वेश्यावृत्ति छीन रही है पूर्वोत्तर के बच्चों का बचपन
गुवाहाटी, 31 मई (आईएएनएस)। गुवाहाटी के एक स्वयंसेवी संगठन द्वारा हाल ही में पुलिस के साथ मिलकर कराए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि पूर्वोत्तर के राज्यों में वेश्यावृत्ति में लिप्त 20 फीसदी लड़कियों की उम्र 11 से 17 वर्ष के बीच है।
गुवाहाटी, 31 मई (आईएएनएस)। गुवाहाटी के एक स्वयंसेवी संगठन द्वारा हाल ही में पुलिस के साथ मिलकर कराए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि पूर्वोत्तर के राज्यों में वेश्यावृत्ति में लिप्त 20 फीसदी लड़कियों की उम्र 11 से 17 वर्ष के बीच है।
'ग्लोबल आर्गनाइजेशन फार लाइफ डेवलपमेंट' (गोल्ड) नामक संगठन द्वारा कराए गए 'पूर्वोत्तर में बाल वेश्यावृत्ति में वृद्धि' नामक इस सर्वेक्षण से यह भी पता चला है कि इन क्षेत्रों में बाल वेश्यावृत्ति में पिछले साल की तुलना में इस साल पांच फीसदी की वृद्धि हुई है।
क्षेत्र के वेश्यावृत्ति से जुड़े 350 बच्चों के साक्षात्कार पर आधारित इस अध्ययन में पाया गया कि इन बच्चों को यह पेशा अपनाने के लिए मजबूर किया जाता है। इन्हें बुरी तरह पीटा और यहां तक कि उनके साथ बलात्कार भी किया जाता है।
गोल्ड के निदेशक राजीव शर्मा ने आईएएनएस से बताया, "ज्यादातर गरीब परिवारों के बच्चों को ही धन कमाने के लिए इस पेशे में उतरना पड़ता है।"
शर्मा ने आगे कहा, "हमें पता चला है कि मध्यपूर्व के देशों के शेख अपने वेश्यालयों के लिए यहां की बच्चियों को खरीद रहे हैं। इन बच्चों के 'मंगोलायड' मूल के होने के कारण दक्षिण एशियाई देशों के देह व्यापारी भी इनमें रुचि लेते हैं।"
गुवाहाटी के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने स्वीकार किया कि क्षेत्र में बाल वेश्यावृत्ति खतरनाक तेजी से बढ़ रही है। इसके लिए जल्द ही कदम उठाने होंगे।
अध्ययन में पाया गया कि वेश्यावृत्ति में लिप्त ज्यादातर बच्चे असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश के थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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