योगी सरकार के सख्त कदमों से कोरोना मरीजों की संख्या में आई गिरावट
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का कहर अब कम होने लगा है। नए मामलों के साथ एक्टिव मरीजों की संख्या में कमी आई है। प्रदेश के कई दर्जन जिले ऐसे थे, जिनमें अप्रैल के आखिर में नए मरीजों की संख्या सैकड़ों में होती थी, लेकिन अब इन जिलों में कोरोना संक्रमण के नए मामले दहाई की संख्या में पहुंच गए हैं। प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या में गिरावट के लिए राज्य सरकार के उठाए गए सख्त और अहम कदमों को अहम माना जा रहा है। कोरोना संकट के बीच यूपी सरकार के उठाए गए कदमों की विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और नीति आयोग ने भी सराहना की है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार कोरोना की रोकथाम के लिए कदम उठा रही है। प्रदेश में पिछले करीब एक महीने से आंशिक कोरोना कर्फ्यू है। सिर्फ जरूरी सेवाओं को ही छूट है। सरकार भी मान रही है कि लागू किए गए आंशिक कोरोना कर्फ्यू की इसमें अहम भूमिका है। इसके साथ-साथ राज्य में सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी ध्यान दिया, जिससे मरीजों को सही समय पर इलाज मिलना तय हुआ।
रिकवरी दर बढ़कर 90 फीसद से अधिक : वर्तमान में यूपी की संक्रमण दर 3.2 फीसद रह गई है, जबकि रिकवरी दर बढ़कर 90 फीसद से अधिक हो गई है। उन्हें बताया कि सरकार गांवों को संक्रमण से बचाने के लिए गांव-गांव सर्वे करा रही है। ग्रामीणों की जांच कराई जा रही है। हर गांव में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भी लगातार जिले और वहां के गांवों का दौरा कर भौतिक जायजा ले रहे हैं। इन सारे प्रयासों की प्रधानमंत्री ने भी सराहना की है। सुधार की स्थिति पर संतोष जताया और अधिकारियों को इसी तरह काम करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया।
सीएम
योगी
ने
11
मंडलों
के
47
जिलों
का
किया
दौरा
कोरोना
के
खिलाफ
जारी
जंग
में
शुरुआत
से
ही
टीम
वर्क
पर
जोर
देने
वाले
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
घोर
आपदा
के
इस
काल
में
खुद
कर्तव्यनिष्ठ
टीम
लीडर
बनकर
उभरे
हैं।
इन
विषम
परिस्थितियों
में
खुद
कोरोना
संक्रमण
का
दंश
झेलने
के
बाद
अब
वह
इस
अभूतपूर्व
चुनौती
से
निपटने
के
लिए
खुद
मैदान
में
आ
डटे
हैं।
वह
अब
तक
11
मंडलों
के
47
जिलों
का
दौरा
कर
चुके
हैं।
सीएम
योगी
दूसरी
लहर
के
दौरान
14
अप्रैल
को
खुद
कोविड
संक्रमित
हो
गए
थे,
लेकिन
होम
आइसोलेशन
में
रहते
हुए
भी
उन्होंने
टीम
लीडर
की
महती
जिम्मेदारी
बखूबी
निभाई।
रोजाना
न
सिर्फ
शासन
के
वरिष्ठ
अफसरों
के
साथ
सूबे
में
कोरोना
प्रबंधन
की
समीक्षा
की
बल्कि
वर्चुअल
संवाद
कार्यक्रमों
की
श्रंखला
के
जरिये
समाज
के
विभिन्न
तबकों
से
रूबरू
हुए।
उन्हें
जागरूक
किया
