मां सह नहीं पा रही जुदाई, मृत बेटे की याद आने पर मुक्तिधाम जाकर चिता की राख पर लेट जाती हैं मंगूबेन
बनासकांठा, 12 मई। मां तो मां होती है। वो ताउम्र अपने बच्चों से जुदा नहीं हो पाती है। इसकी एक बानगी गुजरात के बनासकांठा जिले में देखने को मिली है। बनासकांठा जिला मुख्यालय से 113 किलोमीटर दूर गांव जूनीरोह की मंगूबेन चौहाण की यह कहानी हर किसी की आंखें नम कर देने वाली है।
दरअसल, मंगूबेन चौहाण के बेटे महेश की चार माह पहले एक हादसे में निधन हो गया था। गांव के मुक्तिधाम में महेश का अंतिम संस्कार किया गया। बेटे से जुदाई के बाद से ही मां मंगूबेन चौहाण बेसुध हो गई है। इन्हें इस कदर सदमा लगा कि जब भी बेटे की याद आती है कि श्मशाम भूमि में जाकर राख के पास उस जगह सो जाती है, जहां बेटे का दाह संस्कार किया गया था।
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मां मंगूबेन चौहाण का बेटे की चिता के पास जाकर लेट जाने का सिलसिला पिछले कई दिन से जारी है। मंगूबेन चौहाण जब भी घर पर नहीं मिलती है तो परिजन उनको तलाश करते हुए मुक्तिधाम पहुंचते हैं, जहां वो बेटे की चिता के पास लेटी मिल जाती है।