Bikru kand kanpur : वो काली रात जब कानपुर के बिकरू गांव में खेला गया खूनी खेल, 8 पुलिसकर्मियों की हुई थी मौत
कानपुर, 02 जुलाई: आज ही के दिन ठीक एक साल पहले उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक ऐसा कांड हुआ था, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। बिकरू गांव में कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने डीएसपी और एसओ समेत 8 पुलिसकर्मियों को गोलियों से भून दिया था। पुलिसकर्मियों के शरीर से दर्जनों गोलियां मिली थीं। पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर आठ दिन के अंदर गैंगस्टर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। इस मामले के 45 आरोपियों को पकड़कर जेल भेजा जा चुका है। कानपुर में हुई इस घटना को आज एक साल बीत गए हैं, यह घटना आज भी लोगों के जहन में ताजा है।
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आधी रात में खेला गया खूनी खेल
दरअसल, चौबेपुर के जादेपुरधस्सा गांव मे रहने वाले राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने विकास दुबे व उसके साथियों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की। तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा ने 2 जुलाई 2020 की रात करीब 12:30 बजे पुलिस टीम के साथ बिकरू गांव में दबिश डाली। सीओ और उनकी टीम इस बात से अंजान थी कि विकास दुबे और उसके गुर्गे पहले से घात लगाए बैठे हैं। विकास दुबे ने पुलिस को रोकने के लिए अपने घर को किले के रूप में बदल दिया था। मेन गेट के बाहर जेसीबी लगा दी थी। पुलिस की टीम के पहुंचते ही विकास और उसके गुर्गों ने चारों तरह से गोलियां बरसानी शुरू कर दी। आधी रात में महज कुछ ही मिनटों में बदमाशों ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। इसमें सीओ देवेंद्र मिश्रा भी शामिल थे।
पुलिस और एसटीएफ का एक्शन, एक के बाद एक हुए एनकाउंटर
आठ पुलिसकर्मियों की लाशें बिछाने के बाद गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गे फरार हो गए थे, लेकिन ये सभी ज्यादा समय तक खुली हवा में नहीं घूम सके। पूरे देश को हिला कर रख देने वाली इस घटना में अगले दिन तीन जुलाई से एक्शन शुरू हो गया। पुलिस और एसटीएफ की टीम ने मिलकर अगले दिन ही सुबह सबसे पहले विकास के रिश्तेदार प्रेम कुमार पांडेय और अतुल दुबे को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। इसके बाद हमीरपुर में विकास दुबे का भतीजा और शार्प शूटर अमर दुबे मारा गया। पुलिसकर्मियों का हत्या प्रवीण दुबे इटावा में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। इसके बाद पुलिस हिरासत से भागने की फिराक में प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय मिश्रा ढेर हो गया। लेकिन मुख्य आरोपी विकास दुबे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर था।
नाटकीय ढंग से हुआ सरेंडर, पलटी गाड़ी, एनकाउंटर में ढेर विकास
बिकरू कांड के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए हर जिले की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया था। यूपी पुलिस और एसटीएफ विकास की धरपकड़ के लिए लगी थी। इस बीच 9 जुलाई की सुबह विकास दुने उज्जैन में नाटकीय ढंग से सरेंडर कर दिया। यूपी एसटीएफ की टीम मध्य प्रदेश गई। सड़क मार्ग से विकास दुबे को कानपुर लेकर आया जा रहा था, तभी सचेंडी थाना क्षेत्र में गाड़ी पलट गई। इस गाड़ी में ही विकास दुबे था। एसटीएफ ने दावा किया था कि गाड़ी पलटने की वजह से विकास दुबे पिस्टल लूटकर भागा और गोली चलाईं। जवाबी कार्रवाई में वो मारा गया। इस एनकाउंटर पर काफी सवाल उठे, लेकिन पुलिस और मजिस्ट्रेटी जांच में सभी एनकाउंटर सही ठहराए गए।
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