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IMF की चेतावनी, दुनिया में गहरा रहा है मंदी का खतरा, वैश्विक आर्थिक विकास में भारी कमी के संकेत

आईएमएफ की प्रबंध निदेशक ने आगे कहा कि कई देश रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था को देख रहे हैं।

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IMF (अंततराष्ट्रीय मुद्रा कोष) ने वैश्विक मंदी के जोखिम को लेकर चेतावनी दे दी है। दुनियाभर में मंदी का जोखिम बढ़ रहा है और एक बार फिर 2023 के लिए वैश्विक आर्थिक विकास के अपने अनुमान को कम कर रहा है। 2026 तक वैश्विक आर्थिक विकास में 4 ट्रिलियन अमेरिकी डालर तक की कमी आ सकती है। आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva)ने अगले हफ्ते होने वाली वार्षिक बैठक से पहले इस बड़े संकट से निपटने के लिए साथ मिलकर काम करने की बात कही है।

वैश्विक मंदी का खतरा

वैश्विक मंदी का खतरा

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष एक बार फिर 2023 में वैश्विक आर्थिक विकास के अपने अनुमानों को कम कर रहा है। 2026 तक वैश्विक आर्थिक विकास में 4 ट्रिलियन अमेरिकी डालर तक की कमी आ सकती है।

आईएमएफ की चेतावनी

आईएमएफ की चेतावनी

आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने गुरुवार को जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चीजें बेहतर होने से पहले और भी ज्यादा खराब होने की आशंका है। जॉर्जीवा ने आगे कहा कि फरवरी में शुरू हुए यूक्रेन और रूस के बीच जंग ने आईएमएफ के दृष्टिकोण को नाटकीय रूप से बदलकर रख दिया है। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर इस वक्त कई सारे देश संकट में हैं।

रूस और यूक्रेन यु्द्ध का असर

रूस और यूक्रेन यु्द्ध का असर

आईएमएफ की प्रबंध निदेशक ने आगे कहा कि कई देश रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था को देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपने वैश्विक विकास अनुमानों को पहले ही तीन बार कम कर दिया है। 2022 के लिए यह 3.2 प्रतिशत और आगे 2023 के लिए 2.9 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहा है।

कई देश संकट का सामना करेंगे

कई देश संकट का सामना करेंगे

वैश्विक मंदी के जोखिमों का जिक्र करते हुए आईएमएफ चीफ ने आगे कहा कि आईएमएफ का अनुमान है कि जिन देशों का विश्व अर्थव्यवस्था में एक तिहाई से अधिक का योगदान है, वैसे देशों में इस वर्ष और अगले साल कम से कम लगातार दो तिमाहियों का आर्थिक दबाव बढ़ेगा।

तेल में कटौती से परेशानी बढ़ी

तेल में कटौती से परेशानी बढ़ी

बता दें कि पिछले दिनों तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक प्लस ने तेल की कीमतों में गिरावट को रोकने के लिए उत्पादन में भारी कटौती करने का फैसला किया है। इससे दुनिया की अर्थव्यवस्था करारा झटका लगने के आसार नजर आ रहे हैं। जॉर्जीवा ने कहा कि मौद्रिक नीति को तेज करना कई अर्थव्यवस्थाओं को लंबे समय तक मंदी में धकेल सकता है।

20 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती

20 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती

बता दें कि, ओपेक प्लस के तेल में कटौती करने का फैसला नवंबर से लागू होने जा रहा है। सऊदी अरब ने कहा था कि उत्पादन में 20 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती पश्चिम में बढ़ती ब्याज दरों और कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था का जवाब देने के लिए आवश्यक थी।

(Photo Credit : Twitter&PTI)

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English summary
The International Monetary Fund is once again lowering its projections for global economic growth in 2023, projecting world economic growth lower by $4 trillion through 2026.
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