क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

कुत्ते इंसानों को क्यों काट लेते हैं?

बीते महीनों में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनकी वजह से कुत्तों को लेकर लोगों के मन में डर बढ़ा है.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
कुत्ता
Getty Images
कुत्ता

  • केरल में, पिछले महीने 12 साल की एक बच्ची पर आवारा कुत्ते ने हमला कर दिया था. पांच सितंबर को इस बच्ची की मौत हो गई.
  • हाल ही में दिल्ली से सटे ग़ाज़ियाबाद की सोसाइटी की लिफ़्ट में एक दस साल के बच्चे को कुत्ते ने काट लिया.
  • मुंबई में एक पालतू कुत्ते ने फ़ूड-डिलीवरी करने वाले शख़्स को घायल कर दिया.
  • उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में, पिट बुल ने अपनी 82 साल की बूढ़ी मालकिन पर ही हमला कर दिया, जिसके बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका.
  • ग़ाज़ियाबाद में ही 6 साल की बच्ची पर पिटबुल ने दो सितंबर को अटैक किया था.
  • उत्तर प्रदेश के ही दूसरे शहर नोएडा में, जुलाई महीने में एसडीएम गुंजा सिंह को आवारा कुत्ते ने काट लिया था.

बीते कुछ महीनों में कुत्तों के बच्चों, बूढ़ों और वयस्कों पर हमले के ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिन्होंने लोगों की चिंता बढ़ा दी है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़, हर साल क़रीब 55 हज़ार लोग कुत्तों के काटने के बाद रेबीज़ होने से जान गंवा बैठते हैं.

एशिया और अफ्रीका में कुत्तों के काटने के सबसे अधिक मामले आते हैं.

भारत में रेबीज़ के मामले और उनसे होने वाली मौतों के क़रीब 30 से 60 फ़ीसद मामले 15 साल से कम उम्र के बच्चों के हैं.

मामले की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है.

दरअसल, केरल में कुत्ते के काटने से बच्ची की मौत के मामले में एडवोकेट वीके बिजू ने चीफ़ जस्टिस के सामने याचिका दायर की है. इस याचिका में कुत्तों के काटने के बढ़ते मामलों पर चिंता ज़ाहिर की गई है. याचिका में दावा किया गया है कि बीते पांच सालों में कुत्ते के काटने के दस लाख मामले सामने आए हैं.

पांच सितंबर को दायर इस याचिका पर नौ सितंबर को सुनवाई भी हुई.

शुक्रवार नौ सितंबर को हुई इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना की दो जजों वाली बेंच ने कहा कि लोगों की सुरक्षा और पशुओं के अधिकारों के बीच संतुलन बनाए रखना होगा.

शीर्ष अदालत ने कहा कि आवारा कुत्तों के मुद्दे को हल करने के लिए एक तर्कसंगत समाधान खोजा जाना चाहिए. इस मामले में अगली सुनवाई अब 28 सितंबर को होनी है.

कुत्ते का कटना
Getty Images
कुत्ते का कटना

लेकिन कुत्ते काटते क्यों हैं?

जाने-माने वेटनरी डॉक्टर अजय सूद के मुताबिक़, "कुत्तों के काटने के ज़्यादातर मामले इलाक़े की लड़ाई और सुरक्षा से जुड़े होते हैं."

वह कहते हैं, "हर कुत्ता अपने इलाक़े का निर्धारण करके रखता है. अब एक ओर मानव-जनसंख्या बढ़ती जा रही है तो दूसरी ओर कुत्तों की संख्या भी तेज़ी से बढ़ रही है. ऐसे में उनका इलाक़ा कम होने लगा है. अब जब उस इलाक़े की सुरक्षा कर पाना उनके लिए मुश्किल होने लगता है तो कुत्ते असुरक्षित महसूस करने लगते हैं. उन्हें लगने लगता है कि इंसान उसके इलाक़े में घुस रहा है तो ऐसी स्थिति में वह आक्रामक हो जाते हैं."

डॉ. अजय सूद के मुताबिक़, "कई बार कुत्ते डराने को खेल की तरह देखते हैं. मान लीजिए, उन्होंने किसी इंसान को दौड़ा लिया तो उनमें डराने का भाव आ जाता है. जब उन्हें ये एहसास हो जाता है कि इंसान उससे डर रहा है तो वो इसे खेल की तरह देखने लगते हैं. इसी दौरान वह कभी-कभी काट भी लेते हैं."

