Year 2018: जानिए कैसा होगा नया साल भारत देश के लिए
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है। एक ओर जहां दुनियाभर में भारत की धाक और प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है, वहीं दूसरी ओर भारत आंतरिक रूप से विभिन्न समस्याओं से घिरता जा रहा है। राजनीतिक दलों में सत्ता हथियाने की होड़ लगी हुई है तो उनके बीच बदजुबानी भी चरम पर है। पद की गरिमा का किसी को भान नहीं है और राजनीति का स्तर निम्न से निम्मतर होता जा रहा है। यह स्थिति वर्ष 2017 में अधिक देखने को मिली है। आगे भी वर्ष 2018 में ऐसे मामले बढ़ने वाले हैं। बहरहाल ज्योतिष की दृष्टि से भारत के लिए वर्ष 2018 का आंकलन करते हैं और देखते हैं भारत के लिए कैसा रहेगा नया साल।
संवत 2075 श्रावण शुक्ल
भारत के भविष्य का निर्धारण इसके स्वतंत्रता की तारीख से किया जाता रहा है। संवत 2075 श्रावण शुक्ल 4 मंगलवार दिनांक 14-15 अगस्त 2018 की मध्यरात्रि में कर्क लग्न में भारत स्वतंत्रता के 72वें वर्ष में प्रवेश करेगा। लग्न से दशम भाव में मुंथा है। मुंथेश मंगल उच्च राशि में केंद्र में विराजमान है। मुंथा पर गुरु-मंगल की पूर्ण दृष्टि है। अतः यह वर्ष भारतीय लोकतंत्र के लिए प्रतिकारक व प्रतिष्ठाकारक रहेगा, लेकिन आंतरिक स्थितियों में वर्ष भर विरोध बना रहेगा। न सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और पारिवारिक दृष्टि से भी कई विचलित करने वाली विरोधाभासी घटनाएं होंगी।
वर्ष लग्नेश चंद्रमा शुक्र साथ तृतीय स्थान में
वर्ष लग्नेश चंद्रमा शुक्र साथ तृतीय स्थान में है, शुक्र नीच राशि का होने पर स्वनवमांश में है। ऐसी स्थिति में शासनतंत्र एवं जनतंत्र में युवाशक्ति का प्रभाव बढ़ेगा। वर्ष लग्न में सूर्य, बुध, राहु स्थित है, इसके प्रभाव से भारत के पराक्रम में और वृद्धि होने के संकेत हैं। आंतरिक उपद्रवों पर कुछ हद तक नियंत्रण करने में भारत को सफलता मिलेगी, लेकिन इसके साथ ही विरोधी दलों द्वारा अस्थिरता एवं अशांति फैलाने के प्रयास भी चरम पर होंगे। मंगल सप्तम भाव में मकर राशि में उच्च का होकर पंच महापुरुष योग 'रूचक' का निर्माण कर रहा है। इससे भारत की विवेक, बुद्धि एवं चातुर्यता से विश्व में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। भारत को कूटनीतिक मोर्चे पर बड़ी सफलता हाथ लग सकती है। साइंस, टेक्नोलॉजी, धर्म, अध्यात्म के क्षेत्र में भारत कई मोर्चों पर विश्व का नेतृत्व करने की स्थिति में आएगा।
सरकारों की आर्थिक स्थिति कमजोर
हालांकि मंगल-सूर्य का षडष्टक योग शुभ नहीं है। सरकारों की आर्थिक स्थिति कमजोर होगी। महंगाई, बेरोजगारी बढ़ेगी। प्राकृतिक आपदा, अतिवर्षा, बाढ़, अनावृष्टि, भूकंप, अग्निकांड, हवाई दुर्घटना, रक्तपात, हिंसा होगी। नवमेश गुरु केंद्र स्थान में है तथा नवम स्थान पर चंद्र-शुक्र की पूर्ण दृष्टि होने से बड़े भ्रष्टाचारों का खुलासा होगा।
14-15 अगस्त 2017
14-15 अगस्त 2017 की मध्यरात्रि में स्वतंत्र भारत ने 71वें वर्ष में प्रवेश किया था। 71वें वर्ष का आरंभ वृषभ लग्न में हुआ है। लग्नेश-षष्ठेश शुक्र द्वितीय स्थान में मिथुन राशि में है। धनेश-पंचमेश बुध चतुर्थ भाव में सिंह राशि में राहु के साथ है। अन्य ग्रह स्थितियों के कारण भारत के लिए यह वर्ष संकट और संघर्षपूर्ण रहा। विभिन्न आरोप-प्रत्यारोपों से जूझते हुए भारत विदेशी मोर्चे पर तो सफल हुआ किंतु आंतरिक कलह चरम पर रही। आगे भी यह स्थिति दोहराती रहेगी। जम्मू-कश्मीर नाम राशि मकर-मिथुन से यह क्षेत्र अति संकट में रहा। मई 2018 से कश्मीर के लिए अति संकट का समय रहेगा। विद्रोह बढ़ेगा। सेना के लिए संकटपूर्ण स्थिति रहेगी। बाहरी तत्व मिलकर देश में अस्थिरता फैलाने का पूरा प्रयास करेंगे किंतु उन्हें कड़ाई से दबाने में सफलता मिलेगी।
पंजाब-हरियाणा व हिमाचल विकसित
पंजाब-हरियाणा व हिमाचल विकसित होकर प्रगति के पथ पर बढ़ेंगे। शिक्षा संस्थाओं का विस्तार होगा। नए उद्योग आएंगे। सत्ता-विपक्ष में उग्र संघर्ष, धार्मिक विवाद, गुरुद्वारों में गुटबंदी का प्रभाव रहेगा। मई से छह महीने इन राज्यों के लिए संकटपूर्ण रहेंगे। हिंसा, रक्तपात, उग्र आंदोलन होंगे। तूफान, भूस्खलन, भूकंप से जनहानि। महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक राज्यों पर शनि की दृष्टि होने से सतत संघर्षपूर्ण स्थिति बनी रहेगी। शिवसेना और भाजपा में संघर्ष मैदानी स्तर तक उतर आएंगे। बड़े प्रतिष्ठित घरानों पर आयकर छापे होंगे। सरकार और जनता में असहमति बढ़ेगी, विश्वास घटेगा। मई से छह माह तक प्राकृतिक आपदा, रक्तपात, बम धमाके, संक्रामक रोग फैलने का अंदेशा रहेगा।
बंगाल, बिहार, झारखंड व असम
बंगाल, बिहार, झारखंड व असम जैसे राज्यों में राजनीतिक संघर्ष उग्र होने वाला है। श्रमिक, किसान, राजनेता व दलितों में अति असंतोष रहेगा। सरकारें अस्थिर हो सकती है। उग्र आंदोलन, प्रदर्शन होंगे। वर्षा, बाढ़, सड़क और पुल ध्वस्त होने की आशंका है। बड़ी यातायात दुर्घटनाएं। अन्य राज्यों में आंतरिक विरोध के बावजूद अमन की स्थिति रहेगी।
14-15 अगस्त 2018 मध्यरात्रि का भारत का ग्रह स्पष्ट चार्ट
- लग्न कर्क: सूर्य, बुध, राहु
- द्वितीय सिंह: ..
- तृतीय कन्या: चंद्र, शुक्र
- चतुर्थ तुला: बृहस्पति
- पंचम वृश्चिक:
- षष्ठम धनु: शनि
- सप्तम मकर: मंगल, केतु
- अष्टम कुंभ:
- नवम मीन:
- दशम मेष: मुंथा
- एकादश वृषभ:
- द्वादश मिथुन: .
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