Tesla की भारत में एंट्री की तैयारी, लेकिन आसान नहीं है राह
Tesla कंपनी पिछले कुछ सालों से भारत में एंट्री की तैयारी कर रही है। एलन मस्क खुद कई बार भारत में टेस्ला की इलेक्ट्रिक कार को उतारने के लिए सार्वजनिक तौर पर कमेंट कर चुके हैं। कई राज्य सरकारों ने एलन मस्क को अपने यहां प्लांट लगाने का न्यौता भी दिया है।
इंडोनेशिया में चल रहे G-20 सम्मेलन में भी मस्क ने एक बार फिर से भारतीय बाजार में अपनी इलेक्ट्रिक कार उतारने की इच्छा जताई है। मस्क ने भारत और इंडोनेशिया जैसे बाजार के लिए सस्ती इलेक्ट्रिक कार बनाने की बात कही है।
G-20 समिट की बिजनेस फोरम मीट में हिस्सा लेते हुए एलन मस्क ने कहा कि टेस्ला भारत और इंडोनेशिया में कम लागत वाली इलेक्ट्रिक कार लाने की योजना बना रही है। कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) ने कहा कि इन दोनों देशों के बाजार में सस्ती इलेक्ट्रिक कार लाई जा सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि सस्ती गाड़ियां बनाने से बहुत कुछ समझ में आएगा और हमें इसके लिए कुछ करना होगा।
एलन मस्क ने इससे पहले भी भारत में टेस्ला इलेक्ट्रिक कार उतारने की पेशकश की थी, लेकिन सरकार ने मस्क की मांग को खारिज कर दिया था। एलन मस्क ने सरकार से Tesla की इलेक्ट्रिक कार पर भारी छूट देने की मांग की थी। केन्द्र सरकार ने मौजूदा स्ट्रक्चर के मुताबिक, ग्लोबल व्हीकल मेकर्स की पर्याप्त भागीदारी का हवाला देते हुए मस्क की इस मांग को खारिज कर दिया था।
सरकार का लोकल मैनुफेक्चरिंग पर जोर
केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार अपने मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत टेस्ला को भारत में ही गाड़ियां बनाने के लिए कह रही है, जबकि टेस्ला सरकार से गाड़ियों के पार्ट्स पर लगने वाले इंपोर्ट टैक्स में कमी करने की मांग कर रही है। हालांकि, कंपनी ने अभी तक सरकार के साथ इलेक्ट्रिक कार की लोकल मैनुफेक्चरिंग और इंपोर्ट की कोई योजना साझा नहीं की है।
सामने आ रही कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेस्ला कंपनी सरकार से गाड़ियों पर लगने वाले इंपोर्ट टैक्स कम करने को लेकर बातचीत कर रही है। जबकि, दूसरी तरफ सरकार एलन मस्क की कंपनी को भारत में पार्ट्स असेंबल करने की बजाय मैनुफेक्चर करने के लिए कह रही है।
टेस्ला की कार पर लगेगा 100 प्रतिशत इंपोर्ट टैक्स!
भारत सरकार 40,000 डॉलर (लगभग 32 लाख) से अधिक लागत, इंश्योरेंस और माल ढुलाई (CIF) वैल्यू वाली इंपोर्ट की गई कारों पर 100 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लेती है। जबकि, इससे कम वैल्यू की कारों पर 60 प्रतिशत की ड्यूटी लगती है।
Tesla की इलेक्ट्रिक कार की कीमत लगभग 35 लाख रुपये से शुरू होती है। ऐसे में टेस्ला की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार की कीमत भारत में 70 लाख रुपये के करीब होगी, जिसे आम लोग अफोर्ड नहीं कर पाएंगे।
पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, टेस्ला की गाड़ियों पर टैक्स कम करने के लिए एलन मस्क ने पीएम मोदी के साथ बैठक करने की मांग भी की थी। Tesla अपनी गाड़ियां अमेरिका और चीन में बनाती है। इन दोनों देशों के अलावा टेस्ला के लिए भारत तीसरा बड़ा बाजार बन सकता है।
Tesla Motors Inc.की स्थापना साल 2003 में हुई थी। एलन मस्क टेस्ला के साथ 2005 से एक्टिव रोल में हैं। कंपनी मुख्य तौर पर क्लीन एनर्जी और ऑटोमोटिव बैटरी ऑपरेटेड गाड़ियां बनाने के लिए जानी जाती है।
टेस्ला ने ऑटोपायलट यानी एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम को 2014 में लॉन्च किया था। 2014 से टेस्ला की सभी गाड़ियों में यह सेंसर लगा होता है, जो ड्राइवर को हमेशा मॉनिटर करता है। इसके अलावा कंपनी ने 2017 में फुल सेल्फ ड्राइविंग टेक्नोलॉजी की घोषणा की थी, जो अभी तक प्रैक्टिकल तौर पर लाई नहीं गई है।
टेस्ला की एडवांस टेक्नोलॉजी कई बार दे चुकी है धोखा
टेस्ला की ये एडवांस टेक्नोलॉजी कई बार गाड़ियों के एक्सीडेंट का कारण भी बनी है। पिछले साल चीन में आयोजित शंघाई ऑटो शो में टेस्ला की एक नाराज ग्राहक ने जमकर हंगामा किया था। टेस्ला की कार के ब्रेकिंग सिस्टम में आई खराबी की वजह से उस ग्राहक का एक्सीडेंट हुआ था।
वहीं, हाल में एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कथित टेस्ला कार बेकाबू रफ्तार में दौड़ती दिखाई देती है। यह वायरल वीडियो चीन का बताया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी वजह से दो लोगों की जान भी चली गई, जिनमें एक स्कूली छात्रा भी शामिल है।
हालांकि, टेस्ला ने कहा कि फिलहाल लोकल पुलिस और थर्ड पार्टी अप्रेजल एजेंसी इस घटना की जांच कर रही हैं। वायरल वीडियो के फुटेज में कार की ब्रेक लाइट जलती हुई नहीं दिखाई दे रही है, ऐसे में इस घटना के पीछे ब्रेकिंग सिस्टम का फेल होना सच नहीं लग रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह Tesla Model Y की कार है, जब ड्राइवर ने लोकल फैमली स्टोर पर इसे पार्क करने की कोशिश की तो यह बेकाबू हो गई।
भारत में टेस्ला का भविष्य
टेस्ला की ऑटोमैटिक कार के लिए भारत में कई संभावनाएं तो हैं, लेकिन यहां की भीड़-भाड़ वाली सड़कों के लिए यह खतरनाक भी साबित हो सकती है। पिछले महीने ही भारत में 5G सेवाएं शुरू हुई हैं, जो ऑटोनोमस टेक्नोलॉजी के लिए वरदान साबित होगी। टेस्ला भारत जैसे बड़े बाजार में उतरना तो चाह रही है, लेकिन एलन मस्क की कंपनी के लिए यह राह फिलहाल आसान नहीं होने वाली है।
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