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उत्‍तर प्रदेश में बनाया जा रहा है इंसानी बारूद

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लखनऊ। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही आम जन ये सोचने लगे हैं कि अब अच्‍छे दिन आने वाले हैं। आशवादी होकर कुछ सोचना एक अच्‍छी बात है लेकिन हकीकत ये है कि मोदी की कट्टरता के कारण अब आईएसआई आतंकवादी संगठन पुन: दंगों को भड़काने की साजिश रचने लगा है। इस मामले में उत्‍तर प्रदेश पहले नंबर पर टारगेट किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआई ने आईएम के जरिए अब तक यूपी में शांत पड़े नेटवर्क को एक बार फिर एक्टिवेट करने के लिए अपने पुराने एजेंट्स से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। उनका इरादा इस बार बारूद से धमाका करना नहीं, बल्कि इंसानी जज्बातों को भड़काकर उसे बारूद की तरह इस्तेमाल कर पूरे देश में अशांति फैलाना है।

मोदी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारी के बाद से ही उन पर हमले के साजिश की खबरें लगातार आ रही हैं। लोकसभा के चुनाव प्रचार शुरू होते ही मोदी की पटना रैली में हुआ बम विस्फोट भी इस बात को मजबूती दे रहा है कि भारत विरोधी संगठन सक्रिय हो चुके हैं। देश में अशांति फैलाने की साजिश रच रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले त्यौहारों के समय यह संगठन बड़े पैमाने पर गड़बड़ी फैलाने की फिराक में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, यह खतरा वैसे तो पूरे देश में मंडरा रहा है, लेकिन दंगों की आग में आए दिन झुलसने वाला यूपी ऐसे तत्वों के खास निशाने पर है।

2013 में हुए सांप्रदायिक दंगे:

- चार मार्च 2013- अंबेडकरनगर के टांडा में हिंदू जागरण मंच के नेता राम बाबू गुप्‍ता की हत्‍या के बाद कस्बे में सांप्रदायिक तनाव फ़ैल गया। वारदात से उग्र हुए स्थानीय लोगों ने तोडफ़ोड़ की और पुलिस के वाहन समेत कई गाडिय़ों को आग के हवाले किया।
- 26 जुलाई को मुरठ के नंगलामल मंदिर में लाउडस्पीकर बजाने को लेकर दो समुदायों में झड़प।
- 31 जुलाई को मेरठ में रमजान का जुलूस के दौरान पथराव।
- तीन अगस्त को एटा के अम्मापुर कस्बे में छात्राओं से छेड़छाड़ के विरोध में मारपीट के बाद बवाल।
- छह अगस्त को रामपुर के बहादुरगंज में भी नमाज के दौरान लाउडस्पीकर बजाने को लेकर बवाल।
- नौ अगस्त को अमरोहा में ईद की नमाज पढ़ने जा रहे युवकों द्वारा हिंसा और तोड़फोड़।
- नौ अगस्त को ही मेरठ के जानी थाना क्षेत्र के रसूलपुर धौलड़ी गांव में सोशल मीडिया पर इस्लाम पर टिप्पणी को लेकर लोग सड़कों पर उतर पड़े।
- 12 अगस्त को जौनपुर के मछलीशहर में कुत्ते की मौत ने सांप्रदायिक बवाल का रूप ले लिया।
- 16 अगस्त को बुलंदशहर में एक युवती के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद सांप्रदायिक उन्माद और गोलीबारी।
- 22 अगस्त को अलीगढ़ के खैर में लड़की भगाने के मामले में जाट समाज ने मुस्लिम परिवारों का बहिष्कार किया, जिसके चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी।
- 25 अगस्त को झांसी में सांप्रदायिक तनाव।
- 27 अगस्त को कन्नौज के एक बैंक में खाता खुलवाने को लेकर दो समुदायों में बवाल।
- 27 अगस्त को कवाल में सांप्रदायिक तनाव में तीन युवकों की हत्या के बाद दंगे भड़के और मुजफ्फरनगर महीनों तक इस दंगे की आग में झुलसता रहा।
- एक सितंबर को सुल्तानपुर के देहली मुबारकपुर में दलित की हत्या और दलित बस्ती जलाने पर दो समुदाय भिड़े।

