3 लाख सैनिकों को कम करेगा चीन, स्टील्थ जेट्स और मिसाइल्स पर जोर
बीजिंग। बड़े सैनिक सुधार की तरफ कदम बढ़ा चुके चीन के सामने मुश्किलें पैदा हो रही हैं। चीनी राष्ट्रपति ने पिछले महीने यह घोषणा की थी कि सेना से 3 लाख जवानों को कम किया जाएगा। इस घोषणा के खिलाफ पूर्व में सेना से हटाए गए हजारों जवानों ने बीजिंग में विरोध प्रदर्शन किया। चीन की सोशल मीडिया में भी इस मसले पर बवाल मचा हुआ है।
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चीन में सैनिक सुधारों को लेकर अफवाहें
पिछले महीने सितंबर में चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने अचानक यह घोषणा कर सबको चौंका दिया था कि सेना से 3 लाख सैनिकों को सेवा से हटाया जाएगा। चीन का जोर अब अत्याधुनिक तकनीक वाले स्टील्थ जेट्स और मिसाइल्स पर है।
सेना में सुधार का यह फैसला चीन में ऐसे समय में लिया गया जब देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है। चीन की सरकार एक तरफ आर्थिक सुधारों की समस्या से जूझ रही है वहीं अब सैनिक सुधार को लेकर बवाल खड़ा हो गया है।
सेना में सुधार के खिलाफ क्यों हैं सैनिक?
चीन में सोशल मीडिया और वेबसाइट्स के जरिए यह बात फैल गई है कि सेना से हटाए जाने वाले जवानों को मिल रही सुविधाओं में कटौती होगी। इसलिए इस फैसले का विरोध हो रहा है।
चीन ने कहा, अफवाहों से हो रहा नुकसान
चीनी सेना के आधिकारिक प्रवक्ता का कहना है कि सोशल मीडिया पर फैली अफवाहें आधारहीन हैं। देश की कुछ ताकतें सैनिक सुधार के रास्ते में बाधा डालने की कोशिश में हैं। फैलाई गई अफवाहों ने जवानों का ध्यान खींचा है और कुछ तो उन पर यकीन करने लगे हैं। सैनिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं और उनका काम प्रभावित हो रहा है।
चीनी सेना ने जवानों से अपील की है कि वे अफवाहों पर यकीन न करें और कोई भी सूचना आधिकारिक सूत्रों से ही लें। चीन सरकार ने वादा किया है कि हटाए जा रहे सैनिकों का ध्यान रखा जाएगा और उनको दूसरे कामों में लगाया जाएगा।
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