स्ट्रे-डॉग्स के मामले में बढ़ता तापमान, खाने की कमी, ट्रैफ़िक का शोर, तेज़ चकाचौंध रोशनी जैसे कारक भी असर डालते हैं. ऐसी परिस्थितियां उन्हें आक्रामक बनाती हैं.

पालतू-कुत्ते क्यों काट लेते हैं

डॉक्टर सूद कहते हैं कि पेट-डॉग्स को उनके रखने वाले ही बिगाड़ते हैं.

वह बताते हैं, "दो-तीन महीने का पपी हर चीज़ को दांत से पकड़ता है क्योंकि उसके दांत आ रहे होते हैं और इस समय उसे रखने वाले उसे रोकते नहीं हैं. लोग इसे उसके साथ खेल की तरह इन्जॉय करते हैं. बाद में फिर यही उसकी आदत बन जाती है. हालांकि यही वो समय होता है जब कुत्ते को सिखाना होता है."

डॉक्टर सूद एक और वजह बताते हैं.

वह कहते हैं, "एक वजह यह भी है कि बहुत से लोग कुत्ता लेकर आते हैं और उसे घर के एक कोने में बांध देते हैं. ऐसा कुत्ता जो लोगों के साथ बेहद कम घुल-मिल पाता है और कोने में बंधा रहता है तो वह आक्रामक हो जाता है. वो असुरक्षित हो जाता है और उसके साथ बहुत हद तक संभव है कि अगर वो अधिक आक्रामक है तो काट लेगा."

कुत्तों के आक्रामक होने का एक कारण खान-पान का असंतुलित होना भी है.

कई बार घरों में कुत्तों को उनकी ख़ुराक से अधिक खाना दे दिया जाता है, या फिर उनका वर्क-आउट उस अनुपात में नहीं होता है. ऐसे में शारीरिक ऊर्जा का पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाता और यह भी उन्हें आक्रामक बना देता है.

भारत में पशुओं के लिए काम करने वाली फ्रेंडिकोज़ संस्था के अभिषेक सिंह कहते हैं, "स्ट्रे-डॉग ज़्यादा ख़तरनाक हैं या पेट-डॉग, इसका सीधा जवाब यह है कि यह ब्रीड पर निर्भर करता है. अगर हाइपर ब्रीड का कुत्ता है तो वो निश्चित तौर पर ज़्यादा आक्रामक होगा."

वह कहते हैं, "कुत्ता अगर हाइपर ब्रीड का है तो पता नहीं चलता है कि उसका मूड कब बदल जाएगा. हो सकता है कि आपने उसे किसी ग़लत जगह छू लिया या फिर आपको उसका 'टच' समझ नहीं आया तो वो हमलावर हो सकता है."

स्ट्रे डॉग
Getty Images
स्ट्रे डॉग

पालतू कुत्ते और स्ट्रे-डॉग के काटने में अंतर क्या है?

डॉक्टर सूद के मुताबिक़, पालतू कुत्ते के काटने में और स्ट्रे-डॉग के काटने में अंतर है. जब एक पालतू कुत्ता काटता है तो वह सामान्य तौर पर उसके बाद पीछे हट जाता है.

वह कहते हैं,"आमतौर पर पालतू कुत्तों को यह अंदाज़ा हो जाता है कि उनसे ग़लती हो गई है. इसलिए वे किसी को काटने के बाद पीछे हट जाते हैं. वहीं स्ट्रे-डॉग 'हंटिंग' व्यवहार वाले हो जाते हैं. उसमें काटने की प्रवृत्ति पैदा हो जाती है."

पालतू कुत्तों को आमतौर पर वैक्सीन लगी ही होती है. वहीं स्ट्रे-डॉग वैक्सीनेटेड नहीं होते हैं तो उनके काटने पर रेबीज़ होने का ख़तरा कहीं अधिक होता है.

कुत्ता
Getty Images
कुत्ता

पागल कुत्ते के काटने का क्या मतलब?

अक्सर कहा जाता है कि अगर पागल कुत्ता काटता है तो उस पर चार दिनों तक नज़र रखनी चाहिए. अगर वो ज़िंदा है तो ठीक है लेकिन अगर वो मर जाता है तो ख़तरे की बात है.

इस पर डॉक्टर सूद बताते हैं, "एक कुत्ता रेबीज़ इंफ़ेक्शन होने के चार से दस दिन के भीतर मर जाता है. ऐसे में अगर किसी स्ट्रे-डॉग ने किसी को काट लिया है तो ऐसा माना जाता है कि वह उसी दिन संक्रमित हुआ होगा और फिर उस पर नज़र रखने को कहते हैं. यह एक तरह का संकेत है कि कुत्ता रेबीज़ संक्रमित था, तो अब आपको इंजेक्शन लेना अनिवार्य है."

