
पश्चिम बंगाल में एशिया का पहला 'पॉजिटिव कैफे', HIV संक्रमित पूरा स्टॉफ, दुनिया को दे रहे अनोखा संदेश
अब थीम आधारित कैफे कारोबार का प्रचलन काफी बढ़ गया है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक उद्यमी ने यह साबित कर दिया है कि कारोबार के साथ समाज में मानवता का अनोखा संदेश भी दिया जा सकता है। हम बात कर रह रहे हैं कोलकाता के एक अनोखी थीम पर आधारित ऐसे ही कैफे की जहां से दुनिया में पॉजिटिव थिंकिंग का यूनिक मैसेज दिया जा रहा है।

पॉजिटिव कैफे में स्टाफ के सभी 7 लोग HIV पॉजिटिव
पश्चिम बंगाल में एशिया का पहला एचआईवी पॉजिटिव कैफे खुला है। इसका उद्देश्य एचआईवी पॉजिटिव लोगों के प्रति जागरूकता फैलाना है। कैफे के स्टाफ में 7 लोग हैं। ये सभी एचआईवी पॉजिटिव हैं।

एजीओ के माध्यम से चलता है कैफे
पॉजिटिव कैफे के मालिक का नाम कल्लोल घोष है। वे आनंदघर नाम से एक एनजीओ चलाते हैं। उनका एनजीओ खासतौर पर मानसिक रोग प्रभावित बच्चों और एचआईवी संक्रमितों के लिए कार्य करता है।

पूर्वी भारत में 30 पॉजिटिव कैफे खोलने की स्कीम
कल्लोल घोष ने साल 2018 में कैफे खोला था। अब वे अपने कारोबार का विस्तार कर रहे हैं। घोष की पूर्वी भारत में ऐसे 30 कैफे खोलने की योजना है। पॉजिटिव कैफे में काम करने की ट्रेनिंग देने के लिए 800 लोगों को चुना गया है।

कॉफी के साथ सैंडविच होती है सर्व
पॉजिटिव कैफे में आमतौर पर कॉलेज के छात्र और अन्य लोग आते हैं। जागरूकता फैलाने के साथ ही एचआईवी संक्रमित किशोर को यह रोजगार देने का भी एक प्लेटफार्म बन चुका है।