यह इलाके हैं संवेदनशील

यह इलाके हैं संवेदनशील

केंद्रीय गुप्तचर एजेंसियों ने अपनी आंकलन रिपोर्ट में जिन इलाकों में सांप्रदायिक उन्माद फैलाए जाने की आशंका जताई है, उनमें पूरा पश्चिमी यूपी शामिल है।

शपथ ग्रहण पर भी ग्रहण लगाने की थी तैयारी

शपथ ग्रहण पर भी ग्रहण लगाने की थी तैयारी

नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के दिन अफगानिस्‍तान​ में भारतीय दूतावास पर हुए हमले का मकसद राजनयिकों को अगवा करना था।

नए युवा बनाए जा रहे हैं आतंकवादी

नए युवा बनाए जा रहे हैं आतंकवादी

आईएसआई ने इस साजिश के लिए पहले से पश्चिमी यूपी में रह रहे अपने संपर्क सूत्रों की मदद ली और हमले करने में बाहरी युवकों को लगाया।

उत्‍तर प्रदेश के संवेदनशील इलाके

उत्‍तर प्रदेश के संवेदनशील इलाके

खासतौर पर मेरठ, मुजफ्फरनगर और शामली जैसे जिले अतिसंवेदनशील हैं। इनके अलावा नरेंद्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के आस-पास के क्षेत्र गाजीपुर, मऊ और आजमगढ़ में इस तरह की साजिश रची जा सकती है।

 पिछले दो वर्षों में यूपी में हुए सांप्रदायिक दंगे

पिछले दो वर्षों में यूपी में हुए सांप्रदायिक दंगे

- 26 जुलाई को मुरठ के नंगलामल मंदिर में लाउडस्पीकर बजाने को लेकर दो समुदायों में झड़प।
- 31 जुलाई को मेरठ में रमजान का जुलूस के दौरान पथराव।
- तीन अगस्त को एटा के अम्मापुर कस्बे में छात्राओं से छेड़छाड़ के विरोध में मारपीट के बाद बवाल।
- छह अगस्त को रामपुर के बहादुरगंज में भी नमाज के दौरान लाउडस्पीकर बजाने को लेकर बवाल।
- नौ अगस्त को अमरोहा में ईद की नमाज पढ़ने जा रहे युवकों द्वारा हिंसा और तोड़फोड़।
- नौ अगस्त को ही मेरठ के जानी थाना क्षेत्र के रसूलपुर धौलड़ी गांव में सोशल मीडिया पर इस्लाम पर टिप्पणी को लेकर लोग सड़कों पर उतर पड़े।
- 12 अगस्त को जौनपुर के मछलीशहर में कुत्ते की मौत ने सांप्रदायिक बवाल का रूप ले लिया।
- 16 अगस्त को बुलंदशहर में एक युवती के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद सांप्रदायिक उन्माद और गोलीबारी।
- 22 अगस्त को अलीगढ़ के खैर में लड़की भगाने के मामले में जाट समाज ने मुस्लिम परिवारों का बहिष्कार किया, जिसके चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी।
- 25 अगस्त को झांसी में सांप्रदायिक तनाव।
- 27 अगस्त को कन्नौज के एक बैंक में खाता खुलवाने को लेकर दो समुदायों में बवाल।
- 27 अगस्त को कवाल में सांप्रदायिक तनाव में तीन युवकों की हत्या के बाद दंगे भड़के और मुजफ्फरनगर महीनों तक इस दंगे की आग में झुलसता रहा।
- एक सितंबर को सुल्तानपुर के देहली मुबारकपुर में दलित की हत्या और दलित बस्ती जलाने पर दो समुदाय भिड़े।

English summary
ISI and IM are plotting communal rights in Uttar Pradseh. ISI started to contact his network in UP.
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