोज उनके हाथ बेहतरीन कच्चा हीरा हाथ में आया हैं। जेम्स क्वालिटी का 3.33 कैरेट का हीरा तारिक खान को मिला है। शुक्रवार को उसने अपने पिता के साथ आकर इसे हीरा कार्यालय में जमा कराया है। तारिक का कहना है कि जो लोग खदान लेकर काम करते हैं, वे हिम्मत न हारें और प्रयास करते रहें, मेहतन का फल जरुर मिलता है।
जीवन कुशवाहा बहुत गरीब और खस्ताहाल स्थिति में गुजारा कर रहे
पन्ना में धरती ने जिस जीवनलाल कुशवाहा, रम्मू कुशवाहा और विद्या जाटव को हीरा मिला है। वे बहुत ही गरीबी व तंगहाली में जिंदगी गुजार रहे हैं। उनके पास दो वक्त का पेट भरने, पहनने को ढंग के कपड़े तक नहीं हैं। जगह-जगह मजदूरी करके जीवन गुजारते हैं। हीरा खदान लेते के लिए भी जीवन ने कर्जा लिया था। कर्ज लेकर खदान लगाई थी। अब हीरा मिलने के बाद तीनों साथियों के हिस्से में करीब सवा-सवा लाख रुपए आएंगे। जीवनलाल का कहना है कि वे अपने घर की स्थिति सुधारेगा। परिवार को भोजन पानी के लिए बेहतर व्यवस्था करने का प्रयास करेगा।
नीलामी में रखे जाएंगे हीरे, रकम खातों में पहुंचेगी
जिल के कृष्णा कल्याणपुर पट्टी में खदान चलाने वाले जीवनलाल कुशवाह व तारिक खान के द्वारा जमा कराए गए हीरे आगामी दिनों में आयोजित नीलामी में रखे जाएंगे। हीरों की नीलामी में देशभर से व्यापारी आते हैं। वे यहां से नीलामी में कच्चे हीरे खरीदकर ले जाते हैं। जिन्हें पालिशिंक व कटिंग के माध्यम से तराशा जाता हैं। नीलामी में राशि सरकारी खजाने में जमा होने के बाद संबंधित हीरा खदान के संचालक को खातों में राशि जमा कराई जाती है। कुल राशि में से 12 फीसदी की टैक्स व अन्य कटौती भी की जाती है।
पन्ना जिले की रुंझ नदी में हीरा तलाशने मेला सा लग रहा
पन्ना जिले में रुंझ नदी को हीरों की नदी की संज्ञा दी जाती है। इस नदी में पूर्व में कईयों को हीरे मिलते रहे हैं। पहाड़ी इलाकों से निकलकर बहने वाली इस नदी में लोग जब-तब अवैध रुप से हीरों की तलाश करते नजर आते रहे हैं। इन दिनों रुंझ नहीं में डैम बनाने का काम चल रहा है। इसके लिए मिट्टी की खुदाई की गई तो यहां लोगों ने अवैध रुप से हीरे तलाशने के लिए मेला सा लगा लिया। लोग अल सुबह से देर शाम तब नदी के किनारों, उथली नदी के हिस्से में मिट्टी का छानते, साफ करते और पानी में धोकर हीरों की तलाश कर रहे हैं। यहां स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोग पन्ना जिले से ही नहीं, पड़ोसी जिलों व उत्तर प्रदेश में बसे गांवों तक से रुंझ नदी तक पहुंच रहे हैं। पुलिस रोजाना लोगों पर कार्रवाई भी कर रही, बावजूद इसके लोग मानने को तैयार नहीं हैं।
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