भारती यादव पुरूष वर्चस्ववादी मानसिकता की शिकार: अदालत (राउंडअप)
नई दिल्ली, 31 मई (आईएएनएस)। पुरूष वर्चस्ववादी समाज के ऊपर कड़ा प्रहार करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को वर्ष 2002 में हुए नीतीश कटारा हत्याकांड मामले के अभियुक्त विकास व विशाल यादव को आजीवन उम्रकैद की सजा सुनाई।
समाज में औरतों को लेकर पुरूष की वर्चस्ववादी व सामंतवादी सोच को हत्याकांड की वजह बताते हुए न्यायालय ने कहा कि मामले के अभियुक्त नहीं चाहते थे कि उनकी बहन दूसरी जाति के लड़के से विवाह करे।
अपने 1,100 पृष्ठों के निर्णय में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रविंदर कौर ने कहा कि हत्या के पीछे छिपे मूल मकसद का संबंध उस वर्चस्ववादी व सामंतवादी सामाजिक व सांस्कृतिक संदर्भो से है जिसके तहत लड़कियों को जन्म से ही उसके मूल अधिकारों से वंचित किया जाता रहा है।
इस बीच दिल्ली की एक अदालत ने आज नीतीश कटारा की हत्या के मामले में दोषी पाए गए विकास यादव और विशाल यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
लगभग छह वर्ष पहले हुई हत्या के मामले में दोषी पाए गए दोनों अपराधियों के पर 160,000 रुपये का अलग- अलग जुर्माना भी लगाया गया है।
सत्र न्यायाधीश रवींद्र कौर ने सजा सुनाते हुए कहा कि यह कोई ऐसा मामला नहीं है जो कभी-कभार सामने आता है, इसलिए इस मामले में मौत की सजा नहीं सुनाई जा सकती।
गौरतलब है कि अभियोजन पक्ष द्वारा दोनों अपराधियों के लिए मौत की सजा की मांग की जा रही थी।
अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद नीतीश कटारा की मां ने कहा, "मैं अदालत के फैसले का आदर करती हूं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।