और
इस
लड़ाई
में
कोरोना
से
दो-दो
हाथ
करने
के
लिए
उनका
उत्साहवर्धन
भी।
30
अप्रैल
को
कोरोना
जांच
रिपोर्ट
निगेटिव
आते
ही
योगी
ने
मैदान
में
मोर्चा
संभाल
लिया।
योगी
के
कोविड
प्रबंधन
से
संतुष्ट
हैं
मोदी
योगी
सरकार
के
कोविड
प्रबंधन
की
सराहना
विश्व
स्वास्थ्य
संगठन
और
नीति
आयोग
पहले
ही
कर
चुका
है।
अब
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
भी
इसे
लेकर
संतोष
जताया
है।
अपने
संसदीय
क्षेत्र
वाराणसी
के
साथ
ही
प्रधानमंत्री
ने
पूरे
उत्तर
प्रदेश
की
स्थिति
की
जानकारी
ली।
मुख्य
सचिव
आरके
तिवारी
द्वारा
दी
गई
रिपोर्ट
से
संतुष्ट
होकर
उन्होंने
यूं
ही
काम
करते
रहने
के
लिए
प्रेरित
किया।
पीएम
मोदी
ने
मंगलवार
को
वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग
के
जरिए
प्रदेश
मुख्य
सचिव
और
वाराणसी
के
वरिष्ठ
प्रशासनिक
अधिकारियों
से
वहां
की
स्थिति
की
समीक्षा
की।
बकौल
मुख्य
सचिव,
उन्होंने
पीएम
को
वाराणसी
में
कोरोना
नियंत्रण
की
विस्तृत
रिपोर्ट
देने
के
साथ
ही
प्रदेश
में
कोविड
प्रबंधन
के
तहत
किए
जा
रहे
काम
की
जानकारी
दी।
शहर
के
बाद
अब
गांव
पर
फोकस
कोरोना
संक्रमण
की
चेन
तोड़ने
के
लिए
शहर
के
बाद
अब
ग्रामीण
क्षेत्रों
में
सर्तकता
और
बढ़ा
दी
गई
है।
गांव
में
लोगों
की
स्क्रीनिंग
से
लेकर
संक्रमित
होने
पर
उन्हें
इलाज
की
सुविधा
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केंद्र
(सीएचसी)
पर
ही
मिले
इस
पर
जोर
दिया
जा
रहा
है।
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
के
निर्देश
पर
ग्रामीण
क्षेत्रों
की
सीएचसी
पर
आक्सीजन
की
सुविधा
युक्त
15
बेड
होंगे।
सभी
जिलों
में
जिला
अस्पताल
व
महिला
अस्पतालों
के
बाद
घनी
आबादी
वाले
इलाके
में
स्थित
सीएचसी
पर
भी
आक्सीजन
प्लांट
लगाए
जाएंगे।सीएचसी
के
साथ-साथ
ग्रामीण
क्षेत्रों
की
पीएचसी
पर
भी
पर्याप्त
पैरामेडिकल
स्टाफ
उपलब्ध
हो
इसके
लिए
जल्द
भर्ती
प्रक्रिया
भी
शुरू
की
जाएगी।
वहीं
अब
आयुष
के
डॉक्टरों
को
भी
तैनात
किया
जाएगा।
प्रति दिन हो रही एक हजार मीट्रिक टन आक्सीजन की आपूर्ति : प्रदेश में आक्सीजन की सप्लाई लगातार बढ़ाई जा रही है। प्रदेश में प्रति दिन एक हजार मीट्रिक टन से अधिक आक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि एक दिन में होम आईसोलेशन के 3900 मरीजों को भी 29.23 मीट्रिक टन आक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित कराई गई। लिंडे, आइनॉक्स व रियालंस कंपनी से ट्रेन के जरिए प्रदेश में आक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। प्रदेश में अब तक 30 आक्सीजन एक्सप्रेस व 14 जीवन रक्षक आक्सीजन एक्सप्रेस से लिक्विड मेडिकल आक्सीजन कानपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, आगरा, वाराणसी, मेरठ, गाजियाबाद, मीरजापुर, बरेली, लखनऊ, सहारनपुर मंडलों में पहुंचाई गई।