सौर ऊर्जा: सरकार ने जारी किए नए दिशा निर्देश,जानिए क्या होगा फायदा
ऊर्जा मंत्रालय के नए दिशानिर्देश प्रक्रियाओं में मानकीकरण और एकरूपता प्रदान करेंगे और सौर पीवी बिजली खरीद में शामिल विभिन्न हितधारकों के बीच एक जोखिम साझाकरण ढांचे के रूप में होगा
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों के चलते देश में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा का भी भरपूर उत्पादन होने लगा है। सबसे बड़ी बात भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर ही नहीं बना है, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक बहुत बड़ा बाजार उभर कर सामने आया है। उर्जा क्षेत्र में इस कायापलट के पीछे उन योजनाओं के क्रियान्यवन में बेहतर तालमेल रहा है जिस पिछले तीन सालों में सरकार ने लागू किया है। उर्जा क्षेत्र की छोटी-छोटी समस्याओं को दूर करने के लिए लागू की गई इन योजनाओं से बहुत बड़े परिणाम सामने आए हैं। ऊर्जा मंत्रालय ने सौर ऊर्जा की खरीद को लेकर नया टैरिफ प्लान जारी किया है साथ ही बोली प्रक्रिया के लिए भी नई गाइडलाइंस जारी किए हैं। जिसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा। नए दिशानिर्देश से खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार ने ये नए दिशा निर्देश तीन अगस्त को जारी किया था। ऊर्जा मंत्रालय के नए दिशानिर्देश प्रक्रियाओं में मानकीकरण और एकरूपता प्रदान करेंगे और सौर पीवी बिजली खरीद में शामिल विभिन्न हितधारकों के बीच एक जोखिम साझाकरण ढांचे के रूप में होगा। इससे ऑफ-ट्रैकर जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी और इससे निवेश को प्रोत्साहित किया जा सकेगा। परियोजनाओं की बैंकिंग क्षमता में भी वृद्धि होगी और निवेशकों के लिए मुनाफे में भी सुधार आएगा।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा अक्षय ऊर्जा विस्तार कार्यक्रम चला रहा है और सौर ऊर्जा इस का एक महत्वपूर्ण तत्व है। पारदर्शी प्रक्रियाओं और एक सक्षम माहौल के जरिए सरकार ने सौर शुल्क को कम करने में मदद की है।
आपको बता दें कि पिछले महीने सोलर एनर्जी का टैरिफ तेजी से घटता हुआ तीन महीने पहले सबसे निचले स्तर पर आ गया था। इसके चलते डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां सोलर एनर्जी की खरीदारी में दिलचस्पी नहीं ले रही थी। इससे अक्षय ऊर्जा उत्पादक कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती पैदा हो गई थी।