रेबीज़ भी दो किस्म के होते है. पहला डम्ब रेबीज़. इस तरह के रेबीज़ में कुत्ते के शरीर की नसें ढीली पड़ने लगती है और वो किसी एक कोने में पड़ा रहता है. फिर वो लकवाग्रस्त होकर चार दिन में मर जाता है.

दूसरा है फ़्यूरिसय फॉर्म ऑफ़ रेबीज़. इसमें कुत्ते को मरने में दस दिन लगते हैं और इस दौरान वह काफी आक्रामक हो जाता है.

डॉक्टर सूद कहते हैं, "इस किस्म के रेबीज़ में कुत्ता आक्रमक हो जाता है. वो अपना स्लाइवा निगल नहीं पाता है तो उसकी लार टपकती रहती है. उसके गले की नसें लकवाग्रस्त होने लगती हैं. वो परेशान होने लगता है तो काटना शुरू कर देता है."

कुत्ता
Getty Images
कुत्ता

कुत्ता काट ले तो क्या करें?

कुत्ता काट ले तो ज़्यादातर लोग इस आशंका से घिर जाते हैं कि उन्हें रेबीज़ ना हो जाए.

डॉक्टर सूद कहते हैं कि मेडिकली आपको सबसे पहले उस कटे हुए को कम से कम दस मिनट तक पानी और साबुन से धोइए. इसके बाद बीटाडिन लगा लीजिए.

"आमतौर पर पालतू कुत्तों को वैक्सीन लगी होती है तो रेबीज़ होने का ख़तरा नहीं है, ऐसे में इसे आम घाव की ही तरह ट्रीट करें लेकिन अगर किसी स्ट्रे-डॉग ने काटा है तो बेशक उस पर नज़र रखें और अगर कुत्ते की मौत हो जाती है तो एंटी-रेबीज़ का इंजेक्शन लगवाएं."

डॉक्टर सूद बताते हैं, "एंटी-रेबीज़ वैक्सीनेशन का यह है कि पहले दस दिन नज़र रखना चाहिए. जिस दिन कुत्ते ने काटा उस दिन, तीसरे दिन, सातवें दिन, चौदहवें दिन और फिर अट्ठाईसवें दिन..यानी पांच इंजेक्शन लगते हैं."

रेबीज़ का एक इंजेक्शन 300-400 रुपये का लगता है. इससे पहले एक इम्युनोग्लोबुलिन का इंजेक्शन भी लगता है. जो भारत के सरकारी अस्पतालों में मुफ़्त लगाया जाता है.

कु्ता
Getty Images
कु्ता

अगर कोई पालतू कुत्ता रख रहा है तो नियम क्या हैं?

हर कुत्ते का अपना एक माहौल होता है.

मसलन, जर्मन शेफ़र्ड का इस्तेमाल भेड़ों के झुंड को एकसाथ करने के लिए किया जाता है. ऐसे में अगर वो हर रोज़ वॉक नहीं कर रहा है तो यह उसके लिए सही नहीं है.

ऐसे ही पिटबुल जैसे विशाल कुत्ते दरअसल, गार्ड कुत्ते हैं. आपके पास भरपूर जगह है तो इन्हें पालने मे कोई बुराई नहीं लेकिन अगर सीमित जगह है तो इन्हें ना ही पालें. ऐसा करना उनकी सेहत के लिए ठीक नहीं है.

ऐसे में अगर आपके पास सीमित जगह है तो आप छोटे आकार वाले कुत्ते पालें.

जानवरों के लिए काम करने वाली संस्था फ्रेंडिकोज़ के सदस्य अभिषेक सिंह के मुताबिक़ पालतू कुत्तों के लिए मालिकों को नीचे लिखे काम ज़रूर करना चाहिए.


  • आपका जानवर पूरी तरह से वैक्सीनेटेड होना चाहिए.
  • वैक्सीनेशन कार्ड पूरी तरह अपडेटेड होना चाहिए.
  • हेल्थ-चेकअप रेग्युलर होते रहना चाहिए.
  • जानवर को रीलोकेट नहीं कर सकते हैं. मतलब ये कि आप किसी पालतू जानवर को कहीं ले जाकर छोड़ नहीं सकते हैं.
  • जानवर के साथ किसी प्रकार की हिंसा नहीं होनी चाहिए.
  • इसके अलावा हर सोसायटी के अपने ख़ास नियम होते हैं, जिनका पालन करना होता है.

ये भी पढ़ें

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Why do dogs bite humans?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X