ट्रेन के ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बचाई एक दर्जन से अधिक हाथियों की जान, ट्रैक पर आ गया था झुंड
रांची, अगस्त 27। झारखंड के लातेहार जिले में शक्तिपुंज एक्सप्रेस के ड्राइवर की समझदारी से करीब एक दर्जन से अधिक हाथियों के झुंड की जान बच सकी है। दरअसल, लातेहार के पलामू टाइगर रिजर्व के पास एक दर्जन से अधिक हाथियों का झुंड अचानक से रेलवे ट्रैक के सामने आ गया था, लेकिन ट्रेन के लोको पायलटों ने समय पर इमरजेंसी ब्रेक लगाकर सभी हाथियों की जान बचा ली। हाथियों के इस झुंड में हाथी के कई बच्चे भी शामिल थे।
शुक्रवार शाम की है घटना
इस घटना के बारे में शनिवार को अधिकारियों ने जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक, हावड़ा-जबलपुर शक्तिपुंज एक्सप्रेस शुक्रवार शाम को करीब छह बजे 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बंगाल जा रही थी। ट्रेन जब पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में छिपादोहर और हेहेगढ़ा रेलवे स्टेशन के बीच पहुंची तो लोको पायलटों को इमरजेंसी ब्रेक लगाने पड़ गए और ऐसा इसलिए करना पड़ा, क्योंकि रेलवे ट्रैक पर 1 दर्जन से अधिक हाथियों का झुंड आ गया था।
हाथियों के झुंड से 60 मीटर पहले रूकी ट्रेन
अचानक हाथियों के झुंड को देखकर ट्रेन के लोको पायलटों ने हिम्मत से काम लिया और इमरजेंसी ब्रेक लगा दी। इसके बाद हाथियों का झुंड जंगल की ओर चल गया। ट्रेन के असिस्टेंट लोको पायलट रजनीकांत चौबे ने कहा है, "लोको पायलट एके विद्यार्थी और मैंने तेजी से इमरजेंसी ब्रेक खींचा और ट्रेन को हाथियों के झुंड से करीब 60 मीटर पहले रोक दिया।" उन्होंने कहा कि हमने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर कम से कम 12 हाथियों की जान बचा ली।
घटना वाली जगह नहीं था स्पीड का कोई साइन
रजनीकांत चौबे ने कहा कि जिस जगह यह घटना हुई, वहां पर स्पीड लीमिट का कोई साइन बोर्ड नहीं था, इसलिए हमें यह जानकारी नहीं थी कि यह इलाका जंगली जानवरों की मूवमेंट का इलाका है। हालांकि हमने Caution line के बाद ट्रेन की गति को 25 किलीमीटर प्रति घंटा रखा था।
पीटीआर में रहते हैं 250 हाथी
पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बताया है कि मौजूदा डबल-लाइन रिजर्व के मुख्य क्षेत्र में छिपादोहर और हेहेगरा के बीच 11 किलोमीटर की दूरी से होकर गुजरती है। पूरा टाइगर रिजर्व 1,129.93 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। रिजर्व में करीब 250 हाथी हैं और इनका मूवमेंट इस तरह होता रहता है।
पीटीआर के अधिकारियों ने किया ड्राइवरों का शुक्रिया
पलामू टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर कुमार आशुतोष ने इस घटना को लेकर कहा है, '12 हाथियों की जान बचाने के लिए हम लोको पायलटों का शुक्रिया अदा करते हैं। उन्होंने कहा कि घने जंगल के बीच से ट्रेनों की लगातार आवाजाही से रिजर्व में वन्य जीवों को खतरा रहता है। इस इलाके में कई हाथी मारे जा चुके हैं। मैं अन्य लोकों पायलटों से भी यह अपील करता हूं कि वो इसी तरह सावधानी से यहां से ट्रेन को लेकर जाएं।
MP: नन्हा हाथी पहली दफा सैर पर निकला था, नाला उफनता देख हाथियों ने बना लिया सुरक्षा